सेरुलोप्लास्मिन टेस्ट क्या है?
यह टेस्ट रक्त में सेरुलोप्लास्मिन नामक प्रोटीन के स्तर की जांच करता है। सेरुलोप्लास्मिन लिवर में बनता है और यह शरीर के विभिन्न भागों में कॉपर ले जाने का काम करता है। तांबा एक महत्वपूर्ण धातु है जिसकी हमारे शरीर को विभिन्न कार्यों के लिए जरूरत पड़ती है जैसे कनेक्टिव टिशू बनाने में, आयरन के मेटाबॉलिज्म में, कोशिकाओं के स्तर पर ऊर्जा के उत्पादन में और मेलानिन बनाने में।
एक स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में लिवर का काम कॉपर को सेरुलोप्लास्मिन से बांधना होता है, जो कि तांबे को उन ऊतकों तक ले जाता है जहां इसकी जरूरत होती है। हालांकि विल्सन रोग नामक स्थिति में भी कॉपर-सेरुलोप्लास्मिन बॉन्डिंग नहीं होती है। इससे लिवर में तांबे का जमाव बढ़ जाता है जो कि बाद में रक्त के जरिए मस्तिष्क, हड्डियों और किडनी तक चला जाता है और वहां जमने लगता है। यदि इलाज न किया जाए तो विल्सन रोग घातक हो सकता है।
चूंकि, शरीर में अत्यधिक कॉपर सेरुलोप्लास्मिन से बंधा होता है तो इस टेस्ट की सलाह तांबे के मेटाबॉलिज्म और संचरण से जुड़े विकारों की जांच करने के लिए दी जाती है।