स्प्लेनोपेक्सी एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसकी मदद से पेट में हिलती-ढुलती स्प्लीन (प्लीहा) को उसकी सामान्य जगह पर स्थिर किया जाता है। स्प्लीन को हिंदी में तिल्ली या प्लीहा भी कहा जाता है, जो पेट के ऊपरी हिस्से में बाईं तरफ स्थित होता है। प्लीहा आमतौर पर आसपास के लिगामेंट की मदद से एक जगह पर स्थित होता है। हालांकि, यदि लिगामेंट कमजोर हैं या संख्या में सामान्य की तुलना में कम हैं, तो स्प्लीन हिलने लगता है। यह एक असामान्य स्थिति है, जिससे कई समस्याएं होने लगती हैं, जैसे एनीमिया, मल में खून और कमजोरी आदि। इस स्थिति से निपटने के लिए डॉक्टर स्प्लेनोपेक्सी सर्जरी कराने की सलाह देते हैं, जिससे स्प्लीन को एक जगह पर स्थिर कर दिया जाता है।
स्प्लीन अस्थिर होने की स्थिति का पता लगाने या उसकी पुष्टि करने के लिए डॉक्टर कुछ टेस्ट करते हैं जैसे अल्ट्रासाउंड या डॉपलर अल्ट्रासाउंड आदि। डॉक्टर आपको सर्जरी से कुछ घंटे पहले और बाद तक खाली पेट रहने की सलाह देते हैं। यह सर्जरी जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर की जाती है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको अपने स्वास्थ्य की विशेष देखभाल करने की सलाह देते हैं, ताकि आप सर्जरी के बाद जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकें।
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