जैसे ही आप अस्पताल आएंगे आपको अस्पताल के कपड़े पहना दिए जाएंगे। आपकी बांह में या फिर कोहनी के ऊपर की नस में एक कैथिटर लगाया जाएगा, ताकि आपको द्रव व दवाएं दी जा सकें। सर्जरी से पहले आपको एनेस्थीसिया दिया जाएगा, जिससे आप सर्जरी के दौरान सो जाएंगे और आपको दर्द नहीं होगा। यदि आपको हृदय, फेफड़े या किडनी के रोग हैं या फिर आप किसी दवा के प्रति एलर्जिक हैं या फिर शराब पीते हैं, धूम्रपान करते हैं तो फिर एनेस्थिसिया के कारण समस्याएं हो सकती हैं।
ऐसे लोग जिन्हें एनेस्थीसिया नहीं दिया जा सकता है और जिनका हर्निया छोटा होता है, उन्हें लोकल एनेस्थिसिया दिया जाता है, जिसमें केवल वही भाग सुन्न होता है, जिसका इलाज किया जाना है।
एनेस्थिसिया देने के बाद सर्जरी को दो तरह से किया जा सकता है - ओपन हर्निया रिपेयर सर्जरी या फिर लेप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर सर्जरी।
ओपन हर्निया रिपेयर सर्जरी - इस प्रक्रिया में निम्न होते हैं -
- सर्जन आपकी नाभि पर एक चीरा लगाएंगे
- इसके बाद हर्निया की पहचानकर उसे आगे की तरफ लाएंगे और आंत को पेट में पुश करेंगे
- हर्निया की ओपनिंग को टांकों से सिल दिया जाएगा
- यदि किसी व्यस्क को अम्बिलिकल हर्निया है तो ऐसे में डॉक्टर पेट में धागों से बना एक मैश पेट में रख देंगे
लेप्रोस्कोपिक हर्निया रिपेयर सर्जरी - यह प्रक्रिया निम्न तरह से होती है -
- सर्जन आपके पेट पर छोटे चीरे लगाएंगे
- इसके बाद चीरों के अंदर लेप्रोस्कोप को डाला जाएगा। लेप्रोस्कोप एक छोटा टेलिस्कोप की तरह दिखने वाला उपकरण है, जिसमें एक वीडियो कैमरा लगा होता है, जिसकी मदद से सर्जन आंतरिक अंगों को टेलीविज़न स्क्रीन पर देख पाते हैं
- सर्जन पेट की आंतरिक परत को काटकर कमजोर भाग को खोलेंगे
- इसके बाद डॉक्टर हर्निया की थैली को देखेंगे, जिसमें आंत जमी होगी और इसे वापस पेट में डाल देंगे। जरूरत पड़ने पर पेट की दीवार को ढकने के लिए धागों के मैश को पेट में रखा जा सकता है
- सर्जरी के बाद छोटे कट को टांकों व टेप से सिल दिया जाएगा
लेप्रोस्कोपिक प्रकिया के ओपन प्रक्रिया की तुलना में कुछ फायदे हैं जो कि इस प्रकार से हैं -
- इसमें छोटे चीरे लगाए जाते हैं
- इसमें सर्जरी के बाद दर्द कम होता है
- इससे ठीक होने में अधिक समय नहीं लगता है
सर्जरी के बाद डॉक्टर आपकी नब्ज, रक्तचाप और सांस की जांच करेंगे। आपको तब तक रिकवरी रूम में रहने को कहा जाएगा, जब तक आपके शरीर से एनेस्थीसिया का प्रभाव कम नहीं हो जाता।
अधिकतर मामलों में व्यक्ति को सर्जरी के दिन ही डिस्चार्ज कर दिया जाता है। हालांकि, बड़े हर्निया की सर्जरी में मरीज को कुछ दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ सकता है।