एंटी-स्मूथ मसल एंटीबॉडी टेस्ट (एएसएमए) क्या है?
एएसएमए टेस्ट किसी व्यक्ति के रक्त में स्मूथ मसल के विरुद्ध बने एंटीबॉडीज की जांच करता है। स्मूथ मसल हमारे शरीर में पाई जाने वाली तीन तरह की मांसपेशियों में से एक होती है। एंटीबॉडीज विशेष प्रकार के प्रोटीन होते हैं जो कि हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली का एक भाग हैं। ये पैथोजन (बीमारी फैलाने वाले जीव) से लड़कर शरीर को संक्रमण से बचाते हैं। हालांकि, कुछ विशेष स्थितियों में व्यक्ति का शरीर अपनी ही कोशिकाओं व ऊतकों के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने लगता है। इन एंटीबॉडीज को ऑटोएंटीबॉडीज के नाम से जाना जाता है और इस समस्या को ऑटोइम्यून रोग कहते हैं।
मॉलिक्यूलर स्तर पर एंटीबॉडीज विशेष तत्व एंटीजन के खिलाफ बनाए जाते हैं ये एंटीजन पैथोजेनिक जीवों की सतह पर मौजूद होते हैं। हालांकि ऑटोइम्यून रोग में एंटीबॉडीज गलती से शरीर के कुछ प्रोटीन को एंटीजन समझ लेते हैं और इन्हें नष्ट करने लगते हैं। एएसएमए के मामले में यह एंटीजन एक्टीन है, जो स्मूथ मसल में पाया जाने वाला एक प्रोटीन होता है। एंटी-स्मूथ मसल एंटीबॉडीज लिवर की क्षति से संबंधित होते हैं। ये एंटीबॉडीज आमतौर पर दो तरह के होते हैं इम्यूनोग्लोब्युलिन जी (आईजीजी) और इम्यूनोग्लोब्युलिन एम (आईजीएम)।
हालांकि ऐसा माना जाता है कि लिवर संबंधी रोगों का पता लगाने में यह टेस्ट अधिक सटीक नहीं बैठता लेकिन टाइप 1 ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से ग्रस्त 70 प्रतिशत लोगों में एएसएमए पाया जाता है। इस एंटीबॉडी की कुछ मात्रा अन्य रोगों में पाई जाती है।