एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट क्या है?

लिम्फोसाइट सफेद रक्त कोशिका का एक प्रकार है, जो बोन मेरो में बनते हैं। ये कोशिकाएं हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण भाग हैं और शरीर में संक्रमण का कारण बनने वाले बैक्टीरिया, वायरस और कैंसर कोशिकाओं से बचाते हैं।

  • बी लिम्फोसाइट - वे एंटीबॉडीज बनाता है जो कि बाहरी पदार्थों (बैक्टीरिया या वायरस) से लड़ते हैं।
  • टी लिम्फोसाइट - शरीर की कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करते हैं। टी लिम्फोसाइट तीन भागों में वर्गीकृत किए जाते हैं :
    • साइटोटोक्सिक टी कोशिकाएं - इन्हें किलर टी सेल भी कहा जाता है ये बाहरी कोशिकाओं और कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करती हैं।
    • हेल्पर टी कोशिकाएं - ये बी कोशिकाओं और अन्य टी कोशिकाओं की प्रतिरक्षी प्रतिक्रिया में मदद करती हैं।
    • रेगुलेटरी टी कोशिकाएं - ऑटोइम्यून स्थितियों से बचाने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करती हैं। इसके अलावा ये इम्यून सिस्टम को पाचन तंत्र में मौजूद लाभदायक बैक्टीरिया को क्षति पहुंचाने से रोकता है।

एएलसी का स्तर रक्त में लिम्फोसाइट्स के स्तर जानने में मदद करता है।

  1. एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट क्यों किया जाता है - ALC (Absolute lymphocyte count) Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट से पहले - ALC (Absolute lymphocyte count) Test Se Pahle
  3. एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट के दौरान - ALC (Absolute lymphocyte count) Test Ke Dauran
  4. एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज - ALC (Absolute lymphocyte count) Test Result and Normal Range

एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट किसलिए किया जाता है?

लिम्फोसाइट टेस्ट से रक्त में मौजूद लिम्फोसाइट के स्तर का आकलन करने में मदद मिलती है। अगर आपके शरीर में किसी प्रकार का संक्रमण होने का संदेह है, तो डॉक्टर इस टेस्ट को करवाने की सलाह दे सकते हैं। सामान्य लक्षण जिन्हें देखकर डॉक्टर ये टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं, उनमें बुखार, कंपकपी, सिर दर्द, बदन दर्द और ऊर्जा की कमी आदि शामिल हैं। हालांकि, आमतौर पर यह टेस्ट अकेले नहीं किया जाता, इसके अलावा यह कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट के एक भाग के रूप में किया जाता है। इस टेस्ट को ब्लड डिफरेंशियल टेस्ट के नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि यह रक्त के अन्य तत्वों जैसे सफेद रक्त कोशिकाओं आदि के बारे में भी जानकारी देता है।

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एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट के लिए किसी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं होती है।

एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट के लिए रक्त की थोड़ी सी मात्रा ली जाएगी। निम्न प्रक्रिया के द्वारा डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर सैंपल ले लेंगे :

  • रक्त के प्रवाह को धीमा करने के लिए आपकी ऊपरी बांह में इलास्टिक बैंड बांधा जाएगा। इससे बैंड के नीचे की नसें फूल जाएंगी, जिससे सुई लगाने में आसानी होगी।
  • इंजेक्शन लगने वाली जगह को अल्कोहॉल युक्त दवा से साफ किया जाएगा। 
  • इसके बाद नस में सुई लगाकर ब्लड सैंपल ले लिया जाएगा। कभी-कभी सही नस ढूंढने के कारण एक से ज्यादा बार सुई लगाने की जरूरत होती है। सुई लगने से आपको हल्की सी चुभन हो सकती है।
  • ब्लड सैंपल लेने के लिए सुई के साथ एक ट्यूब को जोड़ा जाता है। ब्लड सैंपल लेने के बाद बांह से बैंड हटा दिया जाएगा।

ब्लड सैंपल लेने से कुछ जोखिम जुड़े हो सकते हैं जैसे :

  • ब्लड सैंपल लेने में कठिनाई
  • रक्त निकाली गई जगह से अत्यधिक रक्त स्राव
  • बेहोशी
  • हीमेटोमा (त्वचा में रक्त जमना)
  • सुई लगी जगह पर संक्रमण

हालांकि सही सावधानियां बरतने से इन खतरों को कम किया जा सकता है। कुछ मामलों में डॉक्टर ब्लड सैंपल की जगह बोन मेरो सैंपल ले सकते हैं।

एएलसी (एब्सोल्यूट लिम्फोसाइट काउंट) टेस्ट के परिणाम और नॉर्मल रेंज

सामान्य परिणाम

एएलसी टेस्ट रक्त में लिम्फोसाइट की संख्या का पता लगाता है। इसके अलावा टी व बी सेल की मात्रा का भी आकलन करता है। लिम्फोसाइट्स की सामान्य वैल्यू 0.90 से 2.90 x 109/L है। टी सेल लिम्फोसाइट का 80 प्रतिशत (800-3,200 cells/µL) होता है,  वहीं बी सेल टोटल लिम्फोसाइट का 10% से 15% (100-600 cells/µL) भाग होता है।

असामान्य परिणाम

लिम्फोसाइट की अधिक मात्रा संक्रमण ऑटोइम्यून डिजीज या कुछ प्रकार के ब्लड कैंसर की तरफ संकेत कर सकती है।

टी सेल काउंट की सामान्य से अधिक रेंज निम्न की तरफ संकेत करती है :

बी सेल काउंट की सामान्य से अधिक रेंज निम्न की ओर संकेत कर सकती हैं :

सामान्य से कम लिम्फोसाइट काउंट कुछ स्थितियों के कारण हो सकते हैं जैसे लिम्फोसाइटोपेनिया। इसके अलावा कुपोषण, गंभीर तनाव या अत्यधिक शारीरिक व्यायाम आदि के कारण भी यह स्थिति हो सकती है।


टी सेल काउंट की सामान्य से कम रेंज निम्न की ओर संकेत कर सकती है :

  • जन्म से ही रोग होना
  • ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी)
  • कैंसर
  • लिम्फोसाइटोपेनिया (एक स्थिति जिसमें संक्रमण, ऑटोइम्यून विकार, कैंसर ट्रीटमेंट या पोषण संबंधी स्थितियों के कारण लिम्फोसाइट काउंट सामान्य से कम हो जाते हैं)

बी सेल काउंट की सामान्य से कम रेंज निम्न की ओर संकेत कर सकती है :

  • एक्यूट ल्यूकेमिया
  • एचआईवी

संदर्भ

  1. British Society for Immunology [internet]. London. U.K. Helper and Cytotoxic T Cells
  2. National Cancer Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; NCI Dictionary of Cancer Terms: complete blood count
  3. Cano RLE, Lopera HDE. Introduction to T and B lymphocytes. In: Anaya JM, Shoenfeld Y, Rojas-Villarraga A, et al., editors. Autoimmunity: From Bench to Bedside [Internet]. Bogota (Colombia): El Rosario University Press; 2013 Jul 18
  4. Larosa DF. 1. Lymphocytes. J Allergy Clin Immunol. 2008 Feb;121(2 Suppl):S364-9; quiz S412. PMID: 18241683.
  5. MedlinePlus Medical Encyclopedia: US National Library of Medicine; Blood differential test
  6. Cancer Quest. Emory Winship Cancer Institute. Atlanta. Georgia. U.S. Complete Blood Count (CBC)
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