बोन मेरो आयरन स्टेन क्या है?

बोन मेरो बड़ी हड्डियों के बीच में पाया जाने वाला एक कोमल व मुलायम ऊतक होता है, जिसे हिन्दी भाषा में अस्थि मज्जा कहा जाता है। यह पेल्विस, जांघ की हड्डी, ब्रैस्ट बोन और रीढ़ की हड्डी में पाया जाता है। इसमें अपरिपक्व कोशिकाएं मौजूद होती हैं जो कि बाद में रक्त कोशिकाओं के रूप में विकसित हो जाती हैं, जिन्हें सफ़ेद रक्त कोशिकाएं, लाल रक्त कोशिकाएं और प्लेटलेट कहा जाता है।

बोन मेरो में फेरिटिन (रक्त में मौजूद एक प्रोटीन जिसमें आयरन) के रूप में आयरन भी मौजूद होता है। हीमोग्लोबिन (ऑक्सीजन युक्त ब्लड प्रोटीन) और लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने के लिए आयरन एक जरूरी पोषक तत्त्व है।

बोन मेरो आयरन स्टेन का इस्तेमाल अस्थि मज्जा में बचे हुऐ आयरन की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से आयरन की कमी (एनीमिया) व अधिकता का पता लगाया जाता है। इस टेस्ट में "पर्ल्स प्रशियन ब्लू" नाम के स्टेन का प्रयोग किया जाता है। माइक्रोस्कोप मशीन की मदद से यह स्टेन आयरन को नीले रंग का दिखाता है।

  1. बोन मेरो आयरन स्टेन क्यों किया जाता है - Bone Marrow Iron Stain Kyu Kiya Jata Hai
  2. बोन मेरो आयरन स्टेन से पहले - Bone Marrow Iron Stain Se Pahle
  3. बोन मेरो आयरन स्टेन के दौरान - Bone Marrow Iron Stain Ke Dauran
  4. बोन मेरो आयरन स्टेन के परिणाम का क्या मतलब है - Bone Marrow Iron Stain Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

बोन मेरो आयरन स्टेन किसलिए किया जाता है?

यदि डॉक्टर को आयरन की कमी से संबंधित लक्षण दिखाई देते हैं, तो वे आपको यह टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। आयरन की कमी या एनीमिया के कुछ सामान्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं:

बोन मेरो में सिडेरोब्लास्ट (अपरिपक्व लाल रक्त कोशिकाएं) की मात्रा में वृद्धि और कमी का पता लगाने में भी आयरन स्टेन मदद करता है। यह टेस्ट सिडेरोब्लास्टिक एनीमिया की जांच करने में मदद करता है। सिडेरोब्लास्टिक एनीमिया रक्त संबंधी विकारों का एक समूह है, जिसमें आयरन की पर्याप्त मात्रा मौजूद होने के बावजूद भी शरीर इसे हीमोग्लोबिन बनाने के लिए प्रयोग नहीं कर पाता। इस वजह से सिडेरोब्लास्ट में आयरन का जमाव हो जाता है जो कि एक रिंग की तरह के दिखाई देते हैं।

बोन मेरो आयरन स्टेन टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

यदि आप कोई भी दवा या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो उसके बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं। डॉक्टर टेस्ट से पहले ही आपको कुछ दवाएं लेने से मना कर सकते हैं जैसे खून को पतला करने वाली दवाएं (ब्लड थिनर)। डॉक्टर से पूछे बिना किसी भी दवा को लेना बंद न करें।

यदि आपको पहले कभी एनेस्थीसिया से कोई साइड इफेक्ट हुआ है, तो टेस्ट से पहले इसके बारे में भी डॉक्टर को बता दें।

यदि आपको टेस्ट से संबंधित किसी भी प्रकार की चिंता महसूस हो रही है, तो इस बारे में आप डॉक्टर से बात कर सकते हैं। यदि आपको बेहोश करने वाली दवाएं (सीडेटिव) दी जा रही हैं, तो आपको टेस्ट से पहले ही खाने से संबंधित कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने के लिए कहा जा सकता है।

बोन मेरो आयरन स्टेन कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट के लिए आपके बोन मेरो से सैंपल लिया जाता है। सैंपल लेने के लिए बोन मेरो एस्पिरेशन या बायोप्सी प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर मामलों में बायोप्सी प्रक्रिया में कूल्हे की हड्डी से सैंपल निकाला जाता है। इस प्रक्रिया में 15 मिनट या उससे अधिक का समय लग सकता है। बोन मेरो बायोस्पी निम्न तरीके से की जाती है:

  • आपसे सिकुड़कर लेटने को कहा जाएगा ताकि आपके घुटने आपकी छाती के पास आ जाएं। बायोप्सी के दौरान आपसे जितना हो सके स्थिर रहने को कहा जाएगा। 
  • डॉक्टर कूल्हे की त्वचा को एंटीसेप्टिक दवा से साफ करेंगे।
  • इसके बाद जगह को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया लगाया जाएगा।
  • जब जगह सुन्न हो जाती है तो हड्डी के बीच में एक विशेष सुई लगाकर बोन मेरो द्रव का सैंपल ले लिया जाता है। यह द्रव्य सुई की मदद से निकाला जाता है।
  • हड्ढी के सख्त ऊतकों को निकालने के लिए दूसरी सुई की जरूरत पड़ती है। 
  • इसके बाद सुई निकाल कर उस जगह पर पट्टी कर दी जाती है। अगले चौबीस घंटों तक या फिर जब तक रक्त न रुक जाए तब तक पट्टी न हटाएं।
  • बायोप्सी हो जाने के बाद आपसे 15-30 मिनट तक लेटे रहने के लिए कहा जाएगा ताकि इस बात का ध्यान रखा जा सके कि आपको ब्लीडिंग नहीं हो रही है।

यदि आपको सीडेटिव दिया गया है तो टेस्ट के कुछ समय बाद तक आपको सुस्त या नींद आने जैसा महसूस हो सकता है, ऐसे में खुद गाड़ी न चलाएं।

बायोप्सी के दौरान लगाया गया एनेस्थीसिया का प्रभाव कुछ समय के बाद उतरने लगता है। जिसके कारण इंजेक्शन लगी जगह पर दर्द हो सकता है। दर्द को नियंत्रित करने के लिए आप डॉक्टर से पूछ कर दवा ले सकते हैं।

बोन मेरो बायोस्पी से जुड़े खतरे निम्न हैं -

  • टेस्ट के बाद लगातार दर्द रहना 
  • रक्तस्त्राव 
  • संक्रमण 

यदि आपको संक्रमण से संबंधी कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। इन लक्षणों में बुखार, लगातार दर्द रहना, इंजेक्शन लगी जगह पर लालिमा या सूजन शामिल हैं।

बोन मेरो आयरन स्टेन के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम:

स्टेनिंग टेस्ट में आयरन की जितनी मात्रा की पहचान की जाएगी, उसके अनुसार ही डॉक्टर परिणाम को समझाएंगे। सामान्य परिणाम का मतलब है कि दिए गए सैंपल में सामान्य मात्रा में कोशिकाएं और ऊतक मौजूद हैं।

असामान्य परिणाम:

लो आयरन स्टोरेज का मतलब है कि व्यक्ति को आयरन की कमी (एनीमिया) हो सकती हैं, वहीं आयरन के उच्च स्तर मेगालोब्लास्टिक एनीमिया और सिडेरोब्लास्टिक एनीमिया जैसी स्थितियों की ओर संकेत कर सकते हैं। सिडेरोब्लास्टिक एनीमिया में बोन मेरो में रिंग के आकार की सिडरब्लास्ट (अपरिपक्व लाल रक्त कोशिकाएं जिनमें अत्यधिक आयरन होता है) दिखाई देते हैं।

संदर्भ

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