कई महिलाओं में सर्जरी के बाद 4 से 6 हफ्ते तक पीरियड्स नहीं आते हैं और जब उनका मासिक चक्र नॉर्मल हो जाता है, तब उनको पहले से ज्यादा ब्लीडिंग और सामान्य से अधिक पीड़ा महसूस हो सकती है। अगर लेप्रोस्कोपी से आपकी स्थिति में सुधार आया है तो कुछ भी करने पहले 2 से 3 बार पीरियड्स आने की प्रतीक्षा करें। अगर सर्जरी के बाद 2 से 3 महीने तक पीरियड्स नॉर्मल नहीं आते हैं तो डॉक्टर को दिखाएं।
लेप्रोस्कोपी करवाने के 24 घंटे बाद नहाने जा रहे हैं तो आप टांके वाली जगह से पट्टी हटा सकते हैं। ऑपरेशन के बाद पेट में थोड़ा दर्द और तकलीफ महसूस हो सकती है। इसी के साथ आपको कंधे के सिरे पर दर्द हो सकता है।
सर्जरी के बाद 4 दिन तक चीरे वाली जगह पर ऐंठन या दर्द होता ही है। सर्जरी के बाद हर दिन आपको बेहतर महसूस होने लगेगा। हालांकि, आपको बहुत जल्दी थकान हो सकती है। कुछ दिनों के लिए दर्द निवारक दवा लें।
अगर पेट में दर्द ज्यादा है और पेट फूल भी रहा है या ये प्रॉब्लम किसी तरह से ठीक नहीं हो पा रही है तो तुरंत सर्जन को दिखाएं। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के बाद महिलाओं को गैस की वजह से कंधे में दर्द हो सकता है क्योंकि सर्जरी के दौरान पेट को बढ़ाने के लिए उसमे गैस भरी जाती है। यह दर्द एक हफ्ते तक रह सकता है।
जब आंत, मूत्राशय, गर्भाशय या प्रमुख रक्त वाहिकाओं को कोई ऐसा नुकसान पहुंचता है कि उसे ठीक करने के लिए तुरंत लेप्रोस्कोपी या लैपरोटॉमी (असामान्य) करने की जरूरत पड़े तो इस स्थिति में मृत्यु का खतरा रहता है। लेप्रोस्कोपी करवाने वाली 1,00,000 महिलाओं में से तीन से आठ महिलाओं की मृत्यु हो जाती है।
अगर उन्हें टीबी है तो उनकी लेप्रोस्कोपी या हिस्टेरोस्कोपी नहीं की जा सकती है। टीबी के इलाज के लिए आप उन्हें टीबी का पूरा कोर्स करवाएं।
कभी-कभी लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद मासिक चक्र बिगड़ जाता है। आप कुछ दिनों तक इंतजार करें। अगर तब भी पीरियड नहीं आते हैं तो यूरिन प्रेग्नेंसी टेस्ट करवा लें।
आपको स्टोन निकलवाने के लिए लेप्रोस्कोपी सर्जरी करवानी चाहिए। ओपन सर्जरी की जरूरत नहीं है। लेप्रोस्कोपी पित्ताशय थैली से स्टोन को पूरी तरह निकाल सकती है। लेप्रोस्कोपी सर्जरी के बाद लगे टांके भी बहुत जल्दी से भरते हैं और रिकवरी भी जल्दी हो जाती है। इसलिए आप लेप्रोस्कोपी सर्जरी ही करवाएं। ऐसा कुछ नहीं है कि ये सर्जरी काम नहीं करती है।
लेप्रोस्कोपी से सिर्फ गर्भाशय और भ्रूण की स्थिति को देखा जा सकता है। एबॉर्शन करवाने के लिए लेप्रोस्कोपी की जरूरत ही नहीं है। पांच हफ्ते की प्रेगनेंसी को एबॉर्शन पिल्स से भी खत्म कर सकते हैं लेकिन अगर तब भी एबॉर्शन पूरी तरह से नहीं होता है तो इस स्थिति में डीएनसी करवाते हैं।