अगर आपके शरीर के किसी हिस्से पर थोड़ा सा कट जाए तो वहां हल्के हाथों से दबाकर खून बहने से रोकें। इसके बाद अगर जरूरत हो तो वहां पर किसी पट्टी से बांध दें। इससे खून बहना बंद हो सकता है। यह प्रक्रिया सुनने में जितनी आसान लग रही है, उतनी होती नहीं है। यहां तक कि दाढ़ी बनाते समय गलती से कहीं पर थोड़ा सा कट जाने जितने घाव को भरने के लिए भी हमारे शरीर में जटिल रासायनिक प्रक्रियाओं की एक श्रृंखला होती है। 

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खून रोकने के लिए खून बहने वाली जगह पर क्लॉटिंग फैक्टर नाम के प्रोटीन्स के मिश्रण को शरीर द्वारा सप्लाई किया जाता है। एक तरह से हम कह सकते हैं कि हमारा शरीर घाव भरने या खून रोकने के लिए खुद भी जरूरी प्रोटीन्स के मिश्रण को घाव पर छोड़ता है। वो प्रोटीन्स एक विशेष रूप से साथ मिलकर खून का थक्का बना लेते हैं। जिसके कारण खून का बहना रुक जाता है। आमतौर पर यह तंत्र इसी तरह से काम करता है, किन्तु यदि यह सही तरीके से काम न करे तो आप पाएंगे कि आपको थोड़ी सी चोट लगने पर भी जल्द ही खून बहने लगता है, जल्दी छिल जाता है या फिर आपके खून की नसों में ऐसी जगहों पर थक्का बन जाता है, जहां नहीं बनना चाहिए। पीटीटी टेस्ट के माध्यम से डॉक्टर यही पता करते हैं कि आपके खून का थक्का बनने में कितने सेकंड का समय लगता है। 

  1. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट क्या होता है? - What is Activated Partial Thromboplastin Time Test in Hindi?
  2. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट क्यों किया जाता है? - What is the purpose of APTT Test in Hindi?
  3. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट से पहले - Before APTT Test in Hindi
  4. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट के दौरान - During APTT Total Test in Hindi
  5. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? - What are the Risks associated with APTT Test in Hindi?
  6. ऐक्टिवेटेड पार्शियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल वैल्यू - APTT Test Result and Normal Value in Hindi

हमारा शरीर खून का थक्का बनने वाले कई फैक्टर्स तैयार करता है। शरीर में इनकी मात्रा कम होने पर शरीर में हड़्डियों के टूटने या फिर किसी तरह की ब्लीडिंग होने पर खून के थक्के बहुत देर से बनते हैं। एपीटीटी टेस्ट इन्हीं फैक्टर्स में से एक की जांच करता है कि वह किस तरह से काम कर रहा है। इस टेस्ट को हमेशा पीटी यानी प्रोथ्रोम्बिन टाइम नाम के एक टेस्ट के साथ किया जाता है। पीटी भी खून के थक्के बनाने वाले एक और फैक्टर की जांच करता है। 

(और पढ़ें - चोट लगने पर क्या करें)

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डॉक्टर हमें इस जांच की सलाह खून बहने से संबंधित समस्याओं जैसे हीमोफीलिया या नॉन विलेब्रैंड जैसे बीमारियों की जांच के लिए करवा सकते हैं। ब्लीडिंग जैसी समस्याओं के लक्षण निम्नलिखित हैं: 

  • बहुत जल्द खून बहने लगना या फिर छिल जाना।
  • अक्सर ऐसी जगहों पर खून के थक्के बन जाना, जहां नहीं बनना चाहिए।
  • मल या यूरीन में खून आना
  • ऐसे मसूड़े, जिनसे बहुत जल्द खून आने लगता है।
  • महिलाओं में बहुत ज्यादा मासिक धर्म होना।
  • नाक से खून बहना, सूजन या जोड़ों में दर्द होना।

अगर आपको हेपेरिन थेरेपी दी जाती है तो भी आपको यह टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ सकती है। यह एक तरह की औषधि होती है, जो आपको हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी स्थितियों से बचाता है। पीटीटी टेस्ट यह जानने में मदद करता है कि आपको उचित खुराक मिल रही है या नहीं। इसके जरिए आप अनचाहे ब्लड क्लॉट (रक्त का थक्का जमना) को रोक सकते हैं।

(और पढ़ें - स्ट्रोक होने पर क्या करें

आपको टेस्ट करवाने की जरूरत है या नहीं, यह जानने के लिए सबसे पहले यह पता करें कि आपका खून आसानी से जमता है या नहीं। इसके अलावा यह भी समझें कि आपके इम्यून सिस्टम में क्या समस्या है। अपने लीवर की भी जांच करें कि यह किस तरह से काम कर रहा है क्योंकि खून का थक्का जमाने में मदद करता है।

(और पढ़ें - लिवर रोग के इलाज)

 

इस टेस्ट में आपको किसी तरह की कोई तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है। लेकिन जैसा कि अन्य टेस्ट में सुझाव दिया जाता है कि जांच से पहले अपने डॉक्टर से उन सभी तरह की दवाओं, औषधियों, विटामिन या अन्य तरह के किसी सप्लीमेंट्री ड्रग के बारे में बता दें, जिनका आप सेवन करते हैं। ब्लड थिनर, एस्परीन और एंटीहिस्टामिन जैसी दवाएं आपके टेस्ट के रिजल्ट को प्रभावित कर सकती हैं।   

(और पढ़ें - नशे की लत के इलाज)

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इस टेस्ट में सामान्य तौर पर खून का सैंपल लिया जाता है।  इसमें कुछ मिनटों का समय लगता है। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है: 

  • जिस जगह से खून का सैंपल लेना होता है, सबसे पहले उस जगह को अच्छे से साफ किया जाता है। 
  • अब जिस जगह से खून का सैंपल लेना होता है (हाथ की भुजा में) उस जगह पर एक इलास्टिक बैंड बांध दिया जाता है। इससे नसों में खून भरने के कारण नसें उभर आती हैं। 
  • अब नस में एक पतली सी सूई चुभोकर खून निकाला जाता है। सामान्य तौर पर यह प्रक्रिया आपकी कुहनी के पास की नस या हाथ के पिछले हिस्से में की जाती है। 
  • सैंपल ले लेने के बाद उस इलास्टिक बैंड को खोल देते हैं और वहां कोई बैंडेज बांध देते हैं। 

(और पढ़ें - हीमोग्लोबिन टेस्ट कैसे होता है)

सामान्यतौर पर सूई चुभोए जाने के समय आपको थोड़ी सी तकलीफ हो सकती है। चूंकि इस टेस्ट में आपके खून का सैंपल लिया जाता है इसीलिए आपको निम्नलिखित परेशानियां हो सकती हैं: 

 

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एपीटीटी टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल वैल्यू
नॉर्मल रिजल्ट :

एक्टिवेटेड पार्टियल थ्रोम्बोप्लास्टिन के नॉर्मल रेंज की सीमा 25 से 35 सेकंड है, जोकि रक्तस्राव या थक्के बनने से जुड़ी समस्या न होने और इंट्रिंसिक कोएगुलेशन पाथवे के सामान्य कार्य की ओर इशारा करती है।

एबनॉर्मल रिजल्ट :
असामान्य परिणामों को लंबे समय तक (> 40 सेकंड), छोटे (<30 सेकंड) और गंभीर स्तर (>100 सेकंड) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। लंबे और गंभीर स्तर रक्तस्राव से जुड़ी स्थितियों को इंगित करते हैं, जबकि इसके छोटे स्तर रक्त के थक्के बनने की स्थिति की ओर इशारा हो सकता है।

40 सेकंड से अधिक या लंबे समय तक का एपीटीटी निम्न स्थितियों का संकेत हो सकता है -

  • क्लॉटिंग फैक्टर्स की कॉग्नेटल डेफीसियंसी जैसे फैक्टर - VIII, IX, XI और XII, हेमोफिलिया ए और हेमोफिलिया बी
  • प्रीकैलिक्रियन की कॉग्नेटल डेफीसियंसी
  • वॉन विलेब्रांड रोग
  • लिवर सिरोसिस या क्रोनिक लिवर डिजीज
  • विटामिन के की कमी
  • डीआईसी
  • हेपरिन थेरपी

30 सेकंड से कम या छोटे स्तर का एपीटीटी निम्न स्थितियों को इंगित करता है

  • डीआईसी की शुरुआती स्थिति
  • व्यापक कैंसर
  • तीव्र रक्तस्राव के हालिया मामले

100 सेकंड से अधिक समय का एपीटीटी (गंभीर स्तर) इंगित करता है

  • रक्तस्राव
  • अत्यधिक मात्रा में ड्रग थेरपी (हेपारिन या वारफरिन थेरपी)

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Activated Partial Thromboplastin Clotting Time
  2. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Partial thromboplastin time (PTT)
  3. Vandiver JW, Vondracek TG. Antifactor Xa levels versus activated partial thromboplastin time for monitoring unfractionated heparin.. Pharmacotherapy. 2012 Jun;32(6):546-58. doi: 10.1002/j.1875-9114.2011.01049.x. Epub 2012 Apr 24.
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  5. Lab Tests Online. Washington D.C.: American Association for Clinical Chemistry; Coagulation Cascade
  6. Pagana KD, Pagana TJ, eds. (2010). Mosby's Manual of Diagnostic and Laboratory Tests. 4th ed. St. Louis: Mosby Elsevier; Chap 2. Blood Studies
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  9. Armando Tripodi, Veena Chantarangkul, Ida Martinelli, Paolo Bucciarelli and Pier Mannuccio Mannucci. A shortened activated partial thromboplastin time is associated with the risk of venous thromboembolism. Blood 2004 104:3631-3634; doi: https://doi.org/10.1182/blood-2004-03-1042
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