पेरिकार्डेक्टमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसकी मदद से पेरिकार्डियम के पूरे या कुछ हिस्से को निकाल दिया जाता है। पेरिकार्डियम द्रव से भरी एक थैली होती है, जो हृदय के चारों तरफ मौजूद होती है। पेरिकार्डियम का मुख्य कार्य हृदय को संक्रमण से बचाना और अन्य अंगों के साथ घर्षण होने से बचाना होता है। जैसा कि हृदय को रक्त पंप करने के लिए हर समय हिलना-ढुलना पड़ता है, तो इस दौरान पेरिकार्डियम इसे आस-पास के अंगों से रगड़ खाने से बचाती है।
हालांकि, ट्यूबरकुलोसिस जैसे कुछ रोग भी हैं, जिनके कारण पेरिकार्डियम सख्त हो जाती है और परिणामस्वरूप हृदय स्वतंत्र रूप से हिल-ढुल नहीं पाता है। यदि ऐसी स्थिति का इलाज न किया जाए, तो इसके कारण हृदय काम करना बंद (हार्ट फेलियर) कर सकता है। पेरिकार्डेक्टमी ऐसी सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसकी मदद से पेरिकार्डियम के सख्त होने पर विकसित होने वाले लक्षणों से छुटकारा पाया जाता है और उन्हें बदतर होने से रोका जाता है। पेरिकार्डेक्टमी सिर्फ तभी की जाती है, जब स्थिति का इलाज करने के लिए कोई अन्य मेडिकल उपचार काम न कर पाए।
यह सर्जिकल प्रक्रिया आमतौर पर सामान्य एनेस्थीसिया लगाकर की जाती है। सर्जरी के बाद कम से कम एक हफ्ते के लिए आपको अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता होती है। कभी-कभी आपके स्वास्थ्य के अनुसार सामान्य से अधिक समय भी लग सकता है। सर्जरी के लगभग तीन महीनों के बाद ही आप अपनी रोजाना की सामान्य गतिविधियांं फिर से कर पाते हैं। हालांकि, कभी-कभी यह आपके स्वास्थ्य और आप क्या काम करते हैं आदि पर भी निर्भर करता है।
(और पढ़ें - हार्ट बाईपास सर्जरी कैसे की जाती है)