कोकीन टेस्ट क्या है?
कोकीन एक उत्तेजक ड्रग (दवा) है, जो कि केंद्रीय तांत्रिका तंत्र (मस्तिष्क और स्पाइनल कॉर्ड) प्रभावित करके, कुछ समय के लिए उत्साह पैदा करता है। इसे "कोक" (Coke) के नाम से भी जाना जाता है, इससे गंभीर रूप से नशे की लत हो जाती है।
कोकीन को शरीर से निकलने में आधे घंटे का समय लगता है, यदि इसे शराब या अल्कोहॉल के साथ मिला कर लिया जाए तो यह और भी अधिक समय तक शरीर में रहता है। हालांकि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से कोकीन का उपयोग कर रहा है, तो अन्य लोगों की तुलना में इसे शरीर से निकलने में अधिक समय लगता है। ये लक्षण शरीर में ड्रग की पहचान का एक जरिया या तरीका बन चुके हैं।
कोकीन टेस्ट को शरीर के द्रव या बालों में कोकीन के मेटाबोलाइट की पहचान करने के लिए किया जाता है। मेटाबॉलाइट वो पदार्थ है, जो शरीर द्वारा एक रसायन की प्रक्रिया के दौरान बनाया जाता है। जब कोकीन की प्रक्रिया पूरी हो जाती है, तो शरीर में बेंजोइलेक्गोनाइन (Benzoylecgonine) नामक एक पदार्थ बनता है, जिसकी पहचान सैंपल में की जा सकती है।
कोकीन लेने के दो दिन बाद तक भी लार और खून में इसके मेटाबोलाइट दिखाई दे जाते हैं। यदि कोई व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में कोकीन लेता है, तो कोकीन लेने के तीन दिन बाद ही उनके यूरिन में कोकीन के मेटाबोलाइट मिल जाएंगे।