एल्युमिनियम ब्लड टेस्ट क्या है?
एल्युमिनियम शरीर में पाया जाने वाला एक खनिज है। यह शरीर में क्या काम करता है, अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। यह शरीर में भोजन (रोजाना हम भोजन द्वारा पांच से दस मिलीग्राम तक एल्युमिनियम लेते हैं), पानी, दवाओं और त्वचा द्वारा पहुँचता है। आमतौर पर सारा एल्युमिनियम यूरिन द्वारा निकाल दिया जाता है। हालांकि लगातार और लंबे समय तक इस धातु से संपर्क होने के कारण यह शरीर से पूरी तरह से निकल नहीं पाता है। यह अतिरिक्त एल्युमिनियम फिर शरीर के विभिन्न भागों में जमा होने लग जाता है, विशेषकर हड्डियों, मस्तिष्क और पैराथायराइड ग्रंथियों में, जिसके कारण एल्युमिनियम की विषाक्तता हो जाती है।
एल्युमिनियम की फैक्टरी में या खदानों में काम करने वाले लोगों में इसकी विषाक्तता होने का अधिक खतरा होता है।
इसके अलावा, जिन मरीजों की किडनी खराब हो गई है, उनके शरीर से भी सामान्य रूप से एल्युमिनियम न निकल पाने के कारण एल्युमिनियम टॉक्सिसिटी होने का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी फेल जैसी गंभीर समस्याओं से ग्रस्त लोगों में एल्युमिनियम की विषाक्तता के कुछ अन्य कारक निम्न हैं:
- जब डायलिसिस की प्रक्रिया प्रभावी रूप से रक्त में से एल्युमिनियम को निकाल ना पाए।
- जब एल्युमिनियम कुछ दवाओं से अवशोषित किया जाता है, जैसे एल्युमिनियम युक्त एंटासिड्स।
- जब डायलिसिस के द्रव में एल्युमिनियम के तत्व मिलना।
एल्युमिनियम की विषाक्तता उपरोक्त कारणों से हुई है, इस बात का पता लगाने के लिए एल्युमिनियम टेस्ट किया जा सकता है। किडनी फेलियर के मरीज जिसके शरीर में एल्युमिनियम के तत्व पाए गए हैं उनमें यह एक नियमित टेस्ट के रूप में भी किया जा सकता है, ताकि एल्युमिनियम जमाव की मात्रा का पता लगाया जा सके।