अमोनिया टेस्ट क्या है?
अमोनिया टेस्ट का उपयोग खून में अमोनिया के स्तर का पता लगाने के लिए किया जाता है। इस टेस्ट की मदद से हेपेटिक एन्सेफ्लोपैथी जैसे मस्तिष्क संबंधी विकारों का पता लगाया जाता है। इस रोग के दौरान शरीर में अधिक मात्रा में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाने के कारण मस्तिष्क सामान्य रूप से काम करना बंद कर देता है।
आंत में मौजूद सूक्ष्म जीव प्रोटीन को अवशोषित करके अमोनिया बनाते हैं। इसके बाद अमोनिया को लिवर द्वारा यूरिया में परिवर्तित किया जाता है। हेपेटाइटिस या लिवर सिरोसिस जैसी किसी भी स्थिति के कारण लिवर अमोनिया को यूरिया में बदलना बंद कर देता है और परिणामस्वरूप शरीर में अमोनिया की मात्रा बढ़ जाती है।
अमोनिया का बढ़ा हुआ स्तर रक्त के द्वारा मस्तिष्क में जा सकता है, जिस के कारण मस्तिष्क सम्बन्धी समस्याएं पैदा हो जाती हैं जैसे, भटकाव, नींद आना, थकान, कोमा और यहां तक कि कुछ मामलों में मरीज की मृत्यु भी हो सकती है।
यूरिया चक्र विकार (Urea cycle disorders) के लिए अमोनिया ब्लड टेस्ट को एक उच्च दर्जे का माना जाता है। (यूरिया चक्र एक अनुवांशिक विकार है, जिसमें शरीर में एक एंजाइम की कमी हो जाती है जो अमोनिया को हटाने में सहायक होता है)
इसे ब्लड अमोनिया टेस्ट या एनएच 3 टेस्ट के नाम से भी जाना जाता है।