अपोलीपोप्रोटीन बी टेस्ट क्या है?
अपोलीपोप्रोटीन बी टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो कि रक्त में पॉलीपेप्टाइड -अपोलीपोप्रोटीन बी के स्तर की जांच करने में मदद करता है। इसे कभी-कभी अपो बी या अपोलीपोप्रोटीन बी-100 टेस्ट भी कहा जाता है।
लिपोप्रोटीन काम्प्लेक्स मोलेक्यूल होते हैं जो कि लिपिड और प्रोटीन से बने होते हैं। इस प्रोटीन का विशिष्ट डिजाइन अघुलनशील वसा को खून में संचारित करने में मदद करता है। यह वसा के चयापचय में भी मदद करता है।
अपोलीपोप्रोटीन बी लो-डेंसिटी प्रोटीन (एलडीएल) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है में मौजूद होता है। इसके अलावा यह वैरी लो-डेंसिटी प्रोटीन (वीएलडीएल) में भी पाया जाता है। वीएलडीएल प्राथमिक तौर पर लिवर से कोलेस्ट्रॉल विभिन्न ऊतकों तक ले कर जाता है। इसमें अपोलीपोप्रोटीन वीएलडीएल की मदद करता है यह कोलेस्ट्रॉल को ऊतकों में उतरने में मदद करता है। जैसे ही मॉलिक्यूल ऊतक तक पहुँचता है फैट ट्रांसफर हो जाता है और लिपोप्रोटीन धीरे-धीरे अपना रूप बदलकर एलडीएल में परिवर्तित हो जाते हैं। इस दौरान अपो बी समान ही रहते हैं।
यदि शरीर में अत्यधिक ए0लडीएल ही जाता है तो यह रक्त वाहिकाओं के अंदर की दीवारों को संकरा कर देता है। ये उन रक्त वाहिकाओं के आस-पास के क्षेत्र में रक्तप्रवाह को प्रभावित करता है जिसका वहां के ऊतकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एलडीएल के जमाव से रक्त वाहिकाओं की दीवारें सख्त हो जाती हैं जिससे वे बार-बार क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। यदि ये प्रक्रिया हृदय तक रक्त पहुंचाने वाली रक्त वाहिकाओं में होती है तो इससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
चूंकि, अपो बी बहुत ही करीब से एलडीएल से जुड़ा है तो रक्त में अपोलीपोप्रोटीन बी के स्तरों की जांच से हृदय विकारों के खतरे का पता लगाया जा सकता है।