बीटा-2 ग्लाइकोप्रोटीन1 (ß2 जीपीआई) एंटीबॉडीज टेस्ट क्या है?
यह टेस्ट आपके शरीर में प्लाज्मा प्रोटीन ß2 जीपीआई के विरोध में बन रहे एंटीबॉडीज की जांच करने के लिए यह किया जाता है।
बीटा-2 ग्लाइकोप्रोटीन1 रक्त में बहुत ही अधिक मात्रा में मौजूद होता है। यह प्लेटलेट और रक्त कोशिकाओं की बाहरी सतह पर मौजूद फोस्फोलिपिड्स से जुड़ता है और रक्त के थक्के जमने से बचाता है।
एंटीबॉडी एक विशेष प्रोटीन होता है जो कि संक्रमण और पैथोजन से लड़ने में शरीर की मदद करता है। हालांकि एंटी-ß2 जीपीआई थोड़े अलग होते हैं क्योंकि ये स्वस्थ ऊतकों पर हमला करते हैं। इन एंटीबॉडीज को ऑटोएंटीबॉडीज (ऑटो सेल्फ एंटीबॉडीज) कहा जाता है।
चूंकि ये ß2 जीपीआई को नष्ट कर देते हैं, तो इसलिए माना जाता है कि एंटी-ß2 जीपीआई गलत तरह से थक्के जमने की प्रक्रिया से जुड़ा है। ऐसा होने पर रक्त वाहिकाओं में असामान्य रूप से थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।
इन एंटीबॉडीज को एंटीफोस्फोलिपिड्स एंटीबॉडीज कहा जाता है। डॉक्टर इस टेस्ट के साथ एंटीफोस्फोलिपिड्स एंटीबॉडीज के लिए अन्य टेस्टों जैसे लुपस कोऐग्युलेंट और एंटीकार्डियोलिपिन टेस्ट की सालह दे सकते हैं।
वैसे कार्डियोलिपिन एंटीबॉडीज और ß2 जीपीआई एक ही पदार्थ से खुद को बांधते हैं लेकिन इनमें से किसी भी एक की उपस्थिति अन्य की मौजूदगी के बारे में पुष्टि नहीं देती है। ß2 जीपीआई की सलाह आमतौर पर नहीं दी जाती है यह कुछ विशेष स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है।