एंटी-फॉस्फोलिपिड एंटीबॉडी (एपीएल) टेस्ट क्या है?
एंटिफॉस्फोलिपिड एंटीबॉडीज, ऑटो-एंटीबॉडीज़ का एक प्रकार है। ये शरीर के द्वारा बनाए गए फॉस्फोलिपिड (एक लिपिड जो कि अपने मॉलिक्यूल में फॉस्फेट रखता है) के विरोध में ही बनाए जाते हैं। फॉस्फोलिपिड खून के थक्के जमाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इसलिए जिन लोगों में एपीएल एंटीबॉडीज पाए जाते हैं उनके शरीर में खून के थक्के जमने का अधिक खतरा होता है जो कि स्ट्रोक, मिसकैरेज और हार्ट अटैक के खतरे को और बढ़ा देते हैं।
खून में एपीएल एंटीबॉडीज के विशेष प्रकार की उपस्थिति की जांच के लिए कुछ टेस्ट मौजूद हैं। इनमें से कुछ हैं:
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कार्डियोलिपिन एंटीबॉडीज (एंटीकार्डियोलिपिन एंटीबॉडीज) टेस्ट:
यह टेस्ट बहुत ही सामान्य एपीएल एंटीबॉडीज का पता लगाने में मदद करता है जो कार्डियोलिपिन के विरोध में बनाए जाते हैं। कार्डियोलिपिन एक प्रकार का फॉस्फोलिपिड है जो ब्लड प्लेटलेट्स की कोशिका झिल्ली में होता है। -
लुपस एंटीकोगीलेंट असे:
लुपस एंटीकोगीलेंट असे एक विशेष प्रकार के एपीएल एंटीबॉडीज हैं, जो उन लोगों में पाए जाते हैं जिन्हें लुपस रोग होता है। लुपस एंटीकोगीलेंट असे रक्त प्रवाह में इन एंटीबॉडीज की जांच करता है। इस टेस्ट में एक्टिवेटिड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टाइम (एपीटीटी), केओलिन (या सिलिका) क्लॉटिंग टाइम और पीटीटी मिक्सिंग टेस्ट या प्रोलोंग पीटीटी टेस्ट शामिल हैं। -
बीटा-2 ग्लाइकोप्रोटीन 1 एंटीबॉडी टेस्ट:
ये टेस्ट बीटा-2 ग्लाइकोप्रोटीन 1 का पता लगाता है जो एपीएल एंटीबॉडीज का एक प्रकार है।
कुछ स्थितियां जिनसे एपीएल एंटीबाडीज बनने लगते हैं, वे हैं:
- ऑटोइम्यून विकार, जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस, लुपस और सिस्टमिक स्क्लेरोसिस
- संक्रमण जैसे ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी सिंड्रोम (एचआईवी), मोनोन्यूक्लिओसिस और रूबेला
- कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा या कोई अन्य कैंसर
- कुछ दवा जैसे प्रोकैनामाइड, फेनोथिएज़िन और ओरल कंट्रासेप्टिव
ह्यूजस सिंड्रोम या एपीएल एंटीबॉडी सिंड्रोम (एपीएस) एक ऑटोइम्यून विकार है, जो रक्त को गाढ़ा कर देता है। प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा एपीएल एंटीबाडीज बनाए जाते हैं जिनसे प्लेटलेट्स जुड़ने लगती हैं जिससे खून के थक्के जमने लगते हैं।