मानव शरीर में ऊर्जा का सबसे पहला स्रोत ग्लूकोज है। यह इन्सुलिन नामक हार्मोन द्वारा शरीर की प्रत्येक कोशिका में पहुंचाया जाता है। हालांकि, डायबिटिक लोग जिनके शरीर में इन्सुलिन की कमी है या इन्सुलिन ठीक तरह से नहीं बन पा रहा है, उनका शरीर ऊर्जा बनाने के लिए ग्लूकोज का प्रयोग नहीं कर पाता है। ऐसे में उनका शरीर वसा को अपने ऊर्जा स्रोत के लिए तोड़ने लगता है।
कीटोन वसा के टूटने से बनने वाला पदार्थ है। ये यूरिन में आमतौर पर कम मात्रा में पाया जाता है। यूरिन में अत्यधिक कीटोन की मात्रा मौजूद होने पर कीटोनूरिया नामक स्थिति पैदा हो सकती है। कीटोन के अधिक स्तरों से शरीर गंभीर रूप से बीमार पड़ सकता है और इसके कारण मृत्यु भी हो सकती है।
कीटोन बॉडी यूरिन टेस्ट यह जांच करने के लिए किया जाता है कि व्यक्ति का शरीर एक दिन में कितना कीटोन स्त्रावित कर रहा है। यह टेस्ट डायबिटीज मेलिटस के परीक्षण में भी मदद करता है।
भूखे रहने या व्रत रखने से भी कीटोन के स्तर शरीर में बढ़ जाते हैं। इसलिए ऐसी स्थितियों में भी यह टेस्ट किया जाता है। कीटोन यूरिन टेस्ट को यूरिन कीटोन, कीटोन बॉडीज और कीटोन टेस्ट भी कहा जाता है।