एसपरजिलस एक प्रकार का फंगस (कवक) है, जो वातावरण में भरपूर मात्रा में मौजूद होता है। ज्यादातर लोग सांस लेने के दौरान एसपरजिलस को अपने अंदर ले लेते हैं और उनके स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनके अंदर ये फंगस संक्रमण और एलर्जी पैदा कर सकते हैं। कुछ लोगों में एसपरजिलस संक्रमण होने का खतरा अधिक होता है, जिनमें कैंसर, टीबी, एम्फसीमा और सिस्टिक फाइब्रोसिस के मरीज शामिल हैं।
एस्परजिलोसिस, एसपरजिलस के कारण होने वाला सबसे आम संक्रमण है। यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करने वाला रोग है, जो नाक के वायुमार्गों में एसपरजिलस की वृद्धि होने पर होता है। एसपरजिलोसिस संक्रमण के सबसे गंभीर प्रकार को "इनवेसिव एसपरजिलोसिस" के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में संक्रमण रक्तवाहिकाओं और ऊतकों में फैल जाता है। यदि इनवेसिव एसपरजिलोसिस का समय पर इलाज न किया जाए तो इसके कारण मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
जब कोई व्यक्ति इनवेसिव एसपरजिलोसिस से ग्रस्त होता है, तो एसपरजिलस एक विशेष प्रकार के प्रोटीन को खून में स्रावित कर देता है। इस प्रोटीन को गैलेक्टोमेनन कहा जाता है। इसलिए इस गंभीर संक्रमण का परीक्षण करने के लिए एसपरजिलस गैलेक्टोमेनन एंटीजन टेस्ट किया जाता है।
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