गोनोरिया एक यौन संक्रामक रोग है जो नेइसेरिया गोनोरिया से होती है। यह संक्रमण असुरक्षित वजाइनल, एनल सेक्स या ओरल सेक्स से फैलता है। यदि कोई शख्स इससे ग्रसित है और वह दूसरों से अपना सेक्स टॉय शेयर करता तो यह दूसरे शख्स में भी फैल सकता है। नेइसेरिया बैक्टीरिया शरीर के बाहर ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह सकता है। तो गले लगने से, चुम्बन से यह बैक्टीरिया नहीं फैलता है और ना ही साथ नहाने या तौलिया प्रयोग करने से।
गोनोरिया टेस्ट किसी व्यक्ति में इसके संक्रमण की जांच करने के लिए किया जाता है। यह शरीर में नेइसेरिया गोनोरिया की उपस्थिति का पता लगाता है।
पहले गोनोरिया टेस्ट की सलाह यौन रूप से सक्रिय 25 वर्षीय महिलाओं को दी जाती है जो कि यौन संक्रामक रोगों के खतरे में होती हैं। पुरुषों में यह टेस्ट साल में एक बार करने के लिए कहा जाता है। इस टेस्ट की सलाह उन पुरुषों को दी जाती है जो अन्य पुरुषों के साथ यौन रूप से सक्रिय होते हैं।
व्यक्ति को अन्य जोखिमों से बचाने के लिए और रोग को फैलने से रोकने के लिए यह टेस्ट करना जरूरी है। यदि इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह रक्त या जोड़ों में फैलकर गंभीर स्थिति पैदा कर सकता है, जिसे डिस्सेमिनेटिड गोनोकोकल संक्रमण कहा जाता है।