जिएम्सा स्टेन क्या है?
जिएम्सा स्टेन एक डिफरेंशियल स्टेन है जो कि शरीर में मलेरिया के परजीवियों की जांच करने के लिए किया जाता है। इसमें दो तरह की डाई का मिश्रण होता है एक रेड डाई (इओसिन) और ब्लू डाई (मेथीलीन ब्लू-एज्युर)। इओसिन कोशिकाओं के न्यूक्लियस (परजीवी और शरीर दोनों की कोशिकाएं) को लाल रंग का दिखाता है और मेथीलीन ब्लू साइटोप्लास्म को नीले रंग का दिखाता है। जो भी पदार्थ माइक्रोस्कोप के अंदर दिखाई देते हैं उनके अनुसार अनुमान लगाया जाता है। न्यूक्लियस कोशिकाओं के अंदर पाया जाने वाला एक पदार्थ है और साइटोप्लास्म न्यूक्लियस के चारों-ओर मौजूद द्रव्य है।
दुनियाभर के सभी संक्रमणों में मलेरिया सबसे सामान्य संक्रामक रोग है। इससे एक साल में लगभग 500 मिलियन लोग संक्रमित होते हैं और लगभग एक मिलियन तक लोगों की हर साल मृत्यु हो जाती है। यह प्लासमोडियम नामक परजीवी से होता है और संक्रमित मादा मच्छर एनोफेलीज द्वारा फैलाया जाता है। प्लासमोडियम की पांच प्रजातियां मलेरिया फैला सकती हैं। इनमें से पी.फाल्सीपेरम और पी.विवैक्स सबसे गंभीर संक्रमण फैलाते हैं।
मलेरिया के अलावा जिएम्सा स्टेन अन्य परजीवी की जांच करने में भी मदद कर सकता है जैसे:
- बेबीसिया:
इससे बेबीसिओसिस नामक परजीवी रोग होता है जो कि टिक के काटने से फैलता है। बेबीसिया बहुत ही दुर्लभ मामलों में इंसानों को प्रभावित करता है लेकिन यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित कर सकता है।
- माइक्रोफाइलेरिया:
सूक्ष्मजीव, ये धागे की तरह दिखने वाले कीड़े होते हैं जो कि इंसानों के लिम्फेटिक सिस्टम में रहते हैं और लिम्फेटिक फाइलेरियासिस नामक रोग फैला सकते हैं।
- ट्रिपनोसोमा:
ट्रिपनोसोमा ब्रूसी से अफ्रीकन ट्रिपानोसोमासिस नामक रोग हो होता है इसे स्लीपिंग सिकनेस भी कहते हैं।