ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (जीएफआर) टेस्ट क्या है?
जीएफआर टेस्ट को एस्टिमेटेड जीएफआर (इजीएफआर) टेस्ट या कैलक्युलेटेड जीएफआर (सीजीएफआर) टेस्ट भी कहा जाता है। यह टेस्ट अनुमान लगाता है कि एक मिनट में ग्लोमेरुली से कितना रक्त निकल रहा है। ग्लोमेरुली किडनी में मौजूद केशिकाओं का एक समूह है, जो रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करते हैं ताकि शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन आदि की क्षति न हो। जीएफआर टेस्ट आमतौर पर यह जानने के लिए किया जाता है कि आपकी किडनी किस तरह से कार्य कर रही है। यह क्रोनिक किडनी रोगों से ग्रस्त मरीजों में रोग की गंभीरता का पता लगाने में भी मदद करता है।
एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी 189 लीटर रक्त फिल्टर कर सकती है और दिन में 1.9 लीटर के लगभग यूरिन बना सकती हैं।
जीएफआर विभिन्न घटकों पर निर्भर करता है, जैसे :
- उम्र
- प्रजाति
- लिंग
- वजन
- लंबाई
जीएफआर का अनुमान प्रत्यक्ष रूप (सीधे तरीके) से या रक्त में क्रिएटिनिन के स्तर की जांच कर के अप्रत्यक्ष रूप से भी लगाया जा सकता है। क्रिएटिनिन मुख्य रूप से क्रिएटिन का मेटाबोलाइट (चयापचय के दौरान बना पदार्थ) होता है। क्रिएटिन एक जैविक कंपाउंड है जो कि मांसपेशियों में ऊर्जा प्रदान करता है। क्रिएटिनिन केवल किडनी द्वारा ही स्रावित किया जाता है, इसीलिए इसका उपयोग ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट का आकलन करने के लिए भी किया जा सकता है।
यदि किडनी के कार्य ठीक नहीं है, तो क्रिएटिनिन पूरी तरह से स्रावित नहीं होगा और रक्त में जम जाएगा, इसीलिए यूरिन में क्रिएटिनिन की मात्रा का पता लगाकर जीएफआर की गणना आसानी से की जा सकती है।