ऑर्किओपेक्सी एक सर्जिकल प्रोसीजर है, जिसे अन्डीसेंडेड टेस्टिकल की स्थिति में किया जाता है। अन्डीसेंडेड टेस्टिकल को हिन्दी भाषा में गुप्तवृषणता कहा जाता है। सामान्य रूप से जब बच्चा पेट में होता है, तो गर्भावस्था के अंतिम दिनों में शिशु के वृषण अंडकोष की थैली में उतर जाते हैं। हालांकि, यदि बच्चे के जन्म लेने के छह दिन बाद भी वृषण अंडकोष की थैली में न उतर पाएं तो ऑर्किओपेक्सी सर्जरी की जाती है। ऑर्किओपेक्सी सर्जरी की मदद से भविष्य में प्रजनन क्षमता में कमी, वृषण कैंसर या हर्निया आदि होने के खतरे को कम किया जा सकता है।
सर्जरी से पहले डॉक्टर बच्चे की शारीरिक जांच व कुछ अन्य नैदानिक परीक्षण करते हैं जैसे अल्ट्रासाउंड, ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट आदि। सर्जरी से पहले आपके बच्चे को खाली पेट रहना पड़ता है, जिसके लिए डॉक्टर सर्जरी से पहले वाली आधी रात के बाद बच्चे को स्तनपान न करवाने की सलाह देते हैं। सर्जरी शुरू करने से पहले ही आपको एक सहमति पत्र दिया जाएगा, जिसको अच्छे से पढ़कर हस्ताक्षर करना होता है। ऑर्किओपेक्सी सर्जरी को एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है और इसे पूरा होने में लगभग एक घंटे का समय लगता है। यदि आपके बच्चे को स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य समस्या नहीं है, तो उसे सर्जरी वाले दिन ही घर भेजा जा सकता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर बच्चे को ढीले-ढाले व आरामदायक कपड़े पहनाने की सलाह दे सकते हैं।
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