हां, आप डॉक्टर से सलाह लिए बिना भी हीमोग्लोबिन टेस्ट करवा सकते हैं। इसके लिए आपको सी.बी.सी टेस्ट करवाना होगा।
अगर 2-3 टेस्ट के बाद भी आपके हीमोग्लोबिन का लेवल 18 से ऊपर रहता है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए, वह आपके कुछ और टेस्ट करवाएंगें।
आमतौर पर महिलाओं में पीरियड्स के दौरान 70 से 80 मि.ली. खून का बहाव हो जाता है, जिस वजह से महिलाओं में आयरन की कमी के कारण एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इस वजह से महिलाओं में पीरियड्स अनियमित भी हो सकते हैं।
जी हां, सिगरेट पीने से हीमोग्लोबिन का लेवल सामान्य से अधिक बढ़ जाता है।
पुरुषों में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 12 से 17 के बीच होती है, जबकि महिलाओं में हीमोग्लोबिन की सामान्य मात्रा 11 से 15 के बीच होती है। आपको आयरन युक्त आहार लेना चाहिए जैसे पालक, गोभी, गुड़, चीकू और केला।
आपके हीमोग्लोबिन का लेवल 11.8 है जो कि सामान्य हीमोग्लोबिन के स्तर से थोड़ा ही नीचे है। आप दवा ले कर भी इसे ठीक कर सकते हैं। हीमोग्लोबिन को सामान्य रखने के लिए आप रोजाना एक सेब और पालक की सब्जी खाएं क्योंकि इनमें आयरन उच्च मात्रा में होता है। हरी सब्जियां व फल और प्रोटीन युक्त आहार जैसे अंडा और मांस खाएं।
हीमोग्लोबिन की समस्या आयरन की कमी की वजह से हो सकती है। हीमोग्लोबिन के स्तर को दो तरीकों से बढ़ाया जा सकता है। पहला तरीका यह है कि आप आयरन की कमी को पूरा करने के लिए आयरन की दवाइयां खाएं। दूसरा तरीका यह है कि आप अपनी डाइट में फल, हरी सब्जियों और आयरन युक्त भोजन को शामिल करें। यह आपके शरीर में आयरन की कमी पूरा करते हैं।
रोजाना एक चुकंदर, एक टुकड़ा गुड़ और एक अनार खाएं। संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां शामिल हों। जंक फूड से दूर रहें और रोजाना एक गिलास दूध में अल्फाल्फा फोर्ट लें।
हीमोग्लोबिन की समस्या शरीर में आयरन की कमी की वजह से होती है। हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने से शरीर में कई तरह के लक्षण दिखने लगते हैं जैसे सिर चकराना, कमजोरी महसूस होना, त्वचा का पीला पड़ जाना आदि।
हीमोग्लोबिन की नॉर्मल रेंज 12 से लेकर 15 तक होती है। कुछ बीमारीयों पॉलीसिथिमिया और किडनी में होने वाली समस्या सीपीओडी की वजह से हमारा हीमोग्लोबिन लेवल नॉर्मल से ज्यादा बढ़ जाता है।
शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होने पर कमजोरी, चक्कर आने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हीमोग्लोबिन का लेवल जानने के लिए आप कई तरह के टेस्ट करवा सकते हैं जिसमें एनीमिया की जांच, पेरीफेरल स्मीयर की जांच, विटामिन बी12, टीआईबीसी, इलेक्ट्रोफोरोसिस और मल में खून की जांच शामिल हैं।
आप अपने हीमोग्लोबिन के लेवल को ठीक करना चाहती हैं तो अपनी डाइट में कम से कम एक टाइम हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। स्नैक्स में आप रोजाना खजूर और अंजीर खाएं। आपके हीमोग्लोबिन का लेवल कम है तो आप प्रेगनेंसी के लिए डॉक्टर की सलाह से कुछ सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।
आपको अपनी डाइट में बदलाव करने की जरूरत है। चाय, कॉफी और तीखी चीजों को लेना बंद कर दें। कुछ समय के लिए गोभी, शिमला मिर्च और खट्टे फलों को खाना भी बंद कर दें। खाना खाते समय पानी न पिएं, 40 मिनट के बाद पानी पिया करें, खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर न लेटें बल्कि थोड़ा टहलने के बाद बिस्तर पर जाएं। रात को 8.30 बजे से पहले खाना खा लें। एक साथ ज्यादा खाना खाने की बजाय दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा कर के खाएं। टाइट पैन्ट्स न पहनें क्योंकि इसकी वजह से पेट दबता है। अगर आपको कोई विशेष चीज खाने के बाद पेट फूलने, भारीपन, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, रिफलक्स जैसी समस्याएं होती हैं तो उस चीज को खाने से बचें। 7 दिन तक खाने से आधा घंटा पहले PANTODAC DSR लें।
आपमें कई लक्षण एनीमिया (खून की कमी) के लग रहे हैं। आप खजूर, गुड़, तिल और हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं। आप अपनी डाइट में नींबू, ईमली और अंडे का सफेद हिस्सा ले सकते हैं। थायराइड के लिए आपको डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।