आर्सेनिक ब्लड टेस्ट क्या है?

यह  ब्लड टेस्ट  आपके आर्सेनिक से हुए संपर्क की पहचान करने के लिए किया जाता है।

आर्सेनिक एक तत्व है जो कि धरती की परत में प्राकृतिक रूप से जैविक और अजैविक दोनों तरह से पाया जाता है। इसका प्रयोग लकड़ी को घुन लगने से बचाने वाली दवाओं, कीटाणुनाशकों और तम्बाकू में किया जाता है। खदानों के कार्यों और ज्वालामुखी विस्फोट के कारण आर्सेनिक की कुछ मात्रा वातावरण और मिट्टी में मिल जाती है।

मिट्टी में मिला हुआ आर्सेनिक (दोनों प्राकृतिक व खदानों से प्राप्त) जमीन के नीचे मौजूद पानी में जा सकता है और यही पानी पीने से यह शरीर में भी जा सकता है। आर्सेनिक युक्त मिट्टी में उगे पौधे आर्सेनिक की विषाक्तता के स्रोत हो सकते हैं। त्वचा का आर्सेनिक धातु से संपर्क होना, इसकी विषाक्तता होने का मुख्य जोखिम नहीं है।

इसके अलावा आर्सेनिक गलती से या जानबूझकर भी लिया जा सकता है। ऐसा आमतौर पर खुदकुशी के मामलों में देखा जाता है, जब व्यक्ति कीटनाशकों या चूहे आदि मारने की दवा का उपयोग करता है, जिनमें आर्सेनिक होता है। अजैविक आर्सेनिक की जानलेवा मात्रा 0.6 mg/kg/day होती है।

अजैविक आर्सेनिक अत्यधिक विषाक्त होता है। हालांकि यह रक्त में थोड़े समय के लिए ही रहता है, अधिकतम दो दिनों तक। दो दिनों में आर्सेनिक भिन्न ऊतकों से जुड़ जाता है। इसके बाद यह धीरे-धीरे शरीर से बाहर निकल जाता है।

आर्सेनिक ब्लड टेस्ट इस धातु से हुए एक्यूट या तीव्र संपर्क की पहचान करने में प्रभावकारी है, ऐसा संपर्क में आने के तुरंत बाद किया जा सकता है। यह टेस्ट आर्सेनिक की विषाक्तता के लिए दी जा रही थेरेपी का प्रभाव देखने के लिए भी किया जा सकता है।

  1. आर्सेनिक ब्लड टेस्ट क्यों किया जाता है - Arsenic blood Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. आर्सेनिक ब्लड टेस्ट से पहले - Arsenic blood Test Se Pahle
  3. आर्सेनिक ब्लड टेस्ट के दौरान - Arsenic blood Test Ke Dauran
  4. आर्सेनिक ब्लड टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - Arsenic blood Test and Normal Range

आर्सेनिक ब्लड टेस्ट किसलिए किया जाता है?

आर्सेनिक की विषाक्तता होने के कुछ घंटों में ही डॉक्टर आर्सेनिक ब्लड टेस्ट की सलाह दे सकते हैं।

एक्यूट आर्सेनिक पॉइजनिंग में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं :

  • जठरांत्र पथ से जुड़े लक्षण
  • हेमेटोलॉजिकल लक्षण

    • इंट्रावैस्कुलर कोएग्युलेशन (रक्त वाहिकाओं में रक्त के थक्के जमना)
    • बोन मेरो डिप्रेशन (बोन मेरो के कार्य में कमी)
    • हेमोग्लोबिन्यूरिया (यूरिन में हीमोग्लोबिन मौजूद होना)
    • गंभीर पेंसीटोपेनिया (सभी रक्त कोशिकाओं के प्रकार की संख्या कम होना)
    • बासोफिलिक स्टिप्लिंग (आरबीसी में ग्रैन्यूल्स का एक विशेष प्रकार मौजूद होना)
    • नोरमोसैटिक नोरमोक्रोमिक एनीमिया (एनीमिया जिसमें हीमोग्लोबिन कम मात्रा में घटता है। ऐसा आमतौर पर क्रोनिक डिजीज में होता है)
    • रेस्पिरेटरी फेलियर
    • पल्मोनरी एडिमा
       
  • न्यूरोलॉजिकल लक्षण
    • पेरीफेरल न्यूरोपैथी (नसें क्षतिग्रस्त होना) यह एक से दो साल तक रहता है
    • अचानक से गंभीर महसूस होना और लगातार बढ़ना
    • एन्सेफेलोपैथी (मस्तिष्क के कार्यों में कमी)
    • मेटाबोलिक बदलाव
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आर्सेनिक ब्लड टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

इस टेस्ट के लिए किसी भी तैयारी की जरूरत नहीं होती। यदि आप किसी भी तरह की दवा, विटामिन या सप्लीमेंट ले रहे हैं तो इसके बारे में डॉक्टर को बताएं। वे आपसे कुछ दवाएं लेने से मना भी कर सकते हैं। डॉक्टर से पूछे बगैर कोई भी दवा लेना बंद न करें।

टेस्ट से 72 घंटे पहले समुद्री आहार न खाएं। यदि आपने कोई ऐसा टेस्ट या प्रक्रिया करवाई है, तो डॉक्टर को बता दें। क्योंकि कुछ टस्टों में आयोडीन या गैडोलीनियम का प्रयोग किया जाता है, जो टेस्ट के परिणामों को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में डॉक्टर यह टेस्ट करने के लिए 96 घंटों का इंतजार कर सकते हैं।

आर्सेनिक ब्लड टेस्ट कैसे किया जाता है?

डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लेंगे ऐसा निम्न प्रक्रिया के द्वारा किया जाता है :

  • डॉक्टर पहले आपकी बांह के ऊपरी हिस्से में एक इलास्टिक बैंड बांधेंगे। ऐसा नस ढूंढने के लिए किया जाता है ताकि सैंपल लेने में आसानी हो।
  • डॉक्टर इंजेक्शन लगने वाली जगह को एंटीसेप्टिक दवा से साफ करेंगे और एक सुई की मदद से रक्त ले लिया जाएगा। 
  • सैंपल लेने के बाद डॉक्टर इलास्टिक बैंड हटा देंगे और कॉटन से हल्का सा दबाव लगाकर रक्त स्राव रोक दिया जाएगा।

टेस्ट के बाद आपको इंजेक्शन लगी जगह पर दर्द या बेचैनी हो सकती है। यह थोड़े समय में अपने आप ठीक हो जाती है।

आर्सेनिक ब्लड टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम

आमतौर पर आर्सेनिक का रक्त में सामान्य जमाव 0-12 ng/mL सभी उम्र के लोगों के लिए है। यदि टेस्ट के परिणाम इस स्तर में हैं तो यह पूरी तरह से ठीक है।

असामान्य परिणाम

यदि रक्त में आर्सेनिक की मात्रा 12 ng/mL से अधिक है, तो इसका मतलब है कि आपका इस तत्व के साथ संपर्क हुआ है।

संदर्भ

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  5. National Health Service [internet]. UK; Blood Tests
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