मैनटॉक्स टेस्ट क्या है?

मैनटॉक्स टेस्ट को ट्यूबरक्युलिन स्किन टेस्ट भी कहा जाता है। इस टेस्ट का उपयोग किसी व्यक्ति में ट्यूबरकुलोसिस के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है। किसी व्यक्ति में ट्यूबरकुलोसिस की जांच करने के लिए कुछ टेस्ट उपलब्ध हैं, लेकिन मैनटॉक्स टेस्ट टीबी के टेस्ट के लिए किए जाने वाले सबसे पुराने टेस्टों में से एक है। यह एक पुरानी मानक प्रक्रिया है। इस टेस्ट के बारे में ऐसा माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस (टीबी के बैक्टीरिया) से संक्रमित है, तो शरीर की प्रतिरक्षी कोशिकाएं पैथोजन की पहचान कर के उनके विरुद्ध तेजी से प्रतिक्रिया करेंगी। इसीलिए जब त्वचा पर एक टेस्टिंग सोल्यूशन डाला जाएगा, तो शरीर पैथोजन की पहचान करेगा और प्रतिरक्षी कोशिकाएं इसके खिलाफ एक तीव्र प्रतिक्रिया करेंगी। टेस्टिंग सोल्यूशन में एक रसायन या केमिकल पदार्थ होता है जिसे ट्यूबरक्युलिन का प्यूरीफाइएड डेरिएटिव (पीपीडी) कहा जाता है। 

टीबी एक जानलेवा बीमारी है, जो कि मुख्य रूप से विकासशील देशों के बहुत से लोगों को प्रभावित करती है। यह बीमारी शरीर में विभिन्न रूप में रहती है, जैसे:

  • पल्मोनरी टीबी: इसमें पैथोजन फेफड़ों को प्रभावित करते हैं 
  • एक्स्ट्रापल्मोनरी टीबी: इसमें पैथोजन फेफड़ों के आस-पास के क्षेत्र को प्रभावित करते हैं 
  • लेटेंट टीबी: इसमें पैथोजन से संक्रमित होने के बाद भी लक्षण दिखाई नहीं देते 

मैनटॉक्स टेस्ट का प्रयोग मुख्य रूप से लेटेंट टीबी का परीक्षण करने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के परिणामों की पुष्टि के लिए अन्य टेस्ट भी किए जाएंगे क्योंकि इस टेस्ट के बहुत से परिणाम गलत तरह से पॉजिटिव या नेगेटिव आते हैं। इस टेस्ट के परिणाम मुख्य रूप से उस जनसंख्या पर निर्भर करते हैं, जिनका परीक्षण किया जा रहा है।

(और पढ़ें - टीबी की बीमारी में भोजन कैसा होना चाहिए)

  1. मैनटॉक्स टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Mantoux test in Hindi
  2. मैनटॉक्स टेस्ट से पहले - Before Mantoux test in Hindi
  3. मैनटॉक्स टेस्ट के दौरान - During Mantoux test in Hindi
  4. मैनटॉक्स टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - What does Mantoux test result mean in Hindi?

मैनटॉक्स टेस्ट किसलिए किया जाता है?

डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह निम्न मामलों में देते हैं:

  • जब किसी व्यक्ति का तेजी से वजन घट रहा हो, खांसी हो या रात को सोते समय पसीना आए (और पढ़ें - खांसी के उपाय)
  • जब किसी व्यक्ति के छाती के एक्स-रे के परिणाम असामान्य आएं 
  • जब कोई व्यक्ति टीबी से संक्रमित व्यक्ति के अधिक करीब रहता हो 
  • यदि किसी व्यक्ति ने हाल में ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाई हो या एचआईवी संक्रमण की जांच पॉजिटिव आएं
  • उन हेल्थ केयर वर्कर को भी इस टेस्ट को करवाने की सलाह दी जाती है, जो टीबी संक्रमित लोगों के संपर्क में रहते हैं।

(और पढ़ें - टीबी के उपाय)

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मैनटॉक्स टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

ऐसी बहुत सारी स्थितियां हैं जिनमें मैनटॉक्स टेस्ट को न करवाने की सलाह दी जाती है। इसीलिए, यदि आपने यह टेस्ट पहले करवाया है और इस टेस्ट की प्रतिक्रिया गंभीर थी तो इस बारे में आप डॉक्टर को जरूर बता दें। यदि किसी व्यक्ति में टीबी की पहचान कर ली गई है, तो इस टेस्ट को करने के लिए नहीं कहा जाता। यदि आपकी त्वचा पर चकत्ते हैं, तो इनके बारे में डॉक्टर को बताएं क्योंकि ये टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आपको बीसीजी वैक्सीन दी गई है, तो इसके बारे में भी आप डॉक्टर को जरूर सूचित करें क्योंकि इससे परिणाम गलत तरह से पॉजिटिव आ सकते हैं। अंत में यदि आप कोई भी दवा या सप्लीमेंट ले रहे है, तो डॉक्टर को बता दें और उनकी सलाह के बिना अपनी दवाओं या खुराक में किसी प्रकार का बदलाव ना करें।

(और पढ़ें - टीबी का आयुर्वेदिक इलाज)

मैनटॉक्स टेस्ट कैसे किया जाता है?

आमतौर पर, मैनटॉक्स टेस्ट में बाएं हाथ की त्वचा में एक द्रव को सुई की मदद से डाला जाता है। पहले, इंजेक्शन लगने वाली जगह को साफ किया जाता है। इसके बाद टेस्टिंग फ्लूइड (जिसमें पीपीडी होता है) को एक सुई की मदद से त्वचा में डाल दिया जाता है। इस दौरान व्यक्ति को हल्का सा दर्द हो सकता है, जो कि जल्द ही ठीक हो जाएगा। फ्लूइड के इंजेक्शन से त्वचा पर एक बम्प बन जाता है या त्वचा हल्की सी फूल जाती है जिसे व्हील भी कहा जाता है। जिस जगह पर इंजेक्शन लगाया जाता है, उसे ढका नहीं जाता। टेस्ट के परिणामों को जानने के लिए व्यक्ति को 48 से 72 घंटों बाद डॉक्टर से मिलने के लिए कहा जाता है।

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इस टेस्ट में ज्यादा समय नहीं लगेगा लेकिन इस टेस्ट में कुछ जोखिम हैं। इस टेस्ट में बम्प की प्रतिक्रिया के कारण गंभीर एलर्जी हो सकती है, जैसे बुखार या बांह और बगल में सूजन होना। इन मामलों में व्यक्ति को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए। चूंकि, इस टेस्ट में कोई भी जीवित बैक्टीरिया नहीं होते इसीलिए इस टेस्ट के सोल्यूशन से टीबी का संक्रमण होने की संभावना बिलकुल नहीं होती।

(और पढ़ें - बुखार भगाने के उपाय)

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मैनटॉक्स टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम:
बांह में जिस जगह टेस्टिंग सोल्यूशन का इंजेक्शन लगाया गया है, वहां की सूजन की लंबाई (मिलीमीटर) के अनुसार ही इस टेस्ट के परिणाम आएंगे। टेस्ट के परिणामों को समझने के लिए बम्प के लक्षणों को भी ध्यान में रखा जाता है। 

यदि इंजेक्शन वाली जगह सिर्फ लाल है, उसका आकार 5 मिलीमीटर से भी कम है और व्यक्ति में किसी प्रकार का कोई अन्य लक्षण नहीं है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति को टीबी नहीं है, जो कि नेगेटिव रिजल्ट की तरफ संकेत करता है। इसके साथ गलत तरह से नेगेटिव परिणाम भी आने की संभावना होती है, जिसका मतलब यह होना चाहिए कि व्यक्ति टीबी से संक्रमित है। लेकिन इसकी बजाए परिणामों में निम्न स्थितियां भी देखी जाती हैं:

  • किसी वायरल इन्फेक्शन की उपस्थिति में, जैसे मीजल्स या चिकन पॉक्स 
  • किसी गंभीर टीबी संक्रमण का होना जिसकी पहचान नहीं की गई है 
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, जो कोई प्रतिक्रिया न कर पाए 
  • बहुत पुराने टीबी संक्रमण का होना 
  • जिसका टेस्ट किया गया है वह उम्र में बहुत छोटा है (छह महीने से भी कम)
  • हाल ही में वायरल संक्रमण के लिए प्राप्त की गई वैक्सीन

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असामान्य परिणाम:
जब मैनटॉक्स टेस्ट के रिजल्ट पॉजिटिव आते हैं, तो इन्हें असामान्य माना जाता है। जिसका मतलब है कि व्यक्ति के टीबी से संक्रमित होने की अत्यधिक संभावना है या फिर उसके लक्षण जल्द ही दिखने लगेंगे। बम्प के लक्षण और आकार का इस संभावना से सीधा संबंध होता है। इस सूची की मदद से यह पता चलता है कि विभिन्न समूहों के व्यक्तियों में बम्प के आकार और संक्रमण होने की संभावना के बीच में क्या संबंध है:

  • एक पांच मिलीमीटर का बम्प जो कि लाल और सख्त भी है:
    इस तरह के परिणाम को पॉजिटिव माना जाएगा, यदि व्यक्ति ने इम्यूनोसप्रेसेंट दवाएं ली हैं, ट्रांसप्लांट सर्जरी करवाई है, वह एचआईवी से संक्रमित है, यदि टीबी से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में है या उसके छाती के एक्स-रे में लगातार बदलाव दिख रहा है। (और पढ़ें - बच्चों में टीबी के लक्षण)
     
  • एक दस मिलीमीटर का बम्प जो कि लाल और सख्त है:
    इस रिजल्ट को पॉजिटिव माना जाता है यदि व्यक्ति किसी ऐसी जगह पर रहता है या काम करता है जहां जनसंख्या अधिक है। इसके अलावा या फिर वह माइकोबैक्टीरियम लेबोरेटरी में काम करता है, किसी ऐसे देश से आया है जहां इस बीमारी का अधिक खतरा है या इंजेक्शन से ड्रग्स लेता है। ऐसे बच्चे या नवजात शिशु जो टीबी से संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं और जिनमें इस तरह की प्रतिक्रिया दिख रही है तो रिजल्ट को पॉजिटिव माना जाएगा। (और पढ़ें - टीबी का होम्योपैथिक इलाज)
     
  • एक पंद्रह मिलीमीटर का बम्प जो कि लाल और सख्त है:
    यह परिणाम उन लोगों में भी पॉजिटिव माना जाएगा जिन लोगों को टीबी के संक्रमण होने का कोई खतरा नहीं था। 
    (और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी में टीबी का इलाज)

निम्न मामलों में अधिकतर इस टेस्ट के परिणाम गलत तरह से पॉजिटिव आते हैं:

  • यदि व्यक्ति को पहले बीसीजी की वैक्सीन दी गई है 
  • यदि व्यक्ति को कोई अन्य माइकोबैक्टेरियम संक्रमण है 
  • यदि सही टेस्टिंग घोल या सोल्यूशन नहीं दिया गया है, सोल्यूशन ठीक तरह से नहीं लगाया गया है।
  • यदि रिजल्ट ठीक तरह से बताया नहीं गया है या गलत बताया  गया है। 

यह स्पष्ट है कि मैनटॉक्स टेस्ट के परिणामों को बताना मुश्किल है, इसीलिए यह जरूरी है कि परिणामों को ठीक प्रकार से समझने के लिए व्यक्ति डॉक्टर से मिले। मैनटॉक्स टेस्ट के परिणामों की पुष्टि के लिए डॉक्टर अन्य  टेस्ट करने के लिए भी कह सकते हैं।

(और पढ़ें - टीबी होने पर क्या करें)

संदर्भ

  1. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Tuberculin Skin Testing
  2. Surajit Nayak, Basanti Acharjya. Mantoux test and its interpretation Indian Dermatology Online Journal, January-April 2012, Volume 3 ,Issue 1
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  4. UW Health. [Internet] UW Hospital and Clinics, University of Wisconsin Hospital and Clinics, Madison, Wisconsin. Tuberculosis (TB)
  5. Mazurek GH et al. Guidelines for using the QuantiFERON-TB Gold test for detecting Mycobacterium tuberculosis infection, United States MMWR Recomm Rep. 2005 Dec 16;54(RR-15):49-55 PMID: 16357824
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  7. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services; Questions and Answers About TB
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