ब्रेस्ट में गांठ कैंसरकारी और गैर-कैंसरकारी (कैंसर पैदा न करने वाली) दोनों हो सकती है, लेकिन आपने बताया है कि आपको बिनाइन गांठ है तो यह गैर-कैंसरकारी है। फिर भी आप इसकी पुष्टि करने के लिए एक बार अपना मैमोग्राम करवा लें और रिपोर्ट के साथ रेडियोलॉजिस्ट से मिलें।
आप खुद से अपनी जांच करके देखें कि आपको ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस होती है या नहीं। आपको ब्रेस्ट में दर्द होता है तो हो सकता है कि आपकी ब्रेस्ट में गांठ है। आप मैमोग्राफी टेस्ट करवा सकती हैं और इसी के साथ ईसीजी भी करवा लें।
जी हां, आप ब्रेस्ट मैमोग्राफी दोबारा करवा लें। 40 से 54 साल तक की महिलाओं को हर साल मेमोग्राम करवाना चाहिए और 50 से लेकर 74 साल की उम्र की महिलाओं को मेमोग्राफी हर 2 साल में एक बार करवानी चाहिए।
अगर आपकी मैमोग्राम रिपोर्ट नॉर्मल है तो यह बहुत बात है, लेकिन ये इस बात की गारंटी नहीं है कि भविष्य में भी मैमोग्राम रिपोर्ट नॉर्मल ही आएगी या आपको ब्रेस्ट कैंसर का खतरा नहीं है। अगर आप हर साल अपना मैमोग्राम करवाती हैं तो ब्रेस्ट में कैंसरकारी गांठ की पहचान शुरूआती चरण में ही की जा सकती है और तब इसका इलाज बहुत आसानी से किया जा सकता है। अगर किसी महिला को अपनी ब्रेस्ट में असामन्य दर्द या गांठ महसूस हो रही है तो उन्हें अपना मैमोग्राम करवाना चाहिए। ये टेस्ट किसी भी उम्र में करवा सकते हैं।
जी नहीं, मैमोग्राफी करवाना सुरक्षित है और इससे किसी तरह का रेडिएशन नहीं फैलता है। मैमोग्राफी प्रक्रिया के दौरान आपको थोड़ा दर्द महसूस होता है लेकिन यह आपकी ब्रेस्ट को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाती है और 40 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को यह टेस्ट साल में एक बार करवाने के लिए कहा जाता है।
मैमोग्राम की रिपोर्ट सही होती है। मैमोग्राफी में 87% रिजल्ट एक्यूरेट होते हैं।
मैमोग्राम करवाने के बाद सैंपल्स को परीक्षण के लिए रेडियोलॉजिस्ट के पास भेजा जाता है। इसकी रिपोर्ट टेस्ट के बाद 2 दिन के अंदर मिल जाती है।
मैमोग्राम में 1500 से 2000 रूपए का खर्च आता है और डिजिटल मैमोग्राम में इसका खर्च ज्यादा से ज्यादा 8000 रूपए होता है।