आपका मैग्नीशियम लेवल नॉर्मल रेंज में है।
मैग्नीशियम ब्लड टेस्ट को फास्टिंग में करवाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह टेस्ट सही रिजल्ट तो बताता है, लेकिन इस टेस्ट से पहले आपको कुछ दवा लेने से बचना चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से आपके टेस्ट के रिजल्ट पर असर पड़ सकता है और रिपोर्ट का परिणाम अलग हो सकता है।
अगर मैग्नीशियम लेवल अधिक होता है, तो आपके दिल और फेफड़ों पर असर पड़ सकता है। इसी के साथ आपको थकान महसूस हो सकती है और आपका ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है। जब मैग्नीशियम का लेवल बहुत ही अधिक होता है, तो व्यक्ति को हाइपरवेंटिलेशन सिंड्रोम, मांसपेशिओं में लकवा और यहां तक कि वह कोमा में भी जा सकता है।
यदि आप नियमित रूप से 350 मिलीग्राम से अधिक मैग्नीशियम सप्लीमेंट ले रहे हैं, तो यह आपको डॉक्टर की सलाह से और उनकी निगरानी में लेना चाहिए। मैग्नीशियम विषाक्तता बहुत ही दुर्लभ है, लेकिन हाई डोज में कुछ मैग्नीशियम सप्लीमेंट लेने से दस्त, मितली और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बढ़े हुए मैग्नीशियम के स्तर और वजन घटने के बीच एक मजबूत संबंध है। शरीर में मैग्नीशियम का स्तर कम होने से इंसुलिन रेजिस्टेंस हो जाते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है।
मैग्नीशियम ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट आपको 24 घंटों के अंदर मिल जाती है।
आप मैग्नीशियम टेस्ट को myUpchar लैब से करवा सकते हैं। myUpchar लैब से यह टेस्ट करवाने पर आपको डिस्काउंट भी मिलेगा।
मैग्नीशियम टेस्ट का खर्च 400 से 500 रुपये तक होता है।
अगर आपको डायबिटीज, अधिक थकान, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन और दिल की अनियमित धड़कन जैसी समस्या होती है, तो डॉक्टर आपको मैग्नीशियम टेस्ट करवाने के लिए सलाह देते हैं।