हेपेटाइटिस बी, लिवर का संक्रमण होता है और इसका कारण बनने वाला वायरस शरीर में खून या अन्य शारीरिक द्रव के द्वारा फैलता है। कुछ लोगों में हेपेटाइटिस बी का संक्रमण गंभीर और दीर्घकालिक बन जाता है, जो 6 महीने तक भी रह सकता है। लंबे समय से हेपेटाइटिस से पीड़ित होने पर लिवर कैंसर, लिवर खराब हो जाना या सिरोसिस (इस स्थिति में लिवर में स्थायी रूप से निशान पड़ जाते हैं) जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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हेपेटाइटिस बी से ग्रसित ज्यादातर वयस्क पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं, चाहे उनके संकेत व लक्षण गंभीर ही क्यों न हों। शिशु और छोटे बच्चों में दीर्घकालिक (लंबे समय तक) हेपेटाइटिस बी विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। एक टीकाकरण की मदद से हेपेटाइटिस बी का इलाज किया जा सकता है, लेकिन यह स्थिति होने पर इसका कोई संभव इलाज नहीं है।

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस ए के लक्षण)

  1. हेपेटाइटिस बी टेस्ट क्या होता है? - What is Hepatitis B Test in Hindi?
  2. हेपेटाइटिस बी टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Hepatitis B Test in Hindi
  3. हेपेटाइटिस बी टेस्ट से पहले - Before Hepatitis B Test in Hindi
  4. हेपेटाइटिस बी टेस्ट के दौरान - During Hepatitis B Test in Hindi
  5. हेपेटाइटिस बी टेस्ट के बाद - After Hepatitis B Test in Hindi
  6. हेपेटाइटिस बी टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Hepatitis B Test in Hindi
  7. हेपेटाइटिस बी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है - What do the results of Hepatitis B Test mean in Hindi
  8. हेपेटाइटिस बी टेस्ट कब करवाना चाहिए - When to get tested with Hepatitis B Test in Hindi

हेपेटाइटिस बी टेस्ट क्या होता है?

हेपेटाइटिस बी वायरस (HBV) टेस्ट की मदद से खून में एक ऐसे पदार्थ की खोज की जाती है, जो यह बताता है कि हेपेटाइटिस संक्रमण अभी भी सक्रिय है या पहले कभी हुआ था। टेस्ट की मदद से संक्रमण के कुछ अलग प्रकार के संकेतों को देखा जाता है, जिन्हें मार्कर (Marker) भी कहा जाता है, जैसे:

(और पढ़ें - हर्पीस ट्रीटमेंट)

  • एंटीजन (Antigens) – यह बैक्टीरिया या वायरस द्वारा बनाया जाने वाला एक मार्कर होता है, इसलिए शरीर में एचबीवी एंटीजन की उपस्थिति होना वायरस की उपस्थिति का संकेत देता है। (और पढ़ें - स्वाइन फ्लू का इलाज)
  • एंटीबॉडीज (Antibodies) – ये एक प्रकार का प्रोटीन होता है, शरीर द्वारा इसे वायरस से लड़ने के लिए बनाया जाता है। एचबीवी एंटीबॉडीज की उपस्थिति मिलने का संकेत होता है कि आप हेपेटाइटिस के संपर्क में आ गए हैं या पहले कभी आए हुऐ हैं। लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि आप लंबे समय पहले कभी संक्रमित हुए हों और ठीक हो गए हों या आप अभी भी संक्रमित हों। (और पढ़ें - एचपीवी के लक्षण)
  • आनुवंशिक सामग्री (DNA) – हेपेटाइटिस वायरस की आनुवंशिक सामग्री मिलने का संकेत होता है कि शरीर में वायरस उपस्थित है। डीएनए की मात्रा से यह निर्धारित किया जाता है कि संक्रमण कितना गंभीर है और कितनी आसानी से शरीर में फैल सकता है।

(और पढ़ें - डीएनए टेस्ट)

संक्रमण फैलने से रोकथाम करने और उसके लिए बेहतर उपचार का चयन करने के लिए संक्रमण का कारण बनने वाले हेपेटाइटिस वायरस के प्रकार की पहचान करना बहुत जरूरी होता है।

(और पढ़ें - परजीवी संक्रमण का इलाज)

हेपेटाइटिस बी के लिए कुछ सामान्य टेस्ट निम्न हो सकते हैं:

(और पढ़ें - लैब टेस्ट लिस्ट)

  • हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजन (Hepatitis B surface antigen) – यह एंटीजन हेपेटाइटिस संक्रमण का सबसे पहला संकेत होता है। यह लक्षण शुरू होने से पहले ही शरीर में उपस्थित होता है
  • हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीबॉडी (Hepatitis B surface antibod) – शरीर में एंटीबॉडी की उपस्थिति का मतलब होता है कि संक्रमण अपने सक्रिय चरण के अंत में है और अब आप संक्रामक नहीं हैं। आप अन्य लोगों में वायरस नहीं फैला सकते हैं।
  • हेपेटाइटिस बी ई-एंटीजन (Hepatitis B e-antigen) - यह एंटीजन एक सक्रिय हेपेटाइटिस बी संक्रमण के दौरान ही मौजूद होता है।
  • हेपेटाइटिस बी डीएनए टेस्टिंग (Hepatitis B DNA testing) – इस डीएनए के उच्च स्तर का मतलब होता है कि वायरस आपके शरीर में गुणात्मक रूप से बढ़ रहा है और आप बहुत संक्रामक हैं।

(और पढ़ें - हेपेटाइटिस सी के लक्षण)

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हेपेटाइटिस बी टेस्ट किसलिए किया जाता है?

हेपेटाइटिस बी टेस्ट करने के निम्न उद्देश्य हो सकते हैं:

(और पढ़ें - एचआईवी की जांच कैसे करें)

  • हेपेटाइटिस बी वायरस संक्रमण के परीक्षण पर नजर रखने के लिए। अगर वर्तमान में या पहले किसी प्रकार का संक्रमण देखा गया है तो उसके प्रकार की पहचान करने के लिए हेपेटाइटिस बी टेस्ट किया जा सकता है।
  • यह निर्धारित करने के लिए कि क्या हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीके ने पर्याप्त मात्रा के में प्रतिरक्षा का स्तर बढ़ा दिया है। (और पढ़ें - पीलिया का इलाज)
  • इसका इस्तेमाल इलाज के दौरान मार्गदर्शन करने के लिए और उपचार की प्रभावशीलता देखने के लिए भी किया जा सकता है।
  • जिन लोगों में हेपेटाइटिस वायरस फैलाने या प्राप्त करने की अत्याधिक संभावनाएं हैं, उन लोगों पर नजर रखने के लिए भी इस टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है। इन लोगों में डॉक्टर, नर्स और दातों के डॉक्टर आदि शामिल हैं। (और पढ़ें - फ्लू का इलाज)
  • रक्तदान या अंगदान करने वाले लोगों में भी यह टेस्ट किया जाता है, ताकि हेपेटाइटिस बी फैलने से रोकथाम की जा सके। (और पढ़ें - अंगदान से जुड़े तथ्य और मिथक)
  • यह पता करने के लिए कि कहीं लिवर फंक्शन टेस्ट के असामान्य रिजल्ट का कारण हेपेटाइटिस बी तो नहीं।

(और पढ़ें - लिवर रोग का इलाज)

हेपेटाइटिस बी टेस्ट से पहले क्या किया जाता है?

यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट होता है, इस टेस्ट से पहले कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं होती। आपके डॉक्टर हर उस चीज के बारे में बताएंगे जो टेस्ट के रिजल्ट में बदलाव पैदा कर सकती है।

(और पढ़ें - फैटी लीवर का इलाज)

अगर आपको लगता है कि आप हाल ही में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हुऐ हैं, तो इसके वायरस 9 सप्ताह तक खून में पता लगाने योग्य हो जाते हैं तथा जाँच के माध्यम से इसकी पुष्टि की जा सकती है। टेस्ट करने के बाद डॉक्टर आपको 6 महीने बाद फिर से टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं, ताकि हेपेटाइटिस बी की स्थिति की पुनः पुष्टी की जा सके।

(और पढ़ें - यूरिन रूटीन टेस्ट)

हेपेटाइटिस बी टेस्ट के दौरान क्या किया जाता है?

टेस्ट करने के दौरान डॉक्टर निम्न स्टेप्स के अनुसार काम करते हैं:

(और पढ़ें - एंडोस्कोपी परीक्षण)

  • सबसे पहले जिस बाजू में से खून का सैम्पल लेना होता है, उसके ऊपरी हिस्से पर पट्टी या इलास्टिक बैंड बांध दिया जाता है। ऐसा करने से नसों में खून का बहाव रुक जाता है और वे खून से भरकर उभर जाती हैं, जिससे उनको ढूंढने में आसानी होती है।
  • उसके बाद जहां पर सुई लगानी होती है, उस जगह को अल्कोहल के साथ साफ कर लिया जाता है। (और पढ़ें - विटामिन डी टेस्ट)
  • सुई के साथ जुड़े सीरिंज या शीशी में खून को इकट्ठा किया जाता है। (और पढ़ें - एलर्जी टेस्ट)
  • पर्याप्त मात्रा में खून निकालने के बाद बाजू से इलास्टिक बैंड को खोल दिया जाता है और उसके बाद सुई को निकाल लिया जाता है।

(और पढ़ें - बायोप्सी जांच क्या है)

हेपेटाइटिस बी टेस्ट के बाद क्या किया जाता है?

सैम्पल के लिए खून निकालने के बाद डॉक्टर/नर्स:

(और पढ़ें - सीआरपी ब्लड टेस्ट)

  • सुई निकालते ही सुई वाले स्थान पर बैंडेज या रुई का टुकड़ा रख देते हैं, ताकि खून बहने से रोकथाम की जा सके।
  • सुई की जगह पर पहले थोड़ा दबाव दिया जाता है, उसके बाद बैंडेज लगा दी जाती है।

(और पढ़ें - यूरिक एसिड टेस्ट)

हेपेटाइटिस बी टेस्ट के क्या जोखिम हो सकते हैं?

इसकी संभावनाएं बहुत ही कम हैं कि खून का सैम्पल लेने से किसी प्रकार की कोई समस्या हो। कुछ सामान्य जोखिम निम्न हो सकते हैं-

(और पढ़ें - खून की कमी के लक्षण)

  • सुई वाली जगह पर नीले, लाल या हल्के बैंगनी रंग का निशान पड़ सकता है। सुई निकालने के तुंरत बात कुछ मिनट तक हल्के से दबा के रखना निशान पड़ने से रोकथाम कर सकता है।
  • बहुत ही दुर्लभ मामलों में खून का सैम्पल लेने के बाद नस में सूजन आ सकती है। इसका उपचार करने के लिए दिन में कई बार उसे किसी गर्म चीज के साथ सेकें।

(और पढ़ें - सूजन कम करने के उपाय)

हेपेटाइटिस बी टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

(और पढ़ें - फैटी लीवर के घरेलू उपाय)

  • हेपेटाइटिस सरफेस एंटीजन (HBsAg) जब इसका रिजल्ट पॉजिटिव या रिएक्टिव होता है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति वर्तमान में हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं और यह संक्रमण को दूसरों में भी फैला सकता है। (और पढ़ें - पीलिया का इलाज)
  • एंटी-एचबीएस (Antibody to hepatitis B surface antigen) – जब इस टेस्ट का रिजल्ट पॉजिटिव या रिएक्टिव होता है, तो इसका मतलब है कि व्यक्ति या तो टीकाकरण से या पिछले संक्रमण की मदद से हेपेटाइटिस बी संक्रमण से प्रतिरक्षित है। (रक्तदान के दौरान अधिकांश रक्त बैंकों द्वारा यह परीक्षण नियमित रूप से नहीं किया जाता है।)
  • एचबीइएजी और एंटी-एचबीई (HBeAg and anti-HBe) – हेपेटाइटिस बी एनवेलॉप एंटीजन (HBeAg) और एंटी-एचबीयर (Anti-HBeare) ये दोनों वे एंटीबॉडीज होते हैं, जो एंटीजन के खिलाफ उत्पादित किए जाते हैं। यदि खून के सैम्पल में एचबीइएजी पता लगाने योग्य है, तो इसका मतलब है कि वायरस लिवर में अभी भी सक्रिय है और दूसरों में भी फैल सकता है। अगर एचबीइएजी का रिजल्ट नेगेटिव होता है और एंटी-एचबीई पॉजिटिव है तो सामान्य तौर पर इसका मतलब होता है कि वायरस निष्क्रिय है। हालांकि, यह मामला हमेशा नहीं होता है। कुछ लोग जिनको गंभीर हेपेटाइटिस है, खासकर वे लोग जो कई सालों से हेपेटाइटिस के वायरस से संक्रमित हैं, उनमें यह एचबीवी के रूप में उत्परिवर्तन हो सकता है। इस स्थिति के कारण एचबीइएजी का रिजल्ट नेगेटिव और एंटी-एचबीई पॉजिटिव हो सकता है, चाहे वायरस अभी सक्रिय रूप से लिवर में उपस्थित हो। (और पढ़ें - पीलिया के घरेलू उपाय)
  • हेपेटाइटिस बी वायरल लोड (Hepatitis B viral load) - यह टेस्ट खून के सैम्पल में हेपेटाइटिस बी की वास्तविक मात्रा को मापता है, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि क्या हेपेटाइटिस बी वायरस फिर से लिवर में विकसित हो रहा है या नहीं।
  1. उस व्यक्ति में जिसमें एचबीइएजी पता लगाने योग्य होता है, उनके खून में हेपेटाइटिस बी वायरल लोड 20,000 इंटरनेश्लन यूनिट्स प्रतिलीटर (IU/mL) से अधिक होता है, जो संकेत देता है कि वायरस सक्रिय है और संभावित रूप से लिवर को भी खराब कर सकता है। (और पढ़ें - लिवर को स्वस्थ रखने के लिए आहार)
  2. इसी प्रकार, अगर किसी व्यक्ति में एचबीइएजी-नेगेटिव क्रॉनिक हेपेटाइटिस है, तो उनमें एचबीवी वायरल लोड 20,000 इंटरनेश्लन यूनिट्स प्रतिलीटर से अधिक होता है। यह भी वायरस सक्रिय होने और लिवर को क्षतिग्रस्त कर देने की संभावना का संकेत देते हैं।

प्रारंभिक परीक्षण

 

 

 

 

हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीजेन (HBsAg)

हेपेटाइटिस बी सरफेस एंटीबॉडीज (anti-HBs)

हेपेटाइटिस बी कोर एंटीबॉडी टोटल (anti-HBc IgG+IgM)

हेपेटाइटिस बी कोर एंटीबॉडी (anti-HBc IgM)

संक्रमण की संभावित व्याख्या / चरण

नेगेटिव

नेगेटिव

नेगेटिव

नेगेटिव

मौजूदा या पुराना संक्रमण नहीं

लक्षण दिखने से पहले के चरण में भी नहीं

नेगेटिव

पॉजिटिव

नेगेटिव

नहीं किया गया

टीकाकरण के कारण प्रतिरक्षा मौजूद

नेगेटिव

पॉजिटिव

पॉजिटिव

नहीं किया गया

संक्रमण का इलाज हो चुका है, वायरस फिर सक्रिय हो सकता है

पॉजिटिव

नेगेटिव

पॉजिटिव या नेगेटिव

पॉजिटिव

लक्षणों के साथ गंभीर, संक्रामक संक्रमण या दीर्घकालिक संक्रमण

नेगेटिव

नेगेटिव

पॉजिटिव

पॉजिटिव

गंभीर संक्रमण ठीक हो रहा है

पॉजिटिव

नेगेटिव

पॉजिटिव

नेगेटिव

गंभीर संक्रमण अब भी सक्रिय

पॉजिटिव

नेगेटिव

पॉजिटिव

नेगेटिव

दीर्घकालिक संक्रमण, जिससे लिवर को नुकसान पहुंचने का खतरा कम हो

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हेपेटाइटिस बी टेस्ट कब करवाना चाहिए?

हेपेटाइटिस बी एक यौन संचारित रोग (STD) होता है, जो खून या शरीर में मौजूद अन्य द्रवों की मदद से फैलता है। यह वायरस सीधे लिवर पर हमला करता है, टीकाकरण की मदद से इसकी रोकथाम की जा सकती है। हेपेटाइटिस बी वायरस के संपर्क में आने वाले 90 प्रतिशत से अधिक स्वस्थ वयस्क पहले वर्ष के भीतर वायरस से स्वाभाविक रूप से ठीक हो जाते हैं।

(और पढ़ें - गुप्त रोगों का इलाज)

कभी-कभी हेपेटाइटिस बी में निम्न लक्षण भी शामिल होते हैं:

(और पढ़ें - लिवर को साफ करने के लिए जूस)

जिन लोगों में हेपेटाइटिस विकसित होने के उच्च जोखिम हैं उनकों हेपेटाइटिस बी टेस्ट की जांच करवा लेनी चाहिए। वे मरीज जिनमें इसके वायरस के संपर्क में आने के उच्च जोखिम होते हैं, उनमें निम्न शामिल है:

(और पढ़ें - 

(और पढ़ें - खून को साफ करने वाले आहार)

संदर्भ

  1. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Hepatitis B
  2. Sarah Schillie, MD; Claudia Vellozzi, MD. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services, Prevention of Hepatitis B Virus Infection in the United States: Recommendations of the Advisory Committee on Immunization Practices
  3. Center for Disease Control and Prevention [internet], Atlanta (GA): US Department of Health and Human Services, Hepatitis B Questions and Answers for Health Professionals
  4. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Hepatitis B
  5. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; Hepatitis B
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