न्यूनतम इनवेसिव एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट रिपेयर एक सर्जरी प्रोसीजर है। इसे हृदय के ऊपरी हिस्से (दाएं व बाएं चैम्बर के बीच) में एक सेप्टल डिफेक्ट को बंद करने के लिए किया जाता है। इस स्थिति को एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट कहा जाता है। इस सर्जरी प्रोसीजर की मदद से ऑक्सीजन युक्त और बिना ऑक्सीजन वाले रक्त को आपस में मिलने से रोका जाता है। यदि एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट को बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए तो इससे “सायनोसिस” नामक रोग हो जाता है। सायनोसिस को हिन्दी भाषा में नीलिमा या नीलरोग भी कहा जाता है, जिसमें शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त की कमी होने के कारण त्वचा का रंग नीला पड़ने लगता है। सर्जरी से पहले आपके डॉक्टर कुछ डायग्नोस्टिक टेस्ट करते हैं, जिसकी मदद से सेप्टल की करीब से जांच की जाती है। इस सर्जरी को जनरल एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर किया जाता है।
सर्जरी के बाद आपको सर्जरी वाले घावों की विशेष रूप से देखभाल करने की आवश्यकता पड़ती है। सर्जरी के बाद तीन महीनों तक आपको डॉक्टर कई बार अस्पताल में बुला सकते हैं, जिस दौरान आपके स्वास्थ्य की जांच की जाती है।
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