ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट क्या है?

ट्रेपेनोमल एंटीबॉडी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो कि ट्रेपोनेमा पैलिडम नामक बैक्टीरिया के विरुद्ध बने एंटीबॉडीज की उपस्थिति का पता लगाता है। ट्रेपोनेमा पैलिडम बैक्टीरिया सिफिलिस रोग फैलाता है। सिफलिस एक यौन संचारित रोग है जो कि किसी संक्रमित व्यक्ति से सीधे संपर्क बनाने से होता है। इस रोग में जननांगों व मुंह के आसपास छोटी-छोटी फुंसियां हो जाती हैं जो कि बाद में चकत्तों की तरह दिखने लगती हैं। साथ ही इसमें  फ्लू की तरह के लक्षण भी विकसित होने लगते हैं। अंतिम अवस्था में हृदय, मस्तिष्क, हड्डियां, जोड़, फेफड़े और लगभग सभी अंग प्रभावित हो सकते हैं। यदि किसी गर्भवती महिला को यह रोग है तो यह भ्रूण तक भी फैल सकता है।

एंटीबॉडीज विशेष प्रोटीन होते हैं जो कि शरीर में हानिकारक पदार्थ जैसे बैक्टीरिया, वायरस या फंगी आने पर प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बनाए जाते हैं। विशेष सूक्ष्मजीवों के विरोध में विशेष एंटीबॉडीज बनाए जाते हैं। इसीलिए सिफलिस से पीड़ित लोगों में विशेष बैक्टीरिया टी.पैलिडम के विरोध में विशिष्ट बैक्टीरिया बनते हैं।

ट्रेपेनोमल एंटीबॉडी टेस्ट निम्न तरीकों से किया जा सकता है -

  • फ्लोरोसेंट ट्रेपोनोमल एंटीबॉडी अब्सॉर्ब्शन टेस्ट (एफटीए-एबीएस)
  • ट्रेपोनेमा पैलिडम हेमग्यूलेशन ऐसे (टीपीएचए)
  1. ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट क्यों किया जाता है - Fluorescent Treponemal Antibody Absorption (FTA-Abs) Test Kyu kiya Jata Hai
  2. ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट से पहले - Fluorescent Treponemal Antibody Absorption (FTA-Abs) Test Se Pahle
  3. ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट के दौरान - Fluorescent Treponemal Antibody Absorption (FTA-Abs) Test Ke Dauran
  4. ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Fluorescent Treponemal Antibody Absorption (FTA-Abs) Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट क्यों किया जाता है?

यदि आपके शरीर में सिफलिस के लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं तो डॉक्टर आपको ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं -

ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट निम्न स्थितियों में भी करवाने के लिए कहा जा सकता है -

  • यदि आपके पार्टनर को सिफलिस है
  • यदि आपको कोई अन्य एसटीडी है जैसे गोनोरिया
  • गर्भावस्था के पहले व तीसरे तीमाही और प्रसव के बाद
  • यदि आपने हाल ही में कई लोगों के साथ असुरक्षित (बिना कंडोम) शारीरिक संबंध बनाए हैं
  • यदि आप एक पुरुष हैं और आप अन्य किसी  पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं
  • यदि आपको एचआईवी है

एफटीए-एबीएस टेस्ट संक्रमण के शुरुआती तीन हफ़्तों से किया जा सकता है वहीं टीपीएचए टेस्ट संक्रमण के तीन से चार हफ्तों बाद भी किया जा सकता है। एफटीए-एबीएस टेस्ट अत्यधिक सटीक और संवेदनशील है हालांकि कभी-कभी इसके परिणाम गलत आ सकते हैं। टीपीएचए टेस्ट आसानी से किया जा सकता है और यह एफटीए-एबीएस टेस्ट जितना संवेदनशील नहीं होता।

आमतौर पर एफटीए-एबीएस टेस्ट सिफिलिस के लिए किया जाने वाला परीक्षणात्मक टेस्ट है। यदि स्क्रीनिंग टेस्ट में जैसे रैपिड प्लाज्मा रीजन और वेनेरिअल डिजीज रीसर्च लैब टेस्ट पॉजिटिव परिणाम आते हैं तब भी  इस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।

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ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए आपको कोई भी विशेष तैयारी करने की जरूरत नहीं है। यदि आप किसी भी तरह की दवा या हेल्थ सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। कुछ विशेष दवाएं टेस्ट के परिणाम को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी दवा लेना बंद न करें।

 

ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट के लिए डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर रक्त की थोड़ी सी मात्रा ले लेंगे। सुई लगने से आपको हल्की सी चुभन हो सकती है। यदि आपको सुई से डर लगता है, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें और इस दौरान अपना ध्यान भटकाने का प्रयास करें।

टेस्ट के बाद, सैंपल को लैब में परीक्षण के लिए भेज दें।

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ट्रेपोनेमल एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है?

सामान्य परिणाम

सामान्य या नेगेटिव परिणाम का मतलब है कि आपको सिफलिस नहीं है और न ही आपको पहले कभी यह रोग हुआ है। आमतौर पर एंटी-ट्रेपोनेमल एंटीबॉडीज को विकसित होने में कुछ हफ्तों का समय लगता है। यदि आपको पता है कि आप संक्रमित हैं तो डॉक्टर से पहले ही टेस्ट करने के लिए कहें।

असामान्य परिणाम

असामान्य या पॉजिटिव रिजल्ट का मतलब है कि आपके शरीर में टी.पैलिडम के खिलाफ एंटीबॉडीज बने हैं और या तो आपको पहले कभी सिफिलिस हुआ है या फिर अभी आप इस रोग से संक्रमित हैं। अगर आपको पहले सिफिलिस हुआ है और उसका परीक्षण भी किया जा चुका है तब भी यह टेस्ट पॉजिटिव ही आएगा।

कभी-कभी इस टेस्ट के परिणाम गलत तरह से भी पॉजिटिव आ सकते हैं जिसका मतलब है कि आपके शरीर में एंटीबॉडीज हैं लेकिन आपको सिफीलिस नहीं है। यदि आपको याज (त्वचा, हड्डियों और जोड़ों में होने वाला एक संक्रमण) या पिंटा (त्वचा रोग) है तो भी परिणाम गलत आ सकते हैं। लुपस से ग्रस्त महिलाओं में भी इस टेस्ट के परिणाम गलत तरह से पॉजिटिव आ सकते हैं।

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