सीडीयू (कैडमियम यूरिन) टेस्ट क्या है?
कैडमियम एक भारी धातु होती है जो कि आमतौर पर अन्य धातुओं जैसे जस्ता, तांबा और सीसा को गरम करके पिघलाने से बनता है। यह हमारे द्वारा रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों में भी होता है। ये मोबाइल फोन की बैटरी, पेंट, प्लास्टिक और फर्टिलाइज़र बनाने में प्रयोग किया जाता है। इस भारी धातु से संपर्क से शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं जैसे किडनी, फेफड़े और हड्डियां।
कुछ ऐसे व्यवसाय हैं जिनमें व्यक्ति का आमतौर पर कैडमियम से संपर्क हो जाता है और उससे विषाक्तता होती है:
- बैटरी बनाने वाली फैक्ट्री
- जहां धातुएं पिघलाई जाती हैं
- खनिज के कार्यों में
- कपड़ों से संबंधित कार्यों में
- आभूषण बनाने फैक्ट्री
- अपशिष्ट पदार्थों की सफाई में (सफाई कर्मचारी)
- वेल्डिंग और सोल्डरिंग के कार्य
- कैडमियम की मिश्रित धातु बनाने वाले कार्य
- ऐसे पेंट या प्लास्टिक बनाना जिनमें कैडमियम हो
आप कैडमियम के संपर्क में अन्य माध्यमों से भी आ सकते हैं। ऐसी सब्जियां जो कैडमियम के फर्टिलाइजर से संक्रमित मिट्टी में उगाई गई हैं, उन्हें खाना भी व्यक्ति के शरीर में अप्रत्यक्ष रूप से कैडमियम का खतरा बढ़ा सकता है। औद्योगिकीय प्रक्रियाएं जिनमें इस भारी धातु का प्रयोग किया जाता है, वहां कैडमियम से सीधे संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा जिस मिट्टी पर फॉस्फेट के फर्टिलाइज़र डाले जाते हैं, उनमें भी कैडमियम हो सकता है। इससे कैडमियम व अन्य भारी धातुओं से अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क होता है।
डॉक्टर सीडीयू टेस्ट की सलाह यूरिन में मौजूद इस टॉक्सिक धातु के स्तर की जांच करने के लिए देते हैं। कैडमियम ब्लड टेस्ट के विपरीत सीडीयू टेस्ट उपयोग एक्यूट कैडमियम टॉक्सिसिटी के लिए नहीं किया जाता, लेकिन गुर्दे खराब होने की स्थिति में किया जा सकता है। ये टेस्ट शरीर में मौजूद कैडमियम की सटीक मात्रा का सही अंदाजा देता है और आमतौर पर उन लोगों का किया जाता है जो लंबे समय से इस भारी धातु के संपर्क में होते हैं।