महिला के जीवन में कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं जब न चाहते हुए भी उसे अपना गर्भाशय बाहर निकलवाना पड़ता है। ऐसा किसी गंभीर बीमारी की वजह से होता है जैसे फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रिओसिस, गर्भाशय कैंसर और सर्वाइकल कैंसर आदि। बच्चेदानी निकलवाने से महिलाओं की जान तो बच जाती है, लेकिन वो जीवन में फिर कभी मां नहीं बन पाती हैं। यही नहीं बच्चेदानी निकलवाने का असर उनकी सेक्शुअल लाइफ पर भी पड़ता है।
किसी भी सर्जरी के लंबे या कम समय तक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हिस्टेरेक्टॉमी के कारण दर्द और ब्लीडिंग जैसे साइड इफेक्ट झेलने पड़ सकते हैं। बच्चेदानी निकलवाने के बाद मां बन पाना असंभव है।
हिस्टेरेक्टॉमी का कुछ हफ्तों तक सेक्शुअल लाइफ पर भी असर पड़ता है। तो चलिए जानते हैं कि हिस्टेरेक्टॉमी किस तरह आपकी सेक्शुअल लाइफ को प्रभावित करती है।
(और पढ़ें - गर्भाशय की सफाई कैसे होती है)
कब तक करें इंतजार
अमेरिकन काॅलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिएशन एंड गायनेकोलॉजिस्ट के अनुसार बच्चेदानी निकलवाने (हिस्टेरेक्टॉमी) के बाद महिलाओं को 6 हफ्ते तक सेक्स और इससे जुड़ी गतिविधियों से दूर रहना चाहिए। हर महिला को सर्जरी के बाद पूरी तरह ठीक होने में कम या ज्यादा समय लग सकता है। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जब तक आप पूरी तरह से ठीक महसूस न करें और योनि से स्राव रुक न जाए, तब तक सेक्स से दूर रहें। इसमें औसतन 6 से 8 सप्ताह का समय लगता है।
(और पढ़ें - योनि में दर्द के कारण)
हालांकि, यह कह पाना मुश्किल है कि बच्चेदानी निकलवाने के बाद महिला में सेक्स की चाह कब तक सामान्य हो पाती है। जैसा कि पहले भी बताया गया है कि कुछ महिलाओं को बच्चेदानी निकलवाने के बाद कई सप्ताह तक ब्लीडिंग और दर्द होता है, जिस वजह से उनमें सेक्स की चाह कम हो सकती है। इसके साथ ही यह सर्जरी महिला को मानसकि रूप से भी प्रभावित करती है। किस वजह से महिला की बच्चेदानी निकलवाई गई है, यह बात भी उसकी सेक्शुअल लाइफ पर असर डाल सकती है।
(और पढ़ें - बच्चेदानी में सूजन का कारण)
कितने प्रकार की होती है हिस्टेरेक्टॉमी
हिस्टेरेक्टॉमी निम्न प्रकार की होती हैः
- टोटल हिस्टेरेक्टॉमी, इसमें पूरा गर्भाशय और सर्विक्स निकाल दिया जाता है।
- आंशिक (पार्शियल) हिस्टेरेक्टॉमी जिसमें पूरा गर्भाशय और सर्विक्स का कुछ हिस्सा निकाला जाता है लेकिन योनि के ऊपर मौजूद सर्विक्स का हिस्सा हटाया नहीं जाता है।
- रेडिकल हिस्टेरेक्टॉमी, इसमें पूरा गर्भाशय, सर्विक्स, सर्विक्स के आसपास मौजूद टिश्यू, योनि का ऊपरी हिस्सा पूरी तरह निकाल दिया जाता है। ऐसा कैंसर के इलाज के रूप में किया जाता है।
- कुछ मामालों में सिर्फ अंडाशय या फिर फैलोपियन ट्यूब निकाली जाती है।
- इस प्रक्रिया के बाद महिला की माहवारी पूरी तरह बंद हो जाती है और भविष्य में वह कभी गर्भवती नहीं हो सकती है। ओवरी निकाले जाने पर महिला को मेनोपाॅज से जुड़े लक्षण जैसे गर्मी लगना, नींद आने में दिक्कत हो सकती है।
(और पढ़ें - बच्चेदानी में गांठ होने के लक्षण)
क्या सर्जरी के बाद सेक्स करने में दर्द होता है?
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद महिला की सेक्स में रुचि रहती है या नहीं, उसे सेक्स के दौरान दर्द होता है या नहीं, ये सब बातें हिस्टेरेक्टॉमी के तरीके पर निर्भर करती हैं। 2014 में 'करेंट सेक्शुअल' में प्रकाशित हुए एक अध्ययन से पता चलता है कि हिस्टेरेक्टॉमी करवा चुकी 10 से 20 फीसदी महिलाओं को सेक्स और यौन संतुष्टि पाने में तकलीफ हो सकती है। अच्छी बात यह है कि यदि हिस्टेरेक्टॉमी करवाने से पहले आपकी सेक्स लाइफ अच्छी थी, तो सर्जरी के बाद अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में आपको कम समय लगेगा।
यहां तक कि कुछ महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी करवाने के बाद सेक्स में ज्यादा मजा आता है क्योंकि अब सेक्स में पहले की तरह दर्द और तकलीफ नहीं होती। हालांकि, यह भी सच है कि सर्जरी के बाद आपके शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जो यौन क्रिया में बाधा डाल सकते हैं।
हिस्टेरेक्टॉमी के बाद होने वाली यौन समस्याएं
हिस्टेरेक्टॉमी करवाने वाली सभी महिलाओं को यौन समस्याएं नहीं होती हैं लेकिन कुछ महिलाओं को निम्न समस्याएं हो सकती हैं-
- कामेच्छा का खत्म होना :
हिस्टेरेक्टॉमी में ओवरी निकालने की वजह से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होने लगती है। नतीजतन, महिला में सेक्स की चाह पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
- पेल्विक फ्लोर में कमजोरी :
सर्जरी के बाद महिलाएं कीगल एक्सरसाइज कर पेल्विक मसल्स को मजबूत कर सकती हैं। इस तरह वह अपनी सेक्स लाइफ को बेहतर कर सकती हैं।
- योनि का सूखापन :
कुछ महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी के बाद योनि में सूखापन महसूस हो सकता है। इस समस्या से वह लुब्रिकेंट या नारियल तेल की मदद से छुटकारा पा सकती हैं।
- योनि में उत्तेजना में कमी :
कुछ महिलाओं ने बताया कि सेक्स के दौरान उन्हें योनि में उत्तेजना कम महसूस होने लगी। इसका महिलाओं की ऑर्गेज्म की क्षमता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि योनि के क्लाइटोरिस और लेबिआ हिस्से बहुत उत्तेजित होते हैं। हालांकि, सर्जरी के बाद सेक्स पोजीशन और सेक्स के तरीके में बदलाव कर इस समस्या को दूर किया जा सकता है।