चेस्ट एक्स रे क्या है?
चेस्ट एक्स रे एक परीक्षणात्मक प्रक्रिया है, जिसमें छाती के अंदर की तस्वीरें एक्स रे रेडिएशन की मदद से निकाली जाती हैं।
इस टेस्ट के दौरान, एक्स रे मशीन जांच की जाने वाली जगह पर रेडिएशन भेजती है और एक फोटोग्राफिक फिल्म से तस्वीर निकाली जाती है। हड्डियां एक्स रे तस्वीर में सफेद दिखाई देती हैं और नाजुक ऊतक काले नजर आते हैं।
चेस्ट एक्स रे में पसलियां और रीढ़ की हड्डी सबसे अधिक रेडिएशन अवशोषित करती हैं और सफ़ेद दिखाई देते हैं। वहीं फेफड़ों के ऊतक और हवा काली या डार्क दिखाई देती हैं।
चेस्ट एक्स रे आमतौर पर फेफड़ों, हृदय, बड़ी रक्त वाहिकाओं और छाती की हड्डियों की असामान्यताओं की जांच करता है। यह एक जल्दी होने वाली और आसान प्रक्रिया है जो कि कुछ विशेष स्थितियों के आपातकालीन परीक्षण के लिए किया जाता है।
एक्स रे दो तरह की प्रोजेक्शन (दिखाना) पर किया जा सकता है -
- पिए व्यू - पोस्टेरोनटेरियर व्यू
- एपी व्यू - एनट्रोपोस्टेरियर इरेक्ट व्यू
पिए व्यू चेस्ट एक्स रे की एक मानक स्थिति है। इसमें एक्स रे की रेडिएशन पीछे की तरफ (पोस्टीरियर) से आगे की तरफ (एंटीरियर) जाती हैं। यह छाती, हृदय और मेडीएसटीनम की तस्वीरें निकालने का सबसे सही तरीका है। लेकिन इसमें मरीज को खड़ा रहना पड़ता है।
एपी व्यू पिए व्यू का एक विकल्प है। यह या तो इरेक्ट पोजीशन या फिर ढीली पोजीशन में किया जा सकता है। इसमें एक्स रे की किरणें छाती के आगे से पीछे की तरफ जाती हैं। यह एक्स रे उन लोगों का किया जाता है जो कि अस्वस्थ होते हैं या फिर जिनके शरीर में ट्यूब लगी होती है, जिसके कारण वे खड़े नहीं हो सकते। साथ ही इस टेस्ट के कुछ नुकसान भी हैं जैसे -
- एक्स रे में त्वचा की सिलवटें और मोड़ दिखाई दे सकते हैं
- ऐसे में हृदय दूर हो जाता है और मध्य के ढाँचे (हृदय, ट्रेकिया और भोजन नली) बड़े दिखाई दे सकते हैं
- स्कैप्युले (कंधे की हड्डियां) फेफड़ों के कुछ भाग को छुपा सकती हैं