एंटीबॉडीज हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा बनाए जाने वाले वे प्रोटीन हैं जो कि शरीर के संक्रमणों से लड़ने में और शरीर से बाहरी पदार्थों को खत्म करने में मदद करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों में एंटीबॉडीज गलती से शरीर की कोशिकाओं पर हमला करने लगते हैं, जिससे ऊतक क्षतिग्रस्त होने लगते हैं। इन एंटीबॉडीज को ऑटोएंटीबॉडीज कहते हैं और जिस स्थिति में ऑटोएंटीबॉडीज बनते हैं, उन्हें ऑटोइम्यून विकार कहते हैं। एंटी जो 1 एंटीबॉडी ऐसे ही एक एंटीबॉडी है, जो कि ऑटोइम्यून विकार के दौरान बनाए जाते हैं। एंटी जो-1 एंटीबॉडी ऐसा एंटीबॉडी है जो हिस्टीडील टीआरएनए सिन्थेटिस (जो-1) को क्षति पहुंचाते हैं। टीआरएनए सिन्थेटिस एक साइटोप्लास्मिक प्रोटीन है जो कि शरीर की सभी न्यूक्लियस वाली कोशिकाओं में मौजूद होता है।

एंटी जो-1 एंटीबॉडी टेस्ट रक्त में इन्ही एन्टीबॉडीज की जांच करता है ताकि, ऑटोइम्यून विकारों का पता लगाया जा सके।

यह टेस्ट कई टेस्टों के समूह जिसे एक्सट्रैक्टेबल न्यूक्लियर एंटीजन (ईएनए) कहा जाता है के भाग के रूप में किया जा सकता है। ईएनए पैनल ऐसे विभिन्न एंटीबॉडीज की जांच करने के लिए किया जाता है जो कि न्यूक्लियस वाली कोशिकाओं पर हमला करते हैं।

  1. एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट क्यों किया जाता है - Anti Jo-I antibody Test Kyu Kiya Jata Hai
  2. एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट से पहले - Anti Jo-I antibody Test Se Pahle
  3. एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट के दौरान - Anti Jo-I antibody Test Ke Dauran
  4. एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Anti Jo-I antibody Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

डॉक्टर एंटी जो-1 एंटीबॉडी टेस्ट की सलाह तब देते हैं, जब आपके शरीर में ऑटोइम्यून रोगों के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे -

एंटी जो -1 एंटीबॉडी की उपस्थिति आमतौर पर दो स्वप्रतिरक्षी रोगों से जुड़ी होती है - पॉलीमायोसिटिस और पल्मोनरी फाइब्रोसिस।

पॉलीम्योसिटिस एक रोग है जो कि मांसपेशियों में सूजन के कारण होता है। इसके निम्न लक्षण दिखाई देते हैं -

पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों के ऊतक क्षतिग्रस्त होने पर फेफड़ों में निशान पड़ने के कारण होता है। इसके निम्न लक्षण दिखाई देते हैं -

हालांकि, इस मामले में टेस्ट के परिणाम पॉजिटिव आ जाते हैं, लेकिन सटीक विकार का पता लगाने के लिए अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं।

यदि किसी ऑटोइम्यून विकार का परीक्षण किया जा चुका है तो यह टेस्ट उस विकार की स्थिति और विकास पर नजर रखने के लिए किया जाता है।

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एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट होता है, इसके लिए किसी भी विशेष तैयारी की जरूरत नहीं है।

एंटी जो 1 एंटीबॉडी टेस्ट के लिए रक्त की थोड़ी सी मात्रा की आवश्यकता होगी। डॉक्टर या लैब टेक्नीशियन आपकी बांह की नस में सुई लगाकर रक्त की थोड़ी सी मात्रा ले लेंगे। आपको सुई के लगने से दर्द नहीं होगा। हालांकि, हल्की सी चुभन महसूस हो सकती है।

ब्लड सैंपल लेने से कुछ खतरे जुड़े हुए हैं जैसे -

  • सैंपल लेने के लिए नस ढूंढने में कठिनाई
  • रक्त ली गई जगह से अत्यधिक रक्तस्त्राव
  • बेहोशी
  • हीमेटोमा (त्वचा के नीचे रक्त का जमाव)
  • सुई लगी जगह पर संक्रमण

आमतौर पर इम्यूनोग्लोब्युलिन जी (आईजीजी) टाइप एंटी जो-1 एंटीबॉडी के स्तर इस टेस्ट में मापे जाते हैं। ये वो एंटीबॉडी हैं जो कि रक्त में हमेशा मौजूद होते हैं और अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। इसीलिए इन्हें आसानी से पहचाना जा सकता है। परिणामों को यूनिट में लिखा जाता है।

सामान्य परिणाम -

< 1.0 U वैल्यू को नेगेटिव माना जाता है, जिसका मतलब है कि परिणाम सामान्य है। नेगेटिव परिणाम के अनुसार आपके रक्त में एंटी जो 1 एंटीबॉडी नहीं पाए गए हैं और दिखाई दे रहे लक्षण किसी ऑटोइम्यून रोग के कारण नहीं हैं।

असामान्य परिणाम -

> 1.0 U वैल्यू को असामान्य परिणाम या पॉजिटिव लिखा जाता है। इसका मतलब है कि आपके रक्त में एंटी जो 1 एंटीबॉडी मौजूद हैं। साथ ही यह संकेत करता है कि आप पॉलीमायोसिटिस या पल्मोनरी फाइब्रोसिस से ग्रस्त हो सकते हैं। डॉक्टर आपकी स्थिति की सम्पूर्ण जांच करने और परीक्षण की पुष्टि करने के लिए आगे अन्य टेस्ट कर सकते हैं।

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