बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट क्या है?

बैक्टीरिया अति सूक्ष्म जीव हैं, जो वातावरण में काफी मात्रा में मौजूद होते हैं। सभी बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते, केवल पैथोजेनिक प्रजाति के बैक्टीरिया ही संक्रमण व रोग फैलाते हैं। यदि समय पर स्थिति का इलाज न किया जाए तो बैक्टीरियल संक्रमण पूरे शरीर में फैल सकता है जिससे सेप्सिस नामक जानलेवा रोग भी हो सकता है।

बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट शरीर के किसी भाग पर या उसके अंदर जमे द्रव में बैक्टीरियल संक्रमण की जांच करने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट बैक्टीरिया के प्रकार की पहचान करता है और यह भी बताता है कि किस एंटीबायोटिक के प्रति बैक्टीरिया संवेदनशील है ताकि व्यक्ति को सही दवा दी जा सके।

इस प्रक्रिया में कुछ दिनों तक का समय लगता है। सेंसिटिविटी की तुरंत पहचान करने के लिए ऑटोमेटेड मशीनें बाजार में उपलब्ध हैं, जिनमें से एक विटेक-2 मशीन है। इसीलिए इस टेस्ट को विटेक टेस्ट भी कहा जा सकता है।

  1. बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट क्यों किया जाता है - Bacterial Culture and Sensitivity Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट से पहले - Bacterial Culture and Sensitivity Test Se Pahle
  3. बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट के दौरान - Bacterial Culture and Sensitivity Test Ke Dauran
  4. बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Bacterial Culture and Sensitivity Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट किसलिए किया जाता है?

डॉक्टर को यदि किसी भी तरह के बैक्टीरियल संक्रमण होने का संदेह होता है तो वे इस टेस्ट को करवाने के लिए कह सकते हैं। सभी बैक्टीरिया किसी एक प्रकार के एंटीबॉडी के प्रति समान रूप से संवेदनशील नहीं होते हैं। इनमें से कुछ बैक्टीरिया इसके प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं, जबकि अन्य कम। एक ही प्रकार का बैक्टीरिया विभिन्न लोगों में अलग तरह से प्रतिक्रिया करता है। इस टेस्ट से डॉक्टर आपके लिए सही एंटीबायोटिक निश्चित कर पाएंगे।

कुछ बैक्टीरिया एंटीबायोटिक दवाओं पर प्रतिक्रिया करना बंद कर देते हैं और परिणामस्वरूप ये दवाएं असर करना बंद कर देती हैं। ऐसी स्थिति में यह टेस्ट करना और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। यदि आप किसी ऐसे बैक्टीरिया से संक्रमित हुए हैं जो पहले से ही एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी है तो एंटीबायोटिक दवाएं काम नहींं कर पाएंगी।

इस टेस्ट की जरूरत आमतौर पर खराब गला, निमोनिया, मूत्राशय पथ के संक्रमण, ब्रोंकाइटिस, फ़ूड पाइजनिंग या किसी खुले घाव का परीक्षण करने के लिए किया जा सकता है।

निम्न सूची में कुछ कल्चर टेस्ट दिए गए हैं, जिससे डॉक्टर बैक्टीरिया के प्रकार का पता लगा सकते हैं। इन टेस्ट की सलाह डॉक्टर आपके लक्षणों के अनुसार देते हैं :

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बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

टेस्ट से पहले की जाने वाली तैयारी हर टेस्ट के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। आमतौर पर ब्लड कल्चर थ्रोट कल्चर, यूरिन कल्चर, रेक्टल कल्चर, स्टूल कल्चर, वाउंड कल्चर, आई कल्चर आदि टेस्ट करवाने से पहले किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता नहीं है।

इंडोसर्विकल कल्चर के लिए महिला को टेस्ट से पहले टब में नहाने से मना किया जा सकता है। स्पुटम कल्चर टेस्ट के लिए आपसे तरल पेय पदार्थ पीने के लिए कहा जाएगा ताकि बलगम का सैंपल ले लिया जाए। आपसे टेस्ट से पहले दांत साफ करने के लिए भी कहा जाएगा ताकि सैंपल किसी भी तरह से दूषित न हो पाए।

यदि आप कोई भी एंटीबायोटिक ले रहे हैं, तो इसके बारे में डॉक्टर को पहले ही बता दें।

बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट कैसे किया जाता है?

विभिन्न कल्चर टेस्ट के लिए सैंपल लेने के अलग तरीके होते हैं। उदाहरण के लिए थ्रोट कल्चर, आई कल्चर, वाउंड कल्चर या एंडोसर्विकल कल्चर के मामले में डॉक्टर एक स्वैब स्टिक (फाइबर की एक स्टिक जिसके सिरे पर सैंपल का पदार्थ अवशोषित होता है) की मदद से सही जगह ढूंढ कर सैंपल ले लिया जाता है। इस प्रक्रिया में थोड़ी तकलीफ महसूस हो सकती है।

ब्लड कल्चर के लिए आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लिए जाएंगे।

यूरिन और स्टूल कल्चर के लिए आपको लैब से एक कंटेनर या कप दिया जाएगा और साथ ही सैंपल लेने का तरीका समझा दिया जाएगा।

स्पुटम कल्चर के लिए आपसे गहरी सांसें लेने और खांसने के लिए कहा जाएगा ताकि छाती के अंदर से बलगम का सैंपल लिया जा सके।

किसी टेस्ट के लिए एक से ज्यादा सैंपल की भी जरूरत हो सकती है। ब्लड कल्चर के लिए दोबारा सैंपल लिया जा सकता है। स्पुटम कल्चर के मामले में लगातार तीन दिनों तक सैंपल लिया जा सकता है। इसके अलावा कोई अन्य जरूरत होगी तो डॉक्टर आपको बता देंगे।

सैंपल लेने के बाद इसे कल्चर के लिए लैब में भेज दिया जाएगा। यदि किसी भी तरह के हानिकारक बैक्टीरिया की पहचान की जाती है तो डॉक्टर बैक्टीरिया को अलग अलग कंटेनर में भिन्न एंटीबायोटिक के साथ रख देंगे, ताकि यह देखा जा सके कि कौन सा एंटीबायोटिक बैक्टीरिया को विकसित होने से रोकता है।

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बैक्टीरियल ग्रोथ आइडेंटिफिकेशन एंड सेंसिटिविटी टेस्ट के परिणाम क्या बताते हैं?

सामान्य परिणाम

टेस्ट के परिणाम आने में थोड़ा समय लग सकता है, क्योंकि बैक्टीरिया को बढ़ने में 48 घंटे का समय लग सकता है। विटेक-2 जैसी कुछ ऑटोमेटेड मशीनों की मदद से प्रक्रिया शीघ्रता से हो सकती है और परिणाम अधिक सटीक आते हैं।

यदि कई तरीकों से टेस्ट करने पर भी परिणाम सामान्य आते हैं, तो  इसका मतलब है कि व्यक्ति को संक्रमण नहीं है।

हालांकि, इस टेस्ट के परिणाम गलत तरह से भी पॉजिटिव आ सकते हैं। ऐसा सैंपल लेने से पहले दी गई एंटीबायोटिक थेरेपी के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक से बैक्टीरिया का विकास धीमा हो जाता है जिससे शुरुआत में परिणाम गलत तरीके से नेगेटिव आ सकते हैं।

असामान्य परिणाम

इस टेस्ट के असामान्य परिणामों को पॉजिटिव लिखा जाता है। असामान्य परिणाम में बैक्टीरिया के प्रकार का पता चल जाता है जिसका मतलब है कि व्यक्ति को कोई संक्रमण हुआ है। इसमें ऐसे एंटीबायोटिक की सूची भी होती है जो कि संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ सही तरह से कार्य करेंगे।

टेस्ट के परिणामों के आधार पर डॉक्टर आपको सही एंटीबायोटिक थेरेपी की सलाह दे पाएंगे।

 

संदर्भ

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