सर्जरी से पहले डॉक्टर खून पतला करने वाली, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रहे लोगों में हार्मोंस, हार्ट और डायबिटीज की दवा बंद कर सकते हैं।
मरीज को सर्जरी से एक या दो दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया जाता है। इस समय सारी जरूरी रिपोर्ट और दस्तावेज होने चाहिए। अस्पताल में भर्ती होने के बाद मरीज को हॉस्पीटल गाउन पहनाई जाती है और डॉक्टर देखने आते हैं।
डॉक्टर बताते हैं कि मरीज सर्जरी के लिए फिट है या नहीं और तरीज को प्रक्रिया, इसमें लगने वाले समय और संभावित जोखिमों, जटिलताओं और परिणाम के बारे में बताया जाता है।
सर्जरी से पहले के निर्देश
सर्जरी से पहले निम्न निर्देशों को मानना होता है :
- पहले से हो रखी किसी बीमारी की डॉक्टर द्वारा लिखी गई दवा को ले सकते हैं। चूंकि, यह एक बड़ी सर्जरी है इसलिए ऑपरेशन के दौरान खून की जरूरत पड़ने की स्थिति से निपटने की तैयारी पहले से ही कर ली जाती है।
- सर्जरी के जोखिम और परिणाम बताने के बाद मरीज और उसके रिश्तेदारों की अनुमति लेनी होती है।
- सर्जरी वाली जगह यानि पेल्विस, पेट और टांगों से बाल हटाना।
- सर्जरी से 8 से 10 घंटे पहले कुछ भी खाना-पीना बंद कर दें। ऑपरेशन से कुछ घंटे पहले हाथ ही नस में ड्रिप लगाकर जरूरी फ्लूड्स दिए जाते हैं।
- पेट साफ करने के लिए रेचक दिए जाते हैं।
- सर्जरी से पहले एंग्जायटी से बचने के लिए मरीज को बेहोशी की दवा दी जा सकती है।
सर्जरी वाले दिन
सर्जरी वाले दिन मरीज को ऑपरेशन थिएटर में लाया जाता है। मरीज को लिथोटोमी पोजीशन में लिटाया जाता है। इसमें मरीज पीठ के बल लेटता है और उसके पैर चौड़े होकर खुले होते हैं।
मरीज की धड़कन, बीपी, ऑक्सीजन सैचुरेशन, ब्रीदिंग आदि मॉनिटर करने के लिए मशीनें बॉडी से अटैच होती हैं। इंफेक्शन से बचने के लिए आईवी कैनुला से एंटीबायोटिक दी जाती हैं। सर्जरी के दौरान पेशाब करने के लिए कैथेटर लगाया जाता है। मरीज को बेहोश करने के लिए जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
एक मोल्ड बनाया जाता है जो तय की गई योनि जितनी लंबी और गहरी होती है। सर्जरी के दौरान और बाद में योनि की शेप और साइज को बनाए रखने के लिए मोल्ड होता है। यह तब तक रहता है जब तक कि आसपास के ऊतक ठीक न हो जाएं।
- सर्जरी किस लिए की जा रही है, उसी के आधार पर सर्जरी का तरीका अपनाया जाता है।
- योनि में ढीलपान होने
- विकृत ऊतक हटाने के लिए
- योनि की ओपनिंग छोटी होने
- अन्य हिस्सों को लगी चोट को ठीक करने और मूत्राशय एवं गुदा जैसे अंगों को सपोर्ट देने
- जन्म नलिका के छोटी या न होने वाले मरीजों में
- मूत्रमार्ग और गुदा के बीच में फंक्शनल मार्ग बनाया जाता है
- योनि की लाइनिंग बनाने के लिए ग्राफ्ट टिश्यू लगाना
- ज्यादा ऊतकों को हटाने
- कॉस्मेटिक लुक के लिए टिश्यू ग्राफ्टटिंग की जाती है।
- लिंग बदलने के लिए
- पुरुष के यौन अंग को आंशिक रूप से हटाकर, महिला के बाहरी यौन अंग बनाने
- मूत्र मार्ग और गुदा के बीच में फंक्शनल मार्ग बनाना
- योनि की लाइनिंग बनाने के लिए ग्राफ्ट टिश्यू लगाना
मरीज की जांघों या कूल्हों से स्किन लेकर ग्राफ्टिंग की जाती है। नए तरह के ग्राफ्टों में स्किन फ्लैप्स, एम्निओटिक झिल्लियां या बकल म्यूकोसा शामिल हैं। वैजिनोप्लास्ट, कॉस्मेटिक हो रही है या फंक्शनल, इसी के आधार पर सर्जरी में समय लगता है।
सर्जरी होने के बाद ऑपरेशन वाली जगह के आसपास खून जमने से रोकने के लिए पेल्विस में ड्रेंस लगाए जाते हैं। टांकों को बंद कर के मरीज को उसके कमरे में शिफ्ट किया जाता है।