फंगल कल्चर टेस्ट क्या है?
फंगल कल्चर टेस्ट शरीर के किसी भी भाग में मौजूद फंगी का पता लगाने के लिए किया जाता है। फंगी ऐसे सूक्ष्म जीव होते हैं जो स्पोर्स से फैलते हैं और बहुत अधिक संक्रामक होते हैं। फंगल स्पोर्स एक प्रकार के बीजाणु होते हैं जो गर्म और नम वातावरण में तेजी से बढ़ते हैं। ये जूतों में, सीलन वाले कमरों या पसीना जमा होने वाली त्वचा में मौजूद हो सकते हैं। कुछ फंगल संक्रमण हानिकारक नहीं होते और इनका आसानी से इलाज किया जा सकता है वहीं कुछ के इलाज में अधिक समय लगता है और ये शरीर के दूसरे अंगों में तेजी से फैल सकते हैं।
फंगल संक्रमण दो प्रकार के होते हैं:
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सुपरफीशियल फंगल इन्फेक्शन:
यह बहुत ही सामान्य है। ये जननांगों, त्वचा और नाखूनों को प्रभावित करते हैं। ये अधिक गंभीर नहीं होते लेकिन खुजली, रैशेज और फ्लेक जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं। सुपरफीशियल फंगल इन्फेक्शन में एथलीट फुट, दाद और योनि में यीस्ट का संक्रमण शामिल हैं। -
सिस्टमिक फंगल इन्फेक्शन:
इनका इलाज मुश्किल हो सकता है। ये फेफड़ों, खून और शरीर के भिन्न भागों को प्रभावित कर सकते हैं जिससे गंभीर जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। दोनों तरह के फंगल इन्फेक्शन का परीक्षण फंगल कल्चर टेस्ट द्वारा किया जा सकता है।