वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट सर्जरी एक विशेष प्रोसीजर है, जिसकी मदद से हृदय मे मौजूद सेप्टम के छिद्र को सही किया जाता है। यह सेप्टम हृदय के निचले कक्ष में वेंट्रिकल्स के बीच में स्थित होता है। हृदय के सेप्टम में छिद्र होना आमतौर पर जन्मजात होता है। यदि छिद्र छोटा है तो वह आमतौर पर अपने आप बंद हो जाता है। अगर छिद्र बड़ा है तो वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट सर्जरी की मदद से उसे ठीक किया जाता है। वेंट्रिकुलर सेप्टम में छिद्र होने के कारण ऑक्सीजन युक्त रक्त में बिना ऑक्सीजन वाला रक्त मिलने लग जाता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत और वजन न बढ़ना आदि समस्याएं होने लगती हैं।
जैसा कि यह एक जन्मजात रोग है और बच्चे के एक साल का होने से पहले ही यह सर्जरी की जाती है। हालांकि, कुछ मामलों में यह सर्जरी बच्चे के 6 महीने से 2 साल का होने तक भी की जा सकती है। वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट सर्जरी से पहले मरीज के कुछ विशेष टेस्ट किए जाते हैं और साथ ही एक सहमति पत्र पर हस्ताक्ष किए जाते हैं।
यह ऑपरेशन होने में कुछ घंटों का समय लगता है और इसके बाद मरीज को आईसीयू में भर्ती करा दिया जाता है। आपको लगभग चार से पांच दिन रिकवरी वार्ड में रखा जाता है और फिर घर के लिए छुट्टी दे दी जाती है। यदि आपको सर्जरी के बाद सांस लेने में दिक्कत या बुखार जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो फिर डॉक्टर को इस बारे में बता दें।
(और पढ़ें - बच्चे को बुखार की दवा)