यह टेस्ट आपके रक्त में मौजूद फ्रुक्टोसामिन की मात्रा का पता लगाता है।
फ्रुक्टोसामिन एक तत्व है जो कि हमारे शरीर में मौजूद शुगर और प्रोटीन के मिश्रण से बनता है। शुगर में मुख्य रूप से ग्लूकोज होता है और प्रोटीन में एल्ब्यूमिन क्योंकि यह प्रोटीन रक्त में अधिक मात्रा में पाया जाता है। जितने समय तक प्रोटीन रक्त में रहेगा उतने समय तक शुगर से जुड़ा रहेगा। चूंकि, अत्यधिक सीरम प्रोटीन दो से तीन हफ़्तों तक जीवित रहते हैं, इसीलिए फ्रुक्टोसामिन भी आपके रक्त में उतने ही समय तक रहता है। इससे फ्रुक्टोसामिन के स्तर आपके रक्त में दो से तीन हफ्तों में ब्लड शुगर के स्तरों को बदल सकते हैं।
यह टेस्ट डायबिटिक लोगों में ब्लड शुगर के स्तरों की जांच करने के लिए और एंटी-डायबिटिक लोगों में खुराक को ठीक करने के लिए किया जाता है।
आमतौर पर ब्लड शुगर के स्तर की जांच करने के लिए ग्लाइकोसाइलेटेड या ग्लीकेटेड हीमोग्लोबिन या फिर एचबीए1सी की सलाह दी जाती है। ग्लाइकोसाइलेटेड या ग्लीकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट उस ब्लड शुगर के स्तरों की जांच करता है, जो हीमोग्लोबिन के साथ बंधती है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है, जो कि लाल रक्त कोशिकाओं में आयरन के तत्वों से जुड़ा होता है। चूंकि, अधिकतर हीमोग्लोबिन आरबीसी में मौजूद होता है तो यह टेस्ट पिछले दो तीन माह के ब्लड शुगर की औसत वैल्यू को बताता है। इसके साथ ही एचबीए1सी उन लोगों में नहीं किया जा सकता है, जिनमें हीमोग्लोबिन के दूसरे प्रकार जैसे एचबीएस मौजूद होते हैं। एचबीएस सिकल सेल एनीमिया के कारण होता है या फिर उनको होता है, जिनकी लाल रक्त कोशिकाओं की उम्र कम होती है। इसके अलावा यह उन लोगों में भी नहीं किया जा सकता है जिनकी आरबीसी की उम्र 120 दिन से कम है।
ऐसे में फ्रुक्टोसामिन टेस्ट डायबिटिक लोगों में ब्लड शुगर के स्तरों की जांच करने में मदद करता है।
साथ ही जहां, एचबीए1सी टेस्ट नहीं किया जा सकता है, वहां फ्रुक्टोसामिन टेस्ट लाभदायी होता है जैसे कोई दीर्घकालिक फेफड़ों के रोग और एनीमिया जो कि विटामिन बी 12 या आयरन की कमी से होता है।
इसके अलावा अध्ययनों के अनुसार यह पता चलता है कि एचबीए1सी अफ्रीका और अमेरिका के लोगों में अधिकतर पाया जाता है। ऐसा उनके रक्त में ग्लूकोज के स्तरों के कारण होता है, जिससे एचबीए1सी के परिणाम भी प्रभावित होते हैं। अध्ययनों के अनुसार यह भी पता चलता है कि एचबीए1सी के स्तर गर्भावस्था के दौरान घटते-बढ़ते रहते हैं ऐसा ब्लड शुगर में कमी और आयरन की कमी एनीमिया के कारण होता है। फ्रुक्टोसामिन के स्तर हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं पर निर्भर नहीं करते हैं, फ्रुक्टोसामिन टेस्ट किसी भी गर्भवती महिला में ब्लड शुगर के स्तरों का पता लगाने में मदद करता है और किसी भी गर्भवती महिला में डायबिटीज के नियंत्रण में मदद करता है।