जब हम प्लास्टिक सर्जरी का नाम सुनते हैं तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि ये एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति के बाहरी रंग-रूप और बनावट को बेहतर बनाया जाता है। उदाहरण के लिए- नोज जॉब (नाक की सर्जरी), ब्रेस्ट ऑगमेंटेशन (स्तन की वृद्धि), टमी टक (पेट कम करवाना) आदि। ये सभी कॉस्मेटिक सर्जरी हैं जो प्लास्टिक सर्जरी का एक अहम हिस्सा हैं लेकिन प्लास्टिक सर्जरी का मतलब सिर्फ इस तरह की सर्जरी ही नहीं है।
प्लास्टिक सर्जरी में रीकंस्ट्रक्टिव यानी पुनर्निर्माण सर्जरी भी शामिल होती है। इन सर्जरियों के माध्यम से चेहरे और शरीर पर दिखने वाली कई तरह की त्रुटियों का समाधान किया जा सकता है। (केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी त्रुटियों को छोड़कर) उदाहरण के लिए- जन्मजात दोष जैसे- कटे-फटे होंठ, हथेली में अतिरिक्त उंगली या फिर शरीर पर जलने के निशान, कैंसर या टोसिस (ptosis) जैसी समस्याओं के लिए की जाने वाली सर्जरी।
कई बार प्लास्टिक सर्जरी की मदद से शरीर की कई क्रियाओं को भी फिर से पहले जैसा करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए- अगर दुर्घटना के बाद हाथ या पैर में कोई विकृति या विकलांगता आ जाए तो प्लास्टिक सर्जरी की मदद से उस विकृति को दूर कर शरीर के उस हिस्से के कार्य करने के तरीके को फिर से पहले जैसा किया जा सकता है।
प्लास्टिक सर्जरी यह शब्द यूनानी भाषा (ग्रीक शब्द) प्लास्टिकोज से आया है जिसका अर्थ है सांचे में ढालना या आकार देना। जब जैसी जरूरत हो उसके हिसाब से सभी उम्र और समुदाय के लोग प्लास्टिक सर्जरी करवा सकते हैं। वर्ल्ड प्लास्टिक सर्जरी डे के मौके पर हम आपके लिए सम्मिलत जानकारी लेकर आए हैं कि आखिर प्लास्टिक सर्जरी क्या है और अगर आप इसे करवाने की सोच रहे हैं तो किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।