डायबिटीज (मधुमेह) के कई रोगियों को घर पर शुगर चेक करने व डायरी में रिकॉर्ड रखने की सलाह दी जाती है। यह शुगर को नियंत्रित रखने का एक बेहतरीन तरीका है, क्योंकि जब आप नियमित रूप से शुगर चेक करेंगे, तभी अपनी डाइट, दवाओं एवं दिनचर्या को ठीक से रख पाएंगे। लेकिन शुगर टेस्टिंग ठीक तरीके से की जाए, इसके लिए आपको कुछ बातों का पता होना जरूरी है। इस दौरान कुछ गलतियां होने पर गलत रीडिंग आने के भी आसार रहते हैं, जो कि शुगर के बढ़ने (हाइपरग्लाइसीमिया) एवं शुगर के घटने (हाइपोग्लाइसीमिया) की स्थिति में खतरनाक साबित हो सकते हैं। आज के इस लेख में हम जानेंगे कि सटीक तरीके से शुगर टेस्टिंग कैसे करें, किन बातों का ध्यान रखें, साथ ही किन स्टेप्स को फॉलो करें। आइए जानते हैं :

(और पढ़ें - ब्लड शुगर कम होने पर क्या करें)

  1. शुगर की जांच नियमित तौर पर क्यों करनी चाहिए - Why should I check my sugars on regular basis in Hindi
  2. किसे ब्लड शुगर रोज चेक करने की जरूरत है - Who should do SMBG on regularly in Hindi
  3. घर पर शुगर की जांच कब करनी चाहिए - When should you check your blood glucose at home in Hindi
  4. घर पर शुगर टेस्ट करने के किन चीजों की जरूरत होती है - Supplies you need to check your sugars at home without any error in Hindi
  5. घर पर सही रीडिंग के लिए जरूरी स्टेप्स - Right steps to do SMBG at Home in Hindi
  6. घर पर शुगर टेस्ट करते समय रखें इन बातों का ध्यान - Keep these things in mind while doing sugar test at home in Hindi
डायबिटीज की जांच घर पर कैसे करें? के डॉक्टर

यहां हमने कुछ महत्वपूर्ण कारण बताएं है, जिससे आप जानेंगे कि नियमित तौर पर शुगर की जांच क्यों जरूरी है :

  • इससे आपको अपनी शुगर रीडिंग की तुरंत जानकारी मिल जाती है, जिससे आपको अपने आहार और गतिविधियों के प्रति सावधान रहने का मौका मिलता है।
  • हाई एवं लो ब्लड शुगर का समय पर पता लग सकता है।
  • जब भी आहार एवं दिनचर्या संबंधित बदलाव होते हैं, तो शुगर की रीडिंग किसी अलार्म की तरह आपको सचेत करती है।
  • यह आपको एवं आपकी हेल्थकेयर टीम को दवा, खुराक एवं आवश्यक बदलाव की जानकारी देती है, जिससे आप ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं।

(और पढ़ें - ब्लड शुगर टेस्ट क्या है)

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निम्नलिखित परिस्थितियों में आपको अपना ब्लड शुगर नियमित तौर पर चेक करना चाहिए :

  • यदि आप इन्सुलिन या ओरल दवाओं का सेवन कर रहे हैं।
  • यदि आप वल्नरेबल ग्रुप में आते है (गर्भवती महिलाएं, बच्चे एवं बूढ़े व्यक्ति)
  • यदि आपका शुगर नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। (और पढ़ें - नॉर्मल शुगर लेवल रेंज कितना होना चाहिए)
  • यदि बिना लक्षणों के हाइपोग्लाइसीमिया (शुगर का कम होना) हो रहा है।
  • यदि आप बीमार हैं या पेशाब में कीटोन आ रहा है।
  • यदि डॉक्टर ने दवाओं के बदलाव के लिए शुगर के रिकॉर्ड की मांग की है।
  • यदि आप अपनी डाइट एवं शारीरिक व्यायाम में बदलाव करना चाहते हैं।

कुछ अन्य फैक्टर भी हैं, जिनका आपके ब्लड शुगर को बढ़ाने एवं कम करने में योगदान होता है जैसे कि :
शुगर को बढ़ाने वाले तत्व -

शुगर को कम करने वाले तत्व-

  • कम मात्रा में भोजन करना
  • ज्यादा मात्रा में ली गई दवाएं / इन्सुलिन
  • ज्यादा मात्रा में की गई एक्सरसाइज

(और पढ़ें - अचानक ब्लड शुगर कम होने पर क्या करें)

डायबिटीज के प्रकार, अवधि, आयु, वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति एवं शारीरिक श्रम व अन्य कारणों के अनुसार डॉक्टर आपको शुगर टेस्ट की सलाह देते हैं। जो इस प्रकार हो सकते हैं :

  • सुबह खाली पेट
  • खाने के 1 या 2 घंटे बाद
  • सोने से पहले
  • मध्य रात्रि में या रात के 3 बजे
  • जब शुगर के कम या ज्यादा होने के लक्षण हों
  • जब आपके दिनचर्या, खाने या दवा/इन्सुलिन में कोई परिवर्तन हुआ हो
  • एक्सरसाइज से पहले/बीच में/ बाद में (आवश्यकता अनुसार)
  • जब बीमार हों या तनाव में हों

(और पढ़ें - तनाव दूर करने के घरेलू उपाय)

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सटीक (बिना किसी गलती के) शुगर रीडिंग के लिए कुछ महत्वपूर्ण टेस्ट सबंधित चीजें अपने पास होना जरूरी हैं जैसे कि :

  • अच्छे ब्रांड का ग्लूकोमीटर
  • शुगर टेस्टिंग के लिए स्ट्रिप्स
  • लेंसेट/ छोटी सुइयां
  • लेंसेट डिवाइस (जिसमें सुई को लगाया जाता है)
  • अल्कोहल वाइप्स या साबुन एवं पानी
  • रिकॉर्ड लिखने के लिए पेन एवं डायरी

(और पढ़ें - शुगर का आयुर्वेदिक उपचार)

ऊपर बताई गई चीजों को इकट्ठा करने के बाद, आपको निम्नलिखित स्टेप्स के अनुसार शुगर की जांच करनी है, जिससे एकदम सही रीडिंग मिल पाए :

  • हाथ को अच्छे से साबुन एवं पानी से धोकर पोछ लें। आप अल्कोहल स्वैब का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। हाथ को फूंक कर या गंदे कपड़े (हाथ पर लगे भोजन या अन्य चीजें रीडिंग को गलत कर सकती हैं) से न सुखाएं। साफ तौलिये से पोछें या अपने आप सूखने दें। (और पढ़ें - हाथ धोने का सही तरीका)
  • इसके बाद हाथ को अच्छे से झटक लें या जिस उंगली पर टेस्ट किया जाना है उसे रगड़ लें, जिससे रक्त का प्रवाह ठीक हो सके।
  • अब अपने मीटर में स्ट्रिप लगा लें।
  • मीटर पर बीप आने के बाद, उसमें लगी सुई से अपनी उंगली के किनारे पर छेद कर लें।
  • अब खून की एक ड्राप या बूंद निकल आएगी, जिसे आपको स्ट्रिप पर दर्शाई हुई जगह पर लगाना है।
  • कुछ सेकंड के बाद आपका मीटर अपनी स्क्रीन पर सही रीडिंग दर्शा देगा।
  • यह रीडिंग किस समय और किस दिन ली है, इसके अलावा रीडिंग कितनी आई है इसे अपनी रिकॉर्ड बुक में लिख लें।

(और पढ़ें - डायबिटीज डाइट चार्ट)

दर्दरहित एवं त्रुटिरहित (सटीक) रीडिंग प्राप्त करने के लिए घर पर शुगर चेक करते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है :

  • जिस हिस्से पर टेस्ट करना है, उसे बिना साफ किए या सुखाए बिना टेस्ट न करें।
  • उंगली को झटकना जरूरी है, जिससे रक्त का संचार सही रहे और पर्याप्त बूंद निकल पाए।
  • अपनी सुई को समय-समय पर बदलते रहें, पुरानी सुई से दर्द एवं इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है।
  • सुई की लंबाई, उम्र एवं त्वचा की मोटाई के अनुसार सेट करें जैसे बच्चे के लिए 1 से 2 के बीच, एडल्ट के लिए 3 से 4 एवं बूढ़ों के लिए 4 से 5 का चयन कर सकते हैं। (और पढ़ें - यूरिन ग्लूकोज टेस्ट क्या है)
  • अपने मीटर को साफ करके रखें एवं समय-समय पर कैलिब्रेशन कराते रहें, जिससे सही रीडिंग मिले।
  • अपने स्ट्रिप की एक्सपायरी की जांच करते रहें एवं स्ट्रिप के डब्बे को खुला ना छोड़ें। साथ ही साथ स्ट्रिप खरीदते समय, स्ट्रिप व मीटर की कोडिंग को भी मिला लें। इन सभी बातों पर ध्यान ना देने से गलत रीडिंग आने का जोखिम रहता है।
  • शुगर टेस्ट का रिकॉर्ड टिप्पणी (कमेंट) के साथ अवश्य रखें, जिससे आवश्यक बदलावों के लिए मदद मिल सके।

(और पढ़ें - डायबिटीज में परहेज क्या है)

Dr.Jainaa Khedawala

Dr.Jainaa Khedawala

मधुमेह चिकित्सक
2 वर्षों का अनुभव

Dr. Surbhi Agrawal

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मधुमेह चिकित्सक
11 वर्षों का अनुभव

Dr. Sweta S

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मधुमेह चिकित्सक
9 वर्षों का अनुभव

Dr. Khushali Vyas

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मधुमेह चिकित्सक
11 वर्षों का अनुभव

संदर्भ

  1. International Diabetes Federation [Internet]
  2. Schnell Oliver, et al. Clinical Utility of SMBG: Recommendations on the Use and Reporting of SMBG in Clinical Research. Diabetes Care. 2015 Sep; 38(9): 1627-1633.
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