प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट क्या है?

प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट को लैक्टिक एसिड टेस्ट भी कहा जाता है जो कि खून में लैक्टेट या लैक्टिक एसिड के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है। कभी-कभी यह टेस्ट मस्तिष्कमेरु द्रव (Cerebrospinal fluid) में लैक्टिक एसिड के स्तर को जानने के लिए भी किया जाता है।

अत्यधिक शारीरिक परिश्रम करने से, शरीर के कुछ ऊतक ग्लूकोज को लैक्टेट में बदलकर अतिरिक्त ऊर्जा पैदा करने लगते हैं। यह आमतौर पर ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी के कारण होता है, जो अधिक व्यायाम, संक्रमण या किसी बीमारी की स्थिति में हो जाती है। लैक्टेट सबसे अधिक मांसपेशियों और लाल रक्त कोशिकाओं में बनता है।

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  1. प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Plasma Lactate (Lactic Acid) test in Hindi
  2. प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट से पहले - Before Plasma Lactate (Lactic Acid) test in Hindi
  3. प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट के दौरान - During Plasma Lactate (Lactic Acid) test in Hindi
  4. प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Plasma Lactate (Lactic Acid) test result and normal range in Hindi

प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट किसलिए किया जाता है?

यह टेस्ट आमतौर पर लैक्टिक अम्लरक्तता (Lactic acidosis) की जांच करने के लिए जाना जाता है। यह टेस्ट लैक्टिक एसिड के असामान्य रूप से बढ़े स्तर की जांच करने में भी मदद करता है। यह टेस्ट उन लोगों को भी करवाने की सलाह दी जाती है जिनमें हाइपोऑक्सीया (ऑक्सीजन की कमी) के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे कि:

इसी के साथ लैक्टिक एसिड टेस्ट की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जिनमें सेप्सिस, हार्ट अटैक, शॉक, किडनी फेलियर,अनियंत्रित डायबिटीज, कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से जुड़े लक्षण दिखाई देते हैं। (और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज)

यदि शुरुआती परीक्षण के दौरान लेक्टेट का स्तर बढ़ा हुआ मिलता है, तो इसके स्तर पर नजर रखने के लिए  लेक्टिक एसिड टेस्ट बार-बार किया जाता है। मस्तिष्कमेरु द्रव (Cerebrospinal fluid) और शरीर में लैक्टेट के स्तर की जांच की सलाह उन लोगों को भी दी जाती है जिनमें मैनिंजाइटिस के लक्षण दिखते हैं, जैसे, बुखार,गंभीर सिर दर्द, अचेतन होना और प्रलाप आदि।

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प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी भी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि डॉक्टर ऐसी शारीरिक क्रियाएं करने से मना करते हैं जिनसे लैक्टेट का स्तर बढ़ जाता है। यदि आप कोई भी दवा ले रहे हैं तो उस के बारे में डॉक्टर को बताएं। कुछ दवाएं जैसे एचआईवी एड्स के लिए मेटफोर्मिन दवा से लैक्टेट के स्तर में वृद्धि हो सकती है, जिससे रिजल्ट पर प्रभाव पड़ सकता है।

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प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट कैसे किया जाता है?

प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जिस के लिए ब्लड सैंपल लेने की आवश्यकता होती है। ब्लड सैंपल बांह की नस में सुई लगाकर लिया जाता है। कभी-कभी खून धमनियों में जम जाता है। यह टेस्ट रीढ़ की हड्डी से निकाले गए मस्तिष्कमेरु द्रव से भी किया जा सकता है। मस्तिष्कमेरु द्रव निकालने की प्रक्रिया को स्पाइनल टैप कहते हैं।

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 प्लाज्मा लैक्टेट टेस्ट के रिजल्ट और नॉर्मल रेंज

प्लाज्मा लैक्टेट की सामान्य वैल्यू या माप निम्नलिखित हैं। हालांकि हर लेबोरेटरी के परिणाम अलग हो सकते हैं क्योंकि हर लैब में टेस्ट के लिए अलग-अलग मापदंडो का प्रयोग किया जाता है। 

सामान्य परिणाम:

प्लाज्मा लैक्टेट की सामान्य वैल्यू 0.5-2.2 mmol/L और 4.5-19.8 mg/dL के बीच में होती है। 

प्लाज्मा लैक्टेट के सामान्य परिणाम बताते हैं कि शरीर में लैक्टिक एसिडोसिस नहीं है और शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा मे हो रही है। साथ ही यह टेस्ट का सामान्य रिजल्ट यह भी संकेत देता है, कि व्यक्ति को मेटाबॉलिज्म संबंधी कोई समस्या नहीं है।

असामान्य परिणाम:

प्लाज्मा लैक्टेट का असामान्य स्तर किसी बीमारी की ओर संकेत करता है, जिस के कारण शरीर में लक्टेट का जमाव हो रहा है। स्थिति की गंभीरता लैक्टेट के बढ़ते स्तर के साथ बढ़ती है। हालांकि लैक्टेट के उच्च स्तरों का पता चलने से बीमारी के बारे में पता नहीं चल पाता है। बीमारी का पता लगाने के लिए पहले की स्वास्थ्य स्थिति, शारीरिक परीक्षण और कुछ दूसरे टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। ऐसी स्थितियां जो लैक्टेट एसिडोसिस की स्थिति पैदा करती हैं उन्हें दो भागों में बांटा गया है। 

  • टाइप ए लेक्टिक एसिडोसिस:
    यह सांस से जुड़ी समस्याओं के कारण होती है। व्यक्ति को पर्याप्त ऑक्सीजन में भी सांस लेने में तकलीफ होती है, जिससे शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन कम मात्रा में पहुँचती है। निम्न स्थितियों के कारण टाइप ए लेक्टिक एसिडोसिस होती है:
  • टाइप बी लैक्टिक एसिडोसिस:
    तब होता है जब शरीर को ऑक्सीजन की अधिक मांग होती है। निम्न स्थितियां टाइप बी लैक्टिक अम्लरक्तता का कारण हो सकती हैं:

मस्तिष्कमेरु द्रव में लैक्टिक एसिड की अधिक मात्रा बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस के लक्षण हैं वही लैक्टिक एसिड की कम मात्रा वायरल मैनिंजाइटिस की ओर संकेत करता है। 

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संदर्भ

  1. Lars W. Andersen et al. Etiology and therapeutic approach to elevated lactate. Mayo Clin Proc. 2013 Oct; 88(10): 1127–1140. PMID: 24079682
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  3. CEC Health [internet]. New South Wales. Australia; Lactate Information Sheet
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