ओपन रिडक्शन एंड इंटर्नल फिक्सेशन एक सर्जरी प्रोसीजर है, जिसमें बांह या टांग की टूटी हुई हड्डी को फिर से जोड़ा जाता है। इस प्रोसीजर को दो अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है या फिर एक ही बार में की जा सकती है। इस सर्जरी में पहले एक चीरा लगाते हैं, जिसकी मदद से हड्डी तक पहुंच कर उन्हें सीधी रेखा में किया जाता है। इस प्रक्रिया को ओपन रिडक्शन कहा जाता है। इसके बाद हड्डी को प्लेट, पेंच, कील या छड़ आदि की मदद से उस जगह पर स्थिर किया जाता है, जिस प्रक्रिया को इंटर्नल फिक्सेशन कहा जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर को आमतौर पर तब किया जाता है, जब हड्डी गंभीर रूप से टूट गई हो या फिर हड्डी के कई टुकड़े हो गए हों। दुर्घटना के मामलों में यह सर्जरी तुरंत की जाती है, यदि सर्जरी को योजना बनाकर किया जा रहा है तो मरीज को उस दिन खाली पेट रहना पड़ता है। सर्जरी के दौरान और बाद में कुछ दिन तक प्रभावित बांह पर प्लास्टर लगाकर रखना पड़ता है।
इस सर्जरी प्रोसीजर को आमतौर पर जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है और साथ ही स्पाइनल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन भी दिया जा सकता है जो दर्द को नियंत्रित करने का काम करती है। सर्जरी के बाद आपको अपनी सर्जरी वाली बांह या टांग को हिलाने से रोका जाता है। सर्जरी के बाद डॉक्टर आपको फिजिकल थेरेपी करवाते हैं और साथ ही कुछ शारीरिक गतिविधियां करने से परहेज करने को कहते हैं। इसके अलावा घाव, सूजन व दर्द को ठीक करने के लिए दवाएं आदि भी दी जाती हैं।
(और पढ़ें - हड्डी में दर्द के लक्षण)