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ओपन रिडक्शन एंड इंटर्नल फिक्सेशन एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें बांह या टांग की टूटी हुई हड्डी को फिर से जोड़ा जाता है। इस प्रोसीजर को दो अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है या फिर एक ही बार में की जा सकती है। इस सर्जरी में पहले एक चीरा लगाते हैं, जिसकी मदद से हड्डी तक पहुंच कर उन्हें सीधी रेखा में किया जाता है। इस प्रक्रिया को ओपन रिडक्शन कहा जाता है। इसके बाद हड्डी को प्लेट, पेंच, कील या छड़ आदि की मदद से उस जगह पर स्थिर किया जाता है, जिस प्रक्रिया को इंटर्नल फिक्सेशन कहा जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर को आमतौर पर तब किया जाता है, जब हड्डी गंभीर रूप से टूट गई हो या फिर हड्डी के कई टुकड़े हो गए हों। दुर्घटना के मामलों में यह सर्जरी तुरंत की जाती है, यदि सर्जरी को योजना बनाकर किया जा रहा है तो मरीज को उस दिन खाली पेट रहना पड़ता है। सर्जरी के दौरान और बाद में कुछ दिन तक प्रभावित बांह पर प्लास्टर लगाकर रखना पड़ता है।

इस सर्जरी प्रोसीजर को आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है और साथ ही स्पाइनल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दिया जा सकता है जो दर्द को नियंत्रित करने का काम करती है। सर्जरी के बाद आपको अपनी सर्जरी वाली बांह या टांग को हिलाने से रोका जाता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको फिजिकल थेरेपी करवाते हैं और साथ ही कुछ शारीरिक गतिविधियां करने से परहेज करने को कहते हैं। इसके अलावा घाव, सूजनदर्द को ठीक करने के लिए दवाएं आदि भी दी जाती हैं।

(और पढ़ें - हड्डी में दर्द के लक्षण)

  1. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन क्या है - What is Open reduction internal fixation in Hindi
  2. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन किसलिए की जाती है - Why is Open reduction internal fixation in Hindi
  3. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन से पहले - Before Open reduction internal fixation in Hindi
  4. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन के दौरान - During Open reduction internal fixation in Hindi
  5. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन के बाद - After Open reduction internal fixation in Hindi
  6. ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन की जटिलताएं - Complications of Open reduction internal fixation in Hindi
ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन के डॉक्टर

ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन क्या है?

ओपन रिडक्शन एंड इंटर्नल फिक्सेशन को ओआरआईएफ प्रोसीजर भी कहा जाता है, जिसे टूटी हुई बांह या टांग को ठीक करने के लिए किया जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर के दो अलग-अलग चरण होते हैं, जो इस प्रकार हैं -

  • ओपन रिडक्शन -
    इस स्टेप में प्रभावित हड्डी के ऊपर की त्वचा में चीरा लगाया जाता है और हड्डी को टूटी हुई ह्डियों को जोड़कर सामान्य पोजीशन में लाया जाता है।
     
  • इंटर्नल फिक्सेशन -
    इस प्रक्रिया में कुछ विशेष उपकरणों जैसे पेंच, कील, छड़ व प्लेट आदि का इस्तेमाल किया जाता है।

टूटी हुई हड्डी (फ्रैक्चर) का इलाज आमतौर पर प्लास्टर से किया जाता है और दवाओं से दर्द को नियंत्रित किया जाता है। हालांकि, यदि फ्रैक्चर गंभीर है और टूटी हुई हड्डी के टुकड़े इधर-उधर सरक गए हैं, तो सर्जन ओआरआईएफ प्रोसीजर करते हैं, ताकि हड्डी को गलत पोजीशन में जुड़ने से रोका जाए। यह सर्जरी हड्डी को सही पोजीशन में जुड़ने और जल्दी स्वस्थ होने में मदद करती है। यदि किसी दुर्घटना के कारण हड्डी टूटी है, तो सिर्फ आवश्यक तैयारियां करके जल्द से जल्द ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन सर्जरी शुरू की जाती है।

(और पढ़ें - हाथ में फ्रैक्चर के लक्षण)

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ओआरआईएफ प्रोसीजर क्यों किया जाता है?

यदि आपकी बांह या टांग की हड्डी टूट गई है, जो अपने आप सामान्य पोजीशन में ठीक नहीं हो सकती है। यह सर्जरी आमतौर पर निम्न स्थितियों में की जाती है -

  • जोड़ अपनी जगह से हिल जाना
  • हड्डी कई टुकड़ों में टूट जाना
  • अन्य इलाज प्रक्रियाओं से हड्डी ठीक न हो पाना
  • जब हड्डी टूट कर त्वचा के अंदर से निकल जाती है
  • हड्डी के कई टुकड़े हो जाना

ओआरआईएफ सर्जरी किसे नहीं करवानी चाहिए?

कुछ स्थितियां है, जिनमें ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन नहीं की जाती है या फिर विशेष ध्यान रखते हुए इसे किया जाता है -

  • टूटी हुई हड्डी के ऊपर गंभीर घाव और साथ ही नरम ऊतक (जैसे मांसपेशियां क्षतिग्रस्त होना)
  • घाव का संक्रमित होने का डर रहना
  • शरीर की एक से अधिक प्रणालियां क्षतिग्रस्त होना (मल्टीपल ट्रॉमा)
  • आपको एक साथ कई रोग होना

(और पढ़ें - घाव की ड्रेसिंग कैसे करें)

ओआरआईएफ सर्जरी से पहले क्या तैयारी की जाती है?

ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन सर्जरी से पहले निम्न तैयारियां करने की आवश्यकता पड़ती है -

  • सबसे पहले आपका शारीरिक परीक्षण किया जाता है और आपके स्वास्थ्य संबंधी पिछली सभी जानकारियां ली जाती हैं। इस दौरान आपके एक्स रे, एमआरआई और सीटी स्कैन किए जाते हैं, जिसकी मदद से प्रभावित हिस्से की गंभीरता का पता लगाया जाता है।
  • यदि आप कोई दवा, हर्बल उत्पाद, विटामिन, मिनरल या फिर कोई अन्य सप्लीमेंट लेते हैं, तो इस बारे में डॉक्टर को बता दें। डॉक्टर इनमें से आपको कुछ दवाएं निश्चित दिनों तक न लेने को कहते हैं, जिनमें मुख्य रूप से रक्त पतला करने वाली दवाएं शामिल हैं जैसे एस्पिरिन, वारफेरिन और विटामिन ई आदि।
  • यदि आपको कोई रोग या एलर्जी आदि की समस्या है, तो डॉक्टर को इस बारे में बता दें। यदि आप गर्भवती हैं या गर्भधारण करने की सोच रही हैं, तो भी डॉक्टर को बता दें।
  • आपको अपने साथ किसी करीबी रिश्तेदार या मित्र को लाने को कहा जाता है, ताकि वे सर्जरी से पहले और बाद के कार्यों में आपकी मदद कर सकें।
  • यदि सर्जरी किसी दुर्घटना के कारण नहीं की जा रही है, तो आपको खाली पेट अस्पताल बुलाया जाता है। ऐसा करने से आपको सर्जरी के दौरान उल्टी व मतली जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
  • यदि आप धूम्रपान या शराब पीते हैं, तो आपको सर्जरी से कुछ समय पहले और बाद तक इसे छोड़ने को कहा जाता है, ताकि आपके सर्जरी के घाव जल्दी ठीक हो सकें।
  • अंत में आपको या आपके परिवारजनों को एक सहमति पत्र दिया जाता है, जिसपर हस्ताक्षर करके सर्जन को सर्जरी करने की अनुमति दी जाती है। हालांकि, सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने से पहले उसे एक बार अच्छे से पढ़ व समझ लेना चाहिए।

(और पढ़ें - धूम्रपान छोड़ने के घरेलू उपाय)

ओआरआईएफ सर्जरी कैसे की जाती है?

जब आप सर्जरी के लिए अस्पताल पहुंच जाते हैं, तो आपको एक विशेष ड्रेस (हॉस्पिटल गाउन) पहनने को दी जाती है। आपकी बांह में सुई लगाकर उसे इंट्रावेनस ड्रिप से जोड़ दिया जाता है। सर्जरी शुरू करने से पहले ही आपको जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दे दिया जाता है, जिससे आप सर्जरी के दौरान सोते रहते हैं और आपको कोई दर्द या तकलीफ महसूस नहीं होती है। इसके आलावा आपकी रीढ़ की हड्डी में भी एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगा दिया जाता है, जिससे आपको सर्जरी के दौरान और बाद में दर्द महसूस नहीं होता है। सर्जरी के दौरान लगातार आपके शारीरिक संकेतों पर नजर रखी जाती है, जैसे हार्ट रेट, पल्स रेट और ब्लड प्रेशर आदि।

जिस हिस्से की सर्जरी की जानी है, उसे एंटीसेप्टिक दवाओं से साफ किया जाता है। जब एनेस्थीसिया का असर शुरू हो जाता है, तो सर्जरी प्रोसीजर शुरू किया जाता है, जो कि कुछ इस प्रकार है -

  • टूटी हुई हड्डी के ऊपर की त्वचा व मांसपेशियों पर चीरा लगाया जाता है और हड्डी के टूटे हुए टुकड़ों को फिर से उनकी सही पोजीशन में जोड़ा जाता है।
  • इसके बाद पेच, छड़ या प्लेट आदि की मदद से एक जगह पर स्थिर किया जाता है। हड्डी के बाद क्षतिग्रस्त मांसपेशियों और त्वचा को ठीक किया जाता है।
  • जब फिक्सेशन प्रोसीजर पूरा हो जाता है, तो टांके लगाकर घाव को बंद कर दिया जाता है और फिर ऊपर पट्टी कर दी जाती है।
  • सर्जरी के हिस्से को सुरक्षित रखने के लिए प्रभावित अंग पर प्लास्टर लगा दिया जाता है।

इस सर्जरी को पूरा होने में कितना समय लगेगा यह प्रभावित हिस्से की गंभीरता पर निर्भर करता है। सर्जरी के बाद आपको रिकवरी वार्ड में भेज दिया जाता है, जहां पर आपके शारीरिक संकेतों पर नजर रखी जाती है। यदि आपकी बांह की सर्जरी हुई है, तो आपको सर्जरी के बाद एक या दो दिन तक रुकना पड़ता है। जबकी यदि आपकी टांग की सर्जरी की गई है, तो आपको कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ सकता है। अस्पताल से छुट्टी से पहले आपका कई बार एक्स रे टेस्ट किया जा सकता है, जिससे यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपकी हड्डी सही जुड़ी हुई है और सामान्य रूप से ठीक हो रही है।

ओआरआईएफ सर्जरी के बाद की देखभाल कैसे की जाती है?

सर्जरी के बाद आपको पूरी तरह से स्वस्थ होने में तीन से बारह महीने का समय लग सकता है, जिसे रिकवरी पीरियड कहा जाता है। रिकवरी पीरियड में आपको निम्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है -

  • दवाएं
    • सर्जरी के बाद आपको कुछ समय तक दर्द रह सकता है, जिसे नियंत्रित करने के लिए आपको कुछ दवाएं दी जा सकती हैं। इन दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेते रहना चाहिए।
    • आपको कुछ विशेष ब्लड थिनर दवाएं भी दी जाती हैं, जिससे सर्जरी के बाद रक्त के थक्के जमने का खतरा कम हो जाता है।
       
  • सूजन कम करना
    • सर्जरी के बाद आपको उस हिस्से में कुछ दिनों तक सूजन रह सकती है, जिसे कम करने के लिए आपको सर्जरी वाले अंग को छाती के स्तर से उंचाई पर रखने को कहा जाता है।
    • सूजन कम करने के लिए बर्फ की सिकाई करने को भी कहा जाता है।
       
  • शारीरिक गतिविधियां
    • सर्जरी वाले हिस्से पर अनावश्यक दबाव न डालें, जैसे कोई मेहनत का काम करना।
    • यदि टांग की सर्जरी हुई है, तो व्हीलचेयर या बैसाखी का सही से इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा।
    • डॉक्टर आपको फीजिकल थेरेपी के रूप में कुछ विशेष एक्सरसाइज सिखाते हैं, जिससे आपके प्रभावित अंग के हिलने-ढुलने की क्षमता वापस आती है।
    • सर्जरी के कुछ हफ्तों बाद आपको अपनी दिनचर्या के सामान्य कार्य शुरू करने  की अनुमति दी जा सकती है।
    • जब तक आपकी हड्डी पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती है, तब तक कोई भारी वस्तु न उठाएं।
  • आहार
  • घाव की देखभाल
    • आपको सर्जरी वाले हिस्से को साफ व सूखा रखने को कहा जाता है।
    • सर्जरी के बाद आपको नहाने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इस दौरान सर्जरी के घाव को किसी प्लास्टिक फिल्म के साथ ढकने को कहा जाता है, ताकि पानी अंदर न जा पाए।
    • आपको बाथटब या पूल में नहाने से मना किया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से घाव गीला हो सकता है।
    • डॉक्टर की सलाह के बिना घाव पर किसी प्रकार की क्रीम, लोशन या पाउडर आदि न लगाएं।

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन प्रोसीजर के बाद निम्न में से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से बात कर लेनी चाहिए -

  • तेज बुखार होना
  • ठंड लगना
  • सर्जरी वाले हिस्से में रक्त की कमी हो जाना
  • सीने में दर्द
  • सांस लेने में दिक्कत
  • घाव वाली जगह पर सूजन, लालिमा व द्रव स्राव होना
  • सर्जरी के आसपास वाले हिस्से में दर्द रहना
  • प्लास्टर में दरारें पड़ना
  • प्लास्टर के नीचे लंबे समय तक खुजली रहना
  • अत्यधिक दर्द रहना
  • हाथों व पैरों की उंगलियां सुन्न पड़ जाना और उनका रंग हल्का नीला या पीला हो जाना

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ओआरआईएफ प्रोसीजर से क्या जोखिम हो सकते हैं?

ओपन रिडक्शन इंटर्नल फिक्सेशन से निम्न जोखिम व जटिलताएं हो सकती हैं -

  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • नस क्षतिग्रस्त हो जाना
  • संक्रमण
  • ऑपरेशन वाले जोड़ में अकड़न होना
  • हड्डी पूरी तरह से स्वस्थ न हो पाना या हड्डी सीधी न जुड़ना
  • वसा जमा होने के कारण रक्त की सप्लाई रुक जाना (फैट एम्बोलिज्म)
  • प्रभावित अंग में सूजन होना और उसे हिलाने-ढुलाने पर दर्द होना
  • पेच या प्लेट टूट जाना
  • जोड़ अस्थिर होना
  • एनेस्थीसिया से एलर्जी होना
  • प्लेट, छड़ या पेच आदि के आसपास के ऊतकों में दर्द, जलन व अन्य तकलीफ होना
  • रक्त के थक्के जमना
  • हड्डी के अंदर लगाई गई छड़, प्लेट या पेच अपनी जगह से हिल जाना

(और पढ़ें - रक्तस्राव के लक्षण)

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संदर्भ

  1. Intermountain Healthcare [Internet]. Utah. US; Open Reduction and Internal Fixation (ORIF)
  2. Johns Hopkins Medicine [Internet]. The Johns Hopkins University, The Johns Hopkins Hospital, and Johns Hopkins Health System; Ankle Fracture Open Reduction and Internal Fixation
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