घुटने को जोड़ का मैग्नेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक नैदानिक प्रक्रिया है, जिसमें घुटने के जोड़ के अंदरूनी भाग की तस्वीरें ली जाती हैं। विभिन्न कोणों से घुटने के जोड़ के विभिन्न हिस्सों जैसे टेंडन, लिगामेंट, मांसपेशियां, हड्डियां, उपास्थि और रक्तवाहिकाओं को देखा जा सकता है।

एमआरआई मशीन रेडियो तरंगों और शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र की मदद से कंप्यूटर पर घुटने के जोड़ की स्पष्ट छवियां तैयार करती है। यह एक गैर-आक्रामक तकनीक है और इसमें विकिरण (रेडिएशन) का उपयोग नहीं होता है। अलग-अलग एमआरआई तस्वीरों को स्लाइस कहा जाता है। एक ही स्कैन में कई स्लाइस को तैयार किया जाता है।

एमआरआई स्कैन से डॉक्टरों को बीमारी के निदान में मदद मिलती है। एमआरआई मशीन द्वारा ली गई तस्वीरों को कंप्यूटर पर देखा जा सकता है, साथ ही इन्हें प्रिंट और सीडी में भी सेव किया जा सकता है।

(और पढ़ें - एमआरआई स्कैन क्या है)

  1. घुटने का एमआरआई कौन नहीं करवा सकता - Who cannot have a knee MRI in Hindi?
  2. घुटने का एमआरआई क्यों किया जाता है - Why is the knee MRI done in Hindi?
  3. घुटने का एमआरआई के लिए तैयारी - How should one prepare for a knee MRI in Hindi?
  4. घुटने का एमआरआई कैसे किया जाता है - What is the procedure of a knee MRI in Hindi?
  5. घुटने का एमआरआई कैसा महसूस होता है - How does a knee MRI feel in Hindi?
  6. घुटने का एमआरआई के रिजल्ट का क्या मतलब है - What do the results of a knee MRI mean in Hindi?
  7. घुटने का एमआरआई के जोखिम और फायदे - What are the risks and benefits of a knee MRI in Hindi?
  8. घुटने का एमआरआई के बाद क्या होता है - What happens after the knee MRI in Hindi?
  9. घुटने का एमआरआई के साथ अन्य कौन से टेस्ट किए जा सकते हैं - What other tests can be done with the knee MRI in Hindi?
घुटने का एमआरआई के डॉक्टर

निम्नलिखित स्थितियों में आपके घुटने के जोड़ का एमआरआई नहीं किया सकता है :

  • यदि आप गर्भवती हैं, विशेषकर पहली तिमाही में (जब तक कि इसके लाभ दुष्प्रभावों से ज्यादा न हों)
  • यदि आपने निम्न में से कोई प्रत्यारोपण करवाया हो :
    • कुछ पुराने प्रकार के पेसमेकर और कार्डियक डिफिब्रिलेटर
    • कुछ प्रकार के कान के प्रत्यारोपण
    • मस्तिष्क धमनीविस्फार के लिए उपयोग की जाने वाली कुछ क्लिप
    • रक्त वाहिकाओं को दबने से बचाने के लिए उनमें लगाए गए धातु के छल्ले
  • यदि आपने हाल ही में आर्टिफिशियल जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी करवाई हो तो

(और पढ़ें - नी रिप्लेसमेंट सर्जरी कैसे की जाती है)

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डॉक्टर निम्नलिखित मामलों में एमआरआई स्कैन का आदेश दे सकते हैं :

  • जब डेड बोन होने का संदेह हो
  • जब घुटने के एक्स-रे या बोन स्कैन का परिणाम असामान्य आए
  • घुटने के जोड़ में द्रव जमा होना
  • बेकर्स सिस्ट (घुटने के पीछे द्रव का बनना या जमा होना)
  • घुटने के अगले हिस्से में चोट
  • खेल से संबंधित चोटें, जैसे मोच या लिगामेंट, टेंडन या उपास्थि का फटना
  • घुटने के जोड़ का संक्रमण
  • गठिया (आर्थराइटिस)
  • घुटने का दर्द जिसमें इलाज के बावजूद सुधार नहीं आता
  • घुटने की मांसपेशियों, उपास्थि या लिगामेंट को नुकसान के संकेत
  • घुटने की अस्थिरता
  • घुटने में प्रत्यारोपण के कारण कोई जटिलता होना
  • बुखार के साथ घुटने का दर्द
  • चलते समय घुटना लॉक होना
  • घुटने की सर्जरी के बाद प्रगति की जांच के लिए

(और पढ़ें - घुटनों में दर्द की आयुर्वेदिक दवा)

जब तक डॉक्टर बदलाव के लिए न कहें, तब तक आपनी दवा और खानपान सामान्य रखें। यदि आपको किसी भी तरह की कोई एलर्जी है तो अपने डॉक्टर को सूचित करें। यदि कॉन्ट्रास्ट डाई की जरूरत है तो इसके लिए गैडोलिनियम कॉन्ट्रास्ट का इस्तेमाल किया जाता है। जिन लोगों को आयोडीन कॉन्ट्रास्ट से एलर्जी होती है उनते लिए यह सुरक्षित है। यदि आपकी हाल ही में कोई सर्जरी हुई है या किडनी से संबंधित कोई गंभीर बीमारी का निदान हुआ है तो अपने डॉक्टर को इस बारे में बता दें। अगर आप गर्भवती हैं या आपको गर्भवती होने की उम्मीद है तो भी अपने डॉक्टर को सूचित कर दें। यदि आपको क्लस्ट्रोफोबिया (बंद जगहों से डर लगना और चिंता होना) है तो डॉक्टर आपको हल्का सिडेटिव दे सकते हैं। बंद जगहों में डर लगने के कुछ मामलों में डॉक्टर आपको ओपन एमआरआई की सलाह दे सकते हैं, इसमें मशीन शरीर के उतने ज्यादा करीब नहीं आती है।

(और पढ़ें - किडनी की बीमारी के लक्षण)

एमआरआई स्कैन से पहले सभी तरह के आभूषण और धातु के वस्तुएं उतारने को कहा जाता है। इसमें शामिल हैं :

  • हटाने योग्य नकली दांत
  • कान-नाक या अन्य जगह पर पहनी जाने वाली रिंग
  • आभूषण, घड़ी, क्रेडिट कार्ड और सुनने की मशीन
  • पेन, चाकू और चश्मा
  • पिन, धातु की चेन, हेयरपिन और अन्य धातु की वस्तुएं 
  • मोबाइल फोन और ट्रैकिंग डिवाइस

यदि आपके शरीर में कोई इलेक्ट्रॉनिक या धातु का उपकरण लगा है जो टेस्ट को प्रभावित कर सकते हैं या आपके लिए खतरा हो सकता है जैसे पेसमेकर, कृत्रिम वाल्व, स्टेंट्स या मस्तिष्क धमनीविस्फार क्लिप तो इस बारे में डॉक्टर को पहले ही बता दें। यदि आप धातु का काम करते हैं और आपको आशंका है कि आपके शरीर में धातु का कोई टुकड़ा हो सकता है तो इस बारे में भी डॉक्टर को पहले ही बता दें।

(और पढ़ें - घुटने में सूजन का इलाज)

आपको एक विशेष ड्रेस पहनने को दी जा सकती है, जिसमें किसी भी धातु की कोई चैन या हुक न लगा हो। इस ड्रेस को हॉस्पिटल गाउन कहा जाता है। इसके बाद आपको एक टेबल पर लेटने को कहा जाएगा, जो बड़े से स्कैनर के अंदर स्लाइड होती है। यदि आपको स्कैनिंग के लिए डाई की जरूरत है तो इसे आपकी हाथ की नस में या सीधे जोड़ पर इंजेक्ट किया जा सकता है। जिस समय कॉन्ट्रास्ट डाई को शरीर में इंजेक्ट किया जा रहा है उस दौरान या उसके बाद तस्वीरें ली जाती हैं। कॉन्ट्रास्ट डाई के इस्तेमाल से घुटने के जोड़ों की तस्वीरें बेहतर क्वालिटी की आती हैं। आमतौर पर इस टेस्ट में आधे घंटे से एक घंटे तक का समय लगता है, लेकिन कभी-कभी इससे ज्यादा वक्त भी लग जाता है। जो टेक्नीशियन स्कैन कर रहा है वह एक अन्य कमरे से आप पर नजर रखेगा।

(और पढ़ें - घुटने की मोच का इलाज)

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एमआरआई एक दर्द रहित प्रक्रिया है, लेकिन जिस अंग की स्कैनिंग की गई है वहां थोड़ा सा गर्म महसूस हो सकता है। परीक्षण के दौरान आप क्लस्ट्रोफोबिक (बंद कमरे में डर और चिंता) महसूस कर सकते हैं और इस वजह से आपका स्थिर रहने में परेशानी महसूस कर सकते हैं। मशीन से जोर-जोर की आवाज आती है और इससे बचने के लिए आपको इयरप्लग दिए जा सकते हैं।

यदि आपके स्कैन में कॉन्ट्रास्ट इंजेक्ट करने की आवश्यकता होती है, तो आपको कुछ मिनट के लिए ठंडक महसूस हो सकती है। इंजेक्शन लगने पर भी हल्की सी चुभन और असुविधा महसूस कर सकते हैं। सुई वापस निकालने के बाद उसका हल्का सा निशान (नील पड़ना) रह सकता है। इसके अलावा जहां आईवी ट्यूब डाली गई थी वहां थोड़ी जलन हो सकती है।

(और पढ़ें - टांग का एमआरआई कैसे किया जाता है)

असामान्य परिणाम के निम्नलिखित संकेत हो सकते हैं :

एमआरआई स्कैन का रिजल्ट लेकर अपने डॉक्टर से सलाह लें और निदान के साथ ही आगे के इलाज को लेकर परामर्श करें

(और पढ़ें - गठिया का होम्योपैथिक इलाज)

घुटने के जोड़ के एमआरआई के निम्नलिखित फायदे हैं :

  • यह एक गैर-आक्रामक प्रक्रिया है।
  • इसमें विकिरण (रेडिएशन) का कोई जोखिम शामिल नहीं है।
  • यह टेंडन, लिगामेंट और मांसपेशियों जैसे ऊतकों की विभिन्न कोणों से छवियां तैयार कर सकता है।
  • इसमें हड्डी के पीछे छिपी असामान्यताओं का भी पता लगा सकता है, जो किसी भी अन्य इमेजिंग तकनीक में संभव नहीं है।

एमआरआई को सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है और इसमें न्यूनतम जोखिम हैं। जैसे :

  • इसके शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र के संपर्क में आने से शरीर के इम्प्लांट में खराबी आ सकती है या एमआरआई तस्वीर में गड़बड़ी हो सकती है।
  • यदि आपको बेहोशी की दवा दी जाती है, तो इसके तय मात्रा से अधिक हो जाने खतरा हो सकता है।
  • यदि कॉन्ट्रास्ट डाई का उपयोग किया गया है तो इससे एलर्जी होने का थोड़ा-बहुत जोखिम हो सकता है। जिन लोगों को किडनी से संबंधित गंभीर बीमारी है, उन्हें कॉन्ट्रास्ट डाई गैडोलिनियम की वजह से नेफ्रोजेनिक सिस्टेमिक फाइब्रोसिस जैसी दुर्लभ समस्या हो सकती है।

(और पढ़ें - लैब टेस्ट कितने तरह के होते हैं)

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एमआरआई के बाद आपके भोजन और ड्राइविंग पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं होता है। हालांकि, यदि आपको सिडेटिव दिया गया है तो स्वयं ड्राइविंग न करें और इसका असर खत्म होने तक हर समय आपके साथ कोई न कोई अवश्य होना चाहिए।

(और पढ़ें - घुटनों में कट-कट की आवाज क्यों आती है)

एमआरआई के साथ घुटने का सीटी स्कैन, घुटने का एक्स-रे भी किया जा सकता है।

ध्यान रहे : इन सभी टेस्ट के परिणाम रोगी के नैदानिक स्थितियों से सहसंबद्ध यानी जुड़े होने चाहिए। ऊपर मौजूद जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी डॉक्टर द्वारा सुझाए गए मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है।

Dr. Rachita Gupta

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