क्रोमियम यूरिन टेस्ट क्या है?

क्रोमियम यूरिन टेस्ट एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो कि एक निश्चित समय के अंदर शरीर द्वारा पेशाब में निकाली गई यूरिन की मात्रा की जांच करने के लिए किया जाता है।

क्रोमियम एक ऐसी धातु है जो कि शरीर के लिए कुछ मात्रा में महत्वपूर्ण होती है। यह वातावरण में मुख्य रूप से दो रूपों में पाई जाती है:

  • ट्रिवलेंट क्रोमियम: यह खाद्य पदार्थों में पाया जाता है
  • हेक्जावैलेंट क्रोमियम: यह पेंट, डाई, स्याही, प्लास्टिक, प्राइमर और अन्य कोटिंग पदार्थों में पाया जाता है। यह शरीर में त्वचा के संपर्क, इंजेक्शन या सांस द्वारा जा सकता है। शरीर में जाने के बाद यह ट्रिवलेंट क्रोमियम में बदल जाता है।

क्रोमियम के कम स्तर को हानिकारक नहीं माना जाता। लेकिन अगर शरीर में क्रोमियम की मात्रा अधिक है, इससे विषाक्तता हो सकती है। क्रोमियम की विषाक्तता के कारण किडनी और लिवर खराब हो सकते हैं जिसके कारण कैंसर भी हो सकता है।

ऐसे कर्मचारी जो धातु के काटने, वेल्डिंग, चमड़े के कार्य में, इलेक्ट्रोप्लास्टिंग, टेक्सटाइल कार्यों में और टिम्बर से जुड़े उद्योगों में कार्य करते हैं वे लगातार क्रोमियम के साथ संपर्क में होते हैं, उनमें इसकी विषाक्तता का अधिक खतरा होता है।

शरीर से अधिकतर क्रोमियम यूरिन द्वारा ही निकलता है। इसीलिए यूरिन में इसके स्तर की जांच से हाल ही में क्रोमियम के साथ हुए संपर्क के बारे में पता लगाया जा सकता है।

  1. क्रोमियम यूरिन टेस्ट क्यों किया जाता है - Chromium Urine Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. क्रोमियम यूरिन टेस्ट से पहले - Chromium Urine Test Se Pahle
  3. क्रोमियम यूरिन टेस्ट के दौरान - Chromium Urine Test Ke Dauran
  4. क्रोमियम यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Chromium Urine Test Result and Normal Range

क्रोमियम यूरिन टेस्ट क्यों किया जाता है?

इस टेस्ट की सलाह नियमित तौर पर इंडस्ट्री के कर्मचारियों को दी जाती है ऐसा काम के दौरान क्रोमियम के साथ हुए संपर्क और इसकी विषाक्तता की जांच करने के लिए किया जाता है। कार्यस्थल पर व्यक्ति में क्रोमियम की जांच या तो काम से पहले या फिर काम के बाद की जा सकती है। हालांकि कभी-कभी दोनों बार भी टेस्ट किया जा सकता है। 

अगर आपने किसी अंग का मेटेलिक ट्रांसप्लांट करवाया है तो भी डॉक्टर क्रोमियम यूरिन टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। अधिकतर मेटेलिक इम्प्लांट में क्रोमियम की कुछ मात्रा होती है जो कि शरीर में बहुत ही कम मात्रा में घुल कर रिसती रहती है। किसी भी अंग का मेटेलिक ट्रांसप्लांट करवाने के बाद साल में एक बार यह टेस्ट करवाना चाहिए, ताकि इम्प्लांट से होने वाले किसी भी संभावित प्रभाव से बचा जा सके। 

इस टेस्ट की सलाह तब दी जाती है, जब आपके शरीर में क्रोमियम के साथ संपर्क होने के निम्न लक्षण व संकेत दिखाई देते हैं:

यह ध्यान रखना जरूरी है कि क्रोमियम शरीर से जल्दी निकल जाए। यूरिन में क्रोमियम के स्तर केवल उसी मात्रा के बारे में बताते हैं जो कि आपके शरीर ने पिछले एक दो दिन में अवशोषित की है।

क्रोमियम यूरिन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती। यदि किसी व्यक्ति का नौकरी या व्यवसाय संबंधी कार्यों के लिए टेस्ट किया जाना है, तो टेस्ट आमतौर पर काम पर जाने से पहले या बाद में किया जा सकता है। कुछ जगहों पर, महीने में एक बार चेक करवाया जा सकता है। इसके अलावा, प्रोस्थेटिक इम्प्लांट करवाने पर डॉक्टर आपसे साल में एक बार चेकअप करवाने के लिए कह सकते हैं।

चूंकि, आयोडीन जैसे रसायन टेस्ट के परिणामों में बदलाव कर सकते हैं, इसीलिए यदि आप ऐसी कोई भी दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें।

इसके अलावा यदि आपने हाल ही कोई इमेजिंग प्रक्रिया कराई है जिसमें किसी भी तरह के रसायन मौजूद हैं, तो इससे भी टेस्ट के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं। ऐसी स्थितियों के बारे में भी डॉक्टर को बता देना चाहिए।

क्रोमियम यूरिन टेस्ट कैसे किया जाता है?

यूरिन का सैंपल लेने के लिए आपको एक विशेष कंटेनर दिया जाएगा। सैंपल लेने से पहले अपने हाथ ठीक से धोएं और जननांगों को अच्छी तरह से पोंछ लें। पेशाब करते समय, यूरिन की शुरुआती बूंदें  सैंपल में न लें, इसके बाद का सारा यूरिन कंटेनर में भर लें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि सैंपल रक्त या मल के पदार्थों से संक्रमित न हो। 

यदि टेस्ट से पहले की तैयारी से संबंधित कोई अन्य निर्देश होगा, तो डॉक्टर टेस्ट से पहले ही इनके बारे में आपको समझा देंगे। डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का ध्यानपूर्वक पालन करना चाहिए।

क्रोमियम यूरिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम :
किसी व्यक्ति के शरीर में क्रोमियम का सामान्य स्तर होना, आमतौर पर इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति को क्रोमियम के संपर्क में आए कितना समय हो गया है। चूंकि शरीर द्वारा क्रोमियम सबसे तीव्र यूरिन में ही निकाला जाता है, इसीलिए यूरिन टेस्ट दिए गए समय में ही करवा लेना चाहिए।

जिस व्यक्ति का कार्यस्थल पर क्रोमियम से संपर्क होता है, उनके लिए काम खत्म करने के बाद इसकी सामान्य वैल्यू 25 µg/L से कम मानी गई है। अन्य सभी लोगों के लिए यूरिन में क्रोमियम की मात्रा 10 µg/L या इससे कम होनी चाहिए। 

यदि इसके संपर्क में आए हुए ज्यादा समय बीत गया है तब भी कभी-कभी यूरिन में क्रोमियम के स्तर कम आ सकते  हैं। यदि आप पहले इसके संपर्क में आए हैं तब भी इसे नेगेटिव परिणाम माना जा सकता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर अन्य टेस्ट करवाने के लिए भी कह सकते हैं ताकि गलत परिणाम न आएं। 

असामान्य परिणाम :
संदर्भ वैल्यू से अधिक किसी भी मात्रा को असामान्य माना जाता है। अपने कार्यस्थल पर क्रोमियम के संपर्क में आने वाले व्यक्ति के असामान्य परिणाम आने पर यह टेस्ट दोबारा किया जा सकता है। भविष्य में अन्य प्रभावों से बचने के लिए डॉक्टर आपको उस क्षेत्र में काम करने से मना कर सकते हैं।

आपके परिणामों के बारे में डॉक्टर आपको ठीक तरह से समझा पाएंगे। भविष्य में क्रोमियम की विषाक्तता से बचने के लिए डॉक्टर आपको निर्देश दे सकते हैं।

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