गामा जीटी (जीजीटीपी) टेस्ट क्या है?
गामा जीटी (जीजीटीपी) टेस्ट रक्त में मौजूद गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेज (जीजीटी) या गामा-ग्लूटामिल ट्रांस्पेप्टिडेज (जीजीटीपी) एंजाइम की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है।
जीजीटी कई अंगों में पाया जाता है लेकिन इस एंजाइम का सबसे अधिक जमाव लिवर की कोशिकाओं में होता है। जीजीटीपी टेस्ट लिवर डैमेज और पित्ताशय में हुई समस्याओं का पता लगाता है। इस टेस्ट की मदद से लिवर और हड्डियों की बीमारी में अंतर किया जा सकता है।
लिवर को शरीर का फिल्टर कहा जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालता है और मेटाबोलिज्म व पोषक तत्वों के स्तर को नियंत्रित करता है। लिवर की कोशिकाओं में किसी भी प्रकार की सूजन या क्षति होने से जीजीटी एंजाइम लिवर की कोशिकाओं से लीक हो सकता है और इससे रक्त में इस एंजाइम का जमाव अधिक हो जाता है। जीजीटी के बढ़ा हुआ स्तर लिवर रोग होने का संकेत दे सकता है जो कि हेपेटाइटिस, फैटी लिवर डिजीज या अन्य कारणों से हो जाती हैं।
लिवर एंजाइम टेस्ट पित्त नलिकाओं संबंधी समस्याओं का पता लगाने वाला काफी सेंसिटिव टेस्ट होता है, मतलब यह टेस्ट काफी बारीकी से जांच करता है। हालांकि, लिवर डिजीज या लिवर संबंधी अन्य समस्याओं के कारणों का पता लगाने के लिए इतना अच्छा साबित नहीं हो पाता। इस टेस्ट को नियमित या रूटीन टेस्ट की तरह प्रयोग करने को नहीं कहा जाता।
इसे गामा जीटी, जीजीटीपी, जीजीटी और गामा ग्लूटामिल ट्रांस्पेप्टिडेज टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।