कम्पलीट हेमोग्राम टेस्ट क्या है?
कम्पलीट हेमोग्राम में विभिन्न टेस्ट जैसे कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी), एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ईएसआर) और पेरीफेरल स्मीयर टेस्ट किए जाते हैं। इन सभी टेस्टों के बारे में नीचे जानकारी दी गई है -
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सीबीसी - कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्टों का एक समूह है, जिसमें आपके रक्त में मौजूद भिन्न कोशिकाओं के प्रकार और मात्रा का पता लगाया जाता है। सीबीसी में निम्न टेस्ट शामिल होते हैं -
- आरबीसी काउंट - आरबीसी रक्त में ऑक्सीजन लेकर जाते हैं। ये शरीर के अलग-अलग अंगों से वापस फेफड़ों तक कार्बन डाइऑक्साइड भी ले जाने का काम करते हैं। यदि आपके आरबीसी की संख्या अधिक है (पॉलिसिथिमिया) तो वे गांठ की तरह जुड़कर रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक कर सकती हैं। ये क्लंप या गांठें आरबीसी के प्रवाह में भी बाधा डालेंगी, जिससे वे ऊतकों तक ऑक्सीजन ठीक तरह से नहीं पंहुचा पाएंगी। यदि आपके शरीर में आरबीसी की संख्या कम है, तो आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाएगी।
- डब्ल्यूबीसी (ल्यूकोसाइट) काउंट - डब्ल्यूबीसी लाल रक्त कोशिकाओं से बड़े होते हैं, लेकिन संख्या में कम होते हैं। ये शरीर को बैक्टीरिया, वायरस व अन्य सूक्ष्मजीवों से होने वाले संक्रमणों से रक्षा करने में मदद करते हैं। जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमण से ग्रस्त होता है तो उसके शरीर में डब्ल्यूबीसी की संख्या तेजी से बढ़ती है। ऐसे में डब्ल्यूबीसी काउंट से यह जानने में मदद मिल सकती है कि आपको कोई संक्रमण है या नहीं। कैंसर के मरीजों में डब्ल्यूबीसी काउंट से यह पता लगाया जाता है कि मरीज का शरीर ट्रीटमेंट के प्रति किस तरह से प्रतिक्रिया दे रहा है।
- डिफरेंशियल ल्यूकोसाइट काउंट (डब्ल्यूबीसी के प्रकार) - यह टेस्ट डब्ल्यूबीसी के भिन्न प्रकारों की जांच करने के लिए किया जाता है। डब्ल्यूबीसी के भिन्न प्रकार हैं - मोनोसाइट्स, लिम्फोसाइट्स, इओसिनोफिल्स, बासोफिल्स और न्यूट्रोफिल्स। इसके साथ ही यह अपरिपक्व न्यूट्रोफिल्स (बेंड न्यूट्रोफिल्स) की उपस्थिति का भी पता लगाता है। प्रत्येक सफेद रक्त कोशिका का शरीर में एक भिन्न कार्य होता है। ऐसे में प्रत्येक डब्ल्यूबीसी की संख्या इम्यून सिस्टम के प्रत्येक कार्य के बारे में जानकारी देती है। डब्ल्यूबीसी के प्रत्येक प्रकार में कमी या अधिकता से एलर्जी, संक्रमण, स्थिति जैसे ल्यूकेमिया या रसायन और ड्रग्स के प्रति टॉक्सिक प्रतिक्रियाएं आदि के बारे में जानकारी लेने में मदद करता है।
- हिमोग्लोबिन (एचजीबी) - हिमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो कि आरबीसी को उसका लाल रंग प्रदान करता है। यह एक प्रोटीन है जो कि ऑक्सीजन को बांधता है व इसका संचरण करता है। एचजीबी टेस्ट एक बहुत ही बढ़िया आकलन है यह पता लगाने के लिए कि शरीर के भिन्न भागों तक ऑक्सीजन की कितनी मात्रा पहुंचाई गई है।
- हिमेटोक्रिट या पैक्ड सेल वॉल्यूम - हेमेटोक्रिट टेस्ट आपके रक्त में आरबीसी की मौजूद संख्या का प्रतिशत बताता है। उदाहरण के लिए यदि पैक्ड वॉल्यूम 40 है तो इसका मतलब है कि आपके रक्त में 40 प्रतिशत आरबीसी या लाल रक्त कोशिकाएं हैं। एचजीबी और एचसीटी एक साथ पॉलिसिथिमिया और एनिमिया के बारे में पता लगाते हैं।
- प्लेटलेट (थ्रोम्बोसाइट) काउंट - प्लेटलेट्स सबसे छोटी रक्त कोशिकाएं होती हैं। किसी चोट के दौरान वे एक साथ जुड़ जाती हैं और रक्त के थक्के जमाने लगती हैं जिससे कि रक्तस्त्राव रुक जाता है। यदि आपके शरीर में प्लेटलेट की संख्या कम होगी तो आपका रक्त ठीक तरह से थक्के नहीं जमाएगा और आपको छोटी चोट लगने पर भी अधिक ब्लीडिंग होगी। अत्यधिक प्लेटलेट की संख्या हो जाने से जगह-जगह रक्त वाहिकाओं में थक्के जमने लगेंगे, जिससे रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाएगा।
- मीन प्लेटलेट वॉल्यूम (एमपीवी) - यह टेस्ट आपके रक्त में प्लेटलेट की संख्या की औसत मात्रा का पता लगाता है। हालांकि, यदि आपका प्लेटलेट काउंट सामान्य भी है तो भी एमपीवी असामान्य हो सकता है। इसीलिए इस टेस्ट का प्रयोग रक्तस्त्राव संबंधी विकारों का पता लगाने के लिए किया जाता है।
- आरबीसी इंडिसेस - आरबीसी इंडिसेस तीन तरह के होते हैं। इनमें मीन कर्पुसकुलर वॉल्यूम (एमसीवी), मीन कर्पुसकुलर हीमोग्लोबिन (एमसीवी) और मीन कर्पुसकुलर हीमोग्लोबिन कंसंट्रेशन (एमसीएचसी)। एमसीवी आरबीसी के आकार के बारे में बताता है, एमसीएच लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन की मात्रा के बारे में वहीं एमसीएचसी प्रत्येक आरबीसी में मौजूद एचजीबी की मात्रा के बारे में बताता है। इससे एनीमिया के प्रकार के बारे में पता लगाने में मदद मिलती है। रेड सेल डिस्ट्रीब्यूशन विड्थ (आरडीडब्ल्यू) से आरबीसी के आकार और आकृति का आकलन करने में मदद मिल सकती है, जिससे ये पता चलता है कि इनकी आकार और आकृति सही है या नहीं।
- ईएसआर - यह एक ब्लड टेस्ट है जो यह पता लगाता है कि आरबीसी कितनी तेजी से ट्यूब की सतह पर जम जाती है या बैठ जाती है, जब उसमें एंटीकोएग्युलेंट (ऐसा रसायन जो रक्त के थक्के जमने से बचाता है) डाला जाता है। यदि आपके शरीर में सूजन है तो आरबीसी एक साथ जुड़ जाएंगे, जिससे उनका वजन बढ़ जाएगा और वे जल्दी ही स्थिर हो जाएंगे। ईएसआर तब अधिक होता है जब सेडीमेंटेशन रेट अधिक होता है और शरीर में मौजूद सक्रिय रोग के बारे में जानकारी दे सकता है।
- पेरीफेरल ब्लड स्मीयर - यह एक ब्लड टेस्ट है जिसमें एक लैब वैज्ञानिक या डॉक्टर आरबीसी, डब्ल्यूबीसी और प्लेटलेट की संख्या और इनके आकार (मॉर्फोलॉजी) के बारे में बताता है। स्मीयर टेस्ट आपके रक्त में परजीवियों की संख्या के बारे में पता लगाने के लिए भी किया जा सकता है।