3डी अल्ट्रासाउंड स्कैन में उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों (साउंड वेव्स) के जरिए आंतरिक अंगों की इमेज ली जाती है, जिसमें शिशु और गर्भनाल भी शामिल हैं। आमतौर पर इस अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल गर्भावस्था के दौरान किया जाता है।
भ्रूण के विकास का पता लगाने और प्रसव की तारीख जानने के लिए 3डी अल्ट्रासाउंड स्कैन की सलाह दी जाती है। अल्ट्रासाउंड से माता-पिता को भ्रूण में पल रहे शिशु की तस्वीरें देखने को मिलती हैं और उसकी धड़कन भी सुनाई देती है। इससे शिशु और माता-पिता के बीच गहरा रिश्ता बनने की शुरुआत होती है।
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एक ही मूल प्रक्रिया पर आधारित कई विभिन्न प्रकार की अल्ट्रासाउंड प्रक्रियाएं मौजूद हैं। गर्भ में भ्रूण की 3डी इमेज के लिए 3डी अल्ट्रासाउंड स्कैन में विशेष सॉफ्टवेयर के साथ ट्रांसड्यूसर प्रोब का प्रयोग किया जाता है। ये सामान्य या 2डी अल्ट्रासाउंड इमेज से अलग होता है और इसमें आने वाली तस्वीरें ज्यादा चौड़ी, लंबी और गहरी होती हैं। इससे शिशु के चेहरे और शरीर के कुछ हिस्से जैसे कि ऊंगलियां और पैर अच्छी तरह से नजर आते हैं।