एमएमए ब्लड टेस्ट की मदद से खून में मौजूद मिथाइल मेलोनिक नामक एसिड की जांच की जाती है। यह टेस्ट मुख्य रूप से शरीर में विटामिन बी12 की कमी का पता लगाने के लिए किया जाता है। मिथाइलमेलोनिक एसिड एक कंपाउंड है, जो शरीर द्वारा प्रोटीन का पाचन करने के दौरान थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बनाया जाता है।
मिथाइल मेलोनिक एसिड की मात्रा खून में विटामिन बी12 के स्तर से जुड़ी है। यदि आपके शरीर में विटामिन बी12 की कमी हो गई है, तो शरीर में एमएमए का स्तर बढ़ जाता है, वहीं विटामिन बी12 का स्तर अधिक होने पर एमएमए का स्तर कम होने लगता है। इसी प्रकार खून में एमएमए का स्तर विटामिन बी12 की कमी का पता लगाने में मदद करता है।
विटामिन बी12 पानी में आसानी से घुल जाने वाला विटामिन है, शरीर को प्रोटीन का मेटाबॉलिज्म करने के लिए इसकी जरूरत पड़ती है। यह लाल रक्त कोशिकाएं बनाने और तंत्रिका तंत्र के कार्यों को सामान्य रूप से बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शरीर को दिनभर में जितने विटामिन बी12 की जरूरत पड़ती है, वह लगभग खाद्य पदार्थों से पूरी हो जाती है। शाकाहारी खाद्य पदार्थों की तुलना में जानवरों से प्राप्त खाद्य पदार्थों में अधिक मात्रा में विटामिन बी12 पाया जाता है, जैसे अंडे, दूध और शेलफिश आदि।
हालांकि, कुछ शाकाहारी खाद्य पदार्थों में कृत्रिम रूप से भी विटामिन बी12 शामिल कर दिया जाता है, जिन्हें “फोर्टिफाइड फूड्स” कहा जाता है, जैसे नाश्ते में खाये जाने वाले सीरियल आदि। शरीर में विटामिन बी12 की कमी होने के कई कारण हो सकते हैं। इसके कारणों में आहार द्वारा कम मात्रा में विटामिन बी12 प्राप्त कर पाने से लेकर शरीर द्वारा अवशोषित न कर पाने (किसी स्वप्रतिरक्षित रोग के कारण) जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं।
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