साइक्लोस्पोरिन टेस्ट क्या है?
साइक्लोस्पोरिन टेस्ट रक्त में साइक्लोस्पोरिन ड्रग के स्तर की जांच करने के लिए किया जाता है। साइक्लोस्पोरिन एक इम्यूनोसप्रेसेंट (प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने वाला) है, जो कि ऑर्गन ट्रांसप्लांट करवाने वाले मरीजों को दिया जाता है। यह प्रत्यारोपित अंग रिजेक्ट (प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा अंग स्वीकार ना करना) होने से रोकता है। यह प्रतिरक्षी विकारों जैसे अप्लास्टिक एनीमिया, क्रोन डिजीज, रूमेटाइड आर्थराइटिस और सोरायसिस के इलाज के लिए भी प्रयोग में लाया जा सकता है।
जब कोई व्यक्ति अंग प्रत्यारोपण करवाता है, तो शरीर उस अंग को बाहरी पदार्थ समझ कर उस पर हमला करने लगते है जैसा शरीर में किसी वायरस या बैक्टीरिया के आने पर होता है। साइक्लोस्पोरिन सफेद रक्त कोशिकाओं पर कार्य करता है और उनके कार्यों को थोड़ा बदल देता है ताकि शरीर नए अंग को रिजेक्ट न करें। ट्रांसप्लांट के मरीज को आमतौर पर सर्जरी के बाद इस दवा की अधिक खुराक दी जाती है, हालांकि समय के साथ इस दवा की खुराक को कम कर दिया जाता है। इसके विपरीत स्व-प्रतिरक्षित स्थितियों में साइक्लोस्पोरिन थेरेपी कम खुराक से शुरू की जाती है और लक्षणों में सुधार लाने के लिए खुराक को बढ़ा दिया जाता है।
साइक्लोस्पोरिन कैप्सूल और सिरप दोनों में मौजूद हैं। सिरप को पानी, सेब के रस या संतरे के रस साथ लिया जा सकता है। इस दवा को चालोतरे के रस के साथ न लें, क्योंकि चालोतरे के जूस से साइक्लोस्पोरिन के स्तर बढ़ जाते हैं, और शरीर में विषाक्तता हो जाती है।
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