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अगर पैराथायरायड हार्मोन लेवल 2.5 है और कैल्शियम लेवल इतना ज्यादा है तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है जिसका अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस तरह के पेशेंट में कैंसर होने की अधिक संभावना होती है। बिना कोई देरी किए डॉक्टर को दिखाएं।
कैल्शियम लेवल ज्यादा हो तो इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है। इसका मतलब सिर्फ यह है कि हड्डियों में कैल्शियम की कमी है। कैल्शियम युक्त आहार लें। अगर आपको इसके अलावा कोई और प्रॉब्लम नहीं है तो चिंता न करें। रोजाना दूध पिएं, आपको पैराथायरायड हार्मोन टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।
कैंसर कई तरीकों से खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ा सकता है। कैंसर-संबंधी हाइपर्कैल्सीमिया के कारणों में हड्डी से संबंधी कैंसर, जैसे मल्टीपल माइलोमा या ल्यूकेमिया या कैंसर जो हड्डी तक फैल गया हो हड्डी टूटने का खतरा हो। इसकी वजह से अत्यधिक मात्रा में ब्लड में कैल्शियम रिलीज होने लगता है।
हाइपर्कैल्सीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड में कैल्शियम लेवल नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है। ब्लड में ज्यादा कैल्शियम आपकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है, किडनी स्टोन कर सकता है और आपके हृदय एवं मस्तिष्क के कार्यों में बाधा ला सकता है। आमतौर पर, हाइपर्कैल्सीमिया पैराथायरायड ग्रंथि के अधिक सक्रिय होने का कारण होता है।
अगर विटामिन-डी की कमी है तो आप डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा ले सकते हैं और अगर कैल्शियम लेवल ज्यादा है तो दवा न लें या फिर उनकी सलाह पर कैल्शियम के लिए दी जा रही दवा लेना बंद कर दें।
आप ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। कमर दर्द के लिए यूएसजी और केयूबी अल्ट्रासाउंड से रेनाल सिस्टम की जांच करवा लें। अगर रिपोर्ट्स नार्मल आती हैं तो कमर को मजबूती देने वाली एक्सरसाइज करें।
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